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आजादी के बाद पहली बार बनी सड़क, पुलिया का अधूरा निर्माण कार्य ग्रामीणों के लिए बना मुसीबत

आगर-मालवा के ग्रामीणों को सौगात के रूप में सड़क का निर्माण करके दिया गया. लेकिन उस सड़क को जोड़ने वाली पुलिया के अधूरे निर्माण के चलते बारिश में ग्रामीणों को कई मुसीबत खड़ी कर सकता है.

पुलिया का अधूरा निर्माण कार्य
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Published : Jun 10, 2019, 5:26 PM IST

आगर मालवा। आजादी के बाद भौतिक सुविधा के रूप में गांगड़ा वासियों को सड़क की सौगात मिली, जिसे वे सीधे शहर से जुड़ जाएं. लेकिन शहर के रास्ते से जोड़ने वाली पुलिया का अधूरा निर्माण बारिश में कई मुसीबतें खड़ी कर सकता है.


इस पुलिया का अधूरा निर्माण होने के चलते यहां बारिश का पानी काफी ऊपर तक जमा हो जाता है. ऐसे में ग्रामीण खेती के लिए न तो अपने खेत में और न ही दूसरे किसी काम से जिला मुख्यालय आ पाएंगे. ग्रामीणों ने सड़क बनाने वाले ठेकेदार से पहले पुलिया का अधूरा निर्माण पूरा करने की बात भी कही लेकिन ठेकेदार द्वारा ग्रामीणों की कोई सुनवाई नहीं की गई.

पुलिया का नहीं हुआ निर्माण


बता दें ग्राम गांगड़ा की 600 से अधिक की आबादी वाला यह गांव सड़क न होने के कारण बारिश में शहर से पूरी तरह से कट जाता है. गांव में कोई बीमार भी पड़ जाए तो ग्रामीण उसे खाट पर लेकर जाते हैं. यहां घुटनों तक कीचड़ में करीब 6 किमी पैदल चलकर मुख्य मार्ग तक आते थे. वहीं शहर में पढ़ाई के लिए जाने वाले बच्चे बारिश से दो से तीन महीने तक स्कूल भी नहीं जा पाते.


वहीं ग्रामीणों का कहना है कि आजादी के बाद उन्हें सड़क के रूप में अच्छी सौगात तो मिली लेकिन बीच में पुलिया का अधूरा निर्माण उनके लिए मुसीबत खड़ी करेगा. इस संबंध में महाप्रबंधक मप्र सड़क विकास प्राधिकरण एनएस अस्थाना का कहना है कि पुलिया नहीं बनने से ग्रामीणों को परेशानी होगी.

आगर मालवा। आजादी के बाद भौतिक सुविधा के रूप में गांगड़ा वासियों को सड़क की सौगात मिली, जिसे वे सीधे शहर से जुड़ जाएं. लेकिन शहर के रास्ते से जोड़ने वाली पुलिया का अधूरा निर्माण बारिश में कई मुसीबतें खड़ी कर सकता है.


इस पुलिया का अधूरा निर्माण होने के चलते यहां बारिश का पानी काफी ऊपर तक जमा हो जाता है. ऐसे में ग्रामीण खेती के लिए न तो अपने खेत में और न ही दूसरे किसी काम से जिला मुख्यालय आ पाएंगे. ग्रामीणों ने सड़क बनाने वाले ठेकेदार से पहले पुलिया का अधूरा निर्माण पूरा करने की बात भी कही लेकिन ठेकेदार द्वारा ग्रामीणों की कोई सुनवाई नहीं की गई.

पुलिया का नहीं हुआ निर्माण


बता दें ग्राम गांगड़ा की 600 से अधिक की आबादी वाला यह गांव सड़क न होने के कारण बारिश में शहर से पूरी तरह से कट जाता है. गांव में कोई बीमार भी पड़ जाए तो ग्रामीण उसे खाट पर लेकर जाते हैं. यहां घुटनों तक कीचड़ में करीब 6 किमी पैदल चलकर मुख्य मार्ग तक आते थे. वहीं शहर में पढ़ाई के लिए जाने वाले बच्चे बारिश से दो से तीन महीने तक स्कूल भी नहीं जा पाते.


वहीं ग्रामीणों का कहना है कि आजादी के बाद उन्हें सड़क के रूप में अच्छी सौगात तो मिली लेकिन बीच में पुलिया का अधूरा निर्माण उनके लिए मुसीबत खड़ी करेगा. इस संबंध में महाप्रबंधक मप्र सड़क विकास प्राधिकरण एनएस अस्थाना का कहना है कि पुलिया नहीं बनने से ग्रामीणों को परेशानी होगी.

Intro:आगर मालवा
--आजादी के बाद से भौतिक सुविधा के रूप में सड़क की सौगात से वंचित ग्राम गांगड़ा के लोग सड़क की सौगात मिलने से सीधे शहर से तो जुड़ जाएंगे लेकिन ग्रामीणों को शहर के रास्ते से जोड़ने वाली पुलिया का अधूरा निर्माण बारिश में काफी मुसीबते खड़ी करेगा। इस पुलिया का अधूरा निर्माण होने के चलते यहां ढलान होने के कारण बारिश का पानी काफी ऊपर तक जमा रहेगा ऐसे में ग्रामीण खेती के लिए न तो अपने खेत मे जा सकेंगे और न ही अन्य किसी काम से जिला मुख्यालय आ पाएंगे। ग्रामीणों ने सड़क बनाने वाले ठेकेदार से पहले पुलिया का अधूरा निर्माण पूरा करने की बात भी कही लेकिन ठेकेदार द्वारा ग्रामीणों की कोई सुनवाई नहीं की गई।


Body:बता दे ग्राम गांगड़ा की 600 से अधिक की आबादी वाला यह गांव सड़क न होने के कारण बारिश में शहर से पूरी तरह से कट जाता था। यदि गांव में कोई बीमार भी पड़ जाता था तो उसे ग्रामीण खाट पर लेटाकर घुटनो-घुटनो तक कीचड़ में करीब 6 किमी पैदल चलकर मुख्य मार्ग तक आते थे उसके बाद अन्य साधन से मरीज अस्पताल पहुंचाया जाता था वही शहर में पढ़ाई के लिए आने वाले बच्चे बारिश के दो से तीन माह तक स्कूल भी नही जा पाते थे। ऐसे में जिम्मेदारों ने यहां के लोगो की समस्या का निराकरण करते हुवे प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत करीब 6 किमी तक कि सड़क भी स्वीकृत करवा दी। इस सड़क का कार्य निजी ठेकेदार को सौंपते हुवे यहां फिलहाल मुर्रम डालकर समतल कर दिया गया है लेकिन इस मार्ग के बीच में एक नदी भी पड़ती है जो ग्रामीणों के लिए सबसे बड़ा अड़ंगा पैदा करती है हालांकि बरसात के दिनों में तेज बारिश के समय यहां पानी कम होने के बाद ग्रामीण पेदल निकल सकते थे लेकिन अब सड़क निर्माण बनाने वाले ठेकेदार ने नदी के बहाव का मार्ग बंद कर पुलिया बंनाने का काम आरम्भ कर दिया था पुलिया का काम जब अंतिम पड़ाव पर पहुंच गया तो संबंधितों द्वारा पुलिया का निर्माण कार्य रोक दिया गया। ऐसे में अब आगामी दिनों में बारिश होगी तो नदी के बहाव का मार्ग बंद होने के कारण पुलिया वाले स्थान पर काफी ऊंचाई तक पानी भर जाएगा। जिसके कारण ग्रामीण इस मार्ग से अपने खेतों में तथा शहर के रास्ते जाने के लिए पैदल भी नही निकल पाएंगे।


Conclusion:ग्रामीणों ने कहा कि आजादी के बाद उन्हें सड़क के रूप में अच्छी सौगात तो मिली लेकिन बीच मे पुलिया का अधूरा निर्माण उनके लिए मुसीबत खड़ी करेगा। गांव के अधिकांश ग्रामीणों के खेतों में जाने का भी यही एकमात्र रास्ता है बारिश में यदि इस पुलिया पर पानी भरा रहेगा तो वे खेतो तक पहुंच नही पाएंगे जिससे कि उनकी खेती प्रभावित होगी जिसका बड़ा खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ेगा। ग्रामीणों की मांग है कि ठेकेदार सारे काम छोड़कर पहले पुलिया का पूरा निर्माण करवाये ताकि बारिश में सुगमता से वे अपने खेतों तथा शहर की और जा सके।
इस संबंध में महाप्रबंधक मप्र सड़क विकास प्राधिकरण एनएस अस्थाना से बात की गई तो उन्होने बताया कि पुलिया नही बनने से निश्चित ही ग्रामीणों को परेशानी होंगी। पुलिया काम शुरू करने के लिए संबंधित ठेकेदार को कहा गया है कि वह पुलिया काम पूर्ण कराए या फिर ग्रामीणों के लिये वैकल्पिक रास्ता बनाये ताकि ग्रामीणों को बारिश में आवागमन में परेशानी न हो।


बाइट 1- राजेन्द्र सिंह ग्रामीण

बाइट 2- गोविंद सिंह ग्रामीण

बाइट 3- एनएस अस्थाना, महाप्रबंधक मप्र ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण आगर मालवा
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