आगर मालवा। लकड़ी माफिया इन दिनों हरे-भरे पेड़ों को काटकर जंगलों को छलनी करने के काम मे जुटे हुए हैं. एक बार फिर सारंगपुर मार्ग पर स्थित बाग़रीखेड़ा गांव में सड़क किनारे लकड़ी माफियाओं ने दर्जनों हरे-भरे नीम के पेड़ों को काट दिया. आए दिन हो रही पेड़ों की अवैध कटाई के बाद भी जिम्मेदार लकड़ी माफियाओं पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं.
बता दें कि जिला मुख्यालय के आसपास के गांवों में लकड़ी माफियाओं ने अपना डेरा जमा रखा है. दिन में ये हरे-भरे पेड़ों को काटते हैं और रात होने के बाद इन्ही पेड़ों को ट्रकों में भरकर बाहर भेज देते हैं. बाग़रीखेड़ा में दर्जनों नीम के पेड़ प्रकृति के खुशनुमां बना रहे थे, लेकिन माफियाओं ने इन पेड़ों को काट दिया. इस मार्ग से कई जिम्मेदार अधिकारियों का निकलना होता है, लेकिन किसी ने इस ओर ध्यान देना तक उचित नहीं समझा.
ज्ञात हो कि क्षेत्र में बीते दिनों बापचा और कराड़िया गांव के बीच लकड़ी माफियाओं ने सड़क के किनारे लगे दर्जनभर से अधिक नीम के पेड़ों को जड़ से मिटा दिया था. यहां पर अधिकारियों को सूचना की गई थी, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. बताया जा रहा है कि क्षेत्र में कटने वाले इन पेड़ों की लकड़ियां रात में ट्रकों में भरकर बाहर भेजी जाती हैं.
माफियाओं ने उजाड़ी बजइखेड़ा की बगिया, काटे कई नीम के पेड़
आगर मालवा में लड़की माफियाओं का कहर लगातार जारी है. आए दिन ये माफिया हरे भरे पेड़ों को काट देते हैं. लेकिन इन पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.
आगर मालवा। लकड़ी माफिया इन दिनों हरे-भरे पेड़ों को काटकर जंगलों को छलनी करने के काम मे जुटे हुए हैं. एक बार फिर सारंगपुर मार्ग पर स्थित बाग़रीखेड़ा गांव में सड़क किनारे लकड़ी माफियाओं ने दर्जनों हरे-भरे नीम के पेड़ों को काट दिया. आए दिन हो रही पेड़ों की अवैध कटाई के बाद भी जिम्मेदार लकड़ी माफियाओं पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं.
बता दें कि जिला मुख्यालय के आसपास के गांवों में लकड़ी माफियाओं ने अपना डेरा जमा रखा है. दिन में ये हरे-भरे पेड़ों को काटते हैं और रात होने के बाद इन्ही पेड़ों को ट्रकों में भरकर बाहर भेज देते हैं. बाग़रीखेड़ा में दर्जनों नीम के पेड़ प्रकृति के खुशनुमां बना रहे थे, लेकिन माफियाओं ने इन पेड़ों को काट दिया. इस मार्ग से कई जिम्मेदार अधिकारियों का निकलना होता है, लेकिन किसी ने इस ओर ध्यान देना तक उचित नहीं समझा.
ज्ञात हो कि क्षेत्र में बीते दिनों बापचा और कराड़िया गांव के बीच लकड़ी माफियाओं ने सड़क के किनारे लगे दर्जनभर से अधिक नीम के पेड़ों को जड़ से मिटा दिया था. यहां पर अधिकारियों को सूचना की गई थी, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. बताया जा रहा है कि क्षेत्र में कटने वाले इन पेड़ों की लकड़ियां रात में ट्रकों में भरकर बाहर भेजी जाती हैं.