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Guru Purnima Vrat: गुरु पुर्णिमा के दिन कैसे करें गुरु को प्रसन्न ताकि घर आए सुख समृद्धि, जानें अचूक मंत्र, व्रत और पूजा की विधि - कैसे करना चाहिए गुरु पूजन

Guru Purnima Puja Vidhi: देश भर इस साल 2022 में बुधवार के दिन गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा. इस दिन लोग अपने गुरुओं का पूरे आदरभाव से नमन और पूजन करेंगे. आईए जानते हैं कि गुरुपूजा के लिए शुभ समय क्या है और किस तरह से लोग पूजन करें ताकि उन्हे इसका फल मिल सके. उन मंत्रों को भी जानें जिसके जरिए गुरु को प्रसन्न किया जाता है.

गुरु पुर्णिमा के दिन पर कैसे करें गुरु को प्रसन्न
Guru Purnima Vrat Tithi Mantra
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Published : Jul 12, 2022, 1:29 PM IST

Updated : Jul 13, 2022, 11:55 AM IST

उज्जैन/आगर। इस साल 13 जुलाई, बुधवार के दिन यह पावन पर्व मनेगा. राशियों के मुताबिक लोगों को अपने गुरु की पूजा करनी चाहिए ताकि उन्हे पूजन का भरपूर लाभ और आशिर्वाद मिले. हिन्दू धर्म में आषाढ़ महीने की पूर्णिमा को ही यह दिन आता है जब लोग अपने धार्मिक और आध्यात्मिक गुरुओं की पूजा करते हैं. इस दिन लोग गुरुओं के चरण धोते हैं, जहां यह संभव नहीं है प्रतिकात्मक रुप से उनका आशिर्वाद लिया जाता है. महर्षि वेदव्यास का इस दिन जन्मदिवस माना जाता है, इसलिए इस दिन को व्यास पूर्णिमा के रुप में भी मनाने की परंपरा है. इस दिन गुरु को समर्पण करने की भी परंपरा है, यानि गुरु के आशिर्वाद के लिए उन्हे गुरुदक्षिणा के रुप में अपने सामर्थ्य के हिसाब से लोग चढ़ावा देते हैं. आमतौर पर इसे लेकर बहुत ज्यादा कठिन नियम नहीं बनाए गए हैं. लेकिन लोग पूजन के रुप में गुरु के पास जाने से पहले अपनी पूरी तैयारी करते हैं. पूजन की विधि के बारे में प्रचलित कुछ तथ्य जरुर हैं.

क्यों मनाया जाता है गुरु पूर्णिमा: महर्षि वेदव्यास ने ही वेदों का विभाजन किया और महाभारत जैसे ग्रंथ की रचना की। गुरु पूर्णिमा पर शिष्य अपने गुरु की पूजा करते हैं और उन्हें उपहार भी देते हैं। ये परंपरा हजारों सालों से चली आ रही है, जो आज भी जारी है। गुरु पूर्णिमा पर गुरु वंदन कर उनका आशीर्वाद हासिल किया जाता है ताकि घर परिवार में गुरु की कृपा से शारीरिक और मानसिक शांति रहे. गुरु पूर्णिमा पर गुरु की पूजा कैसे करें और उन्हें उपहार में क्या दे सकते हैं, इसकी जानकारी इस प्रकार है…

गुरु पूजन की विधी और व्रत का विधान (Guru Purnima Puja Vidhi)

1.) गुरु के पास जाने और उनका आशीष लेने से पहले शुद्धता का खास ख्याल रखना चाहिए. संभव हो तो उपवास करके ही गुरु पूजन के लिए निकलें.

2.) गुरु की पूजा में सबसे पहले पुष्प अर्पित करें और चरण पखारें. कुमकुम और चंदन चढाएं और गुरु के पांव की पूजा करें.

3.) गुरु के पांव की सेवा जरुर करनी चाहिए ताकि आपको पूजा का भरपूर फल मिले. इसके लिए अक्षत और जनेऊ चढाने की भी परंपरा है.

4.) गुरु को तिलक और पुष्प की माला से सम्मान जरुर करें. साथ हीं उन्हे उपहार के रुप में अपने सामर्थ्य के अनुसार दक्षिणा अर्पित करें.

5.) गुरु के पांव पखारने के बाद उसे रेशम के कपड़े या फिर किसी भी शुद्ध वस्त से पोछें. फिर साथ में लाए उपहार और मिषठान के साथ फलों का भी अर्पण करें.

6.) गुरु से आशिर्वाद के रुप में जो भी मिले उसे सहर्ष स्वीकार करें.

गुरु की पूजी के समय कुछ खास मंत्र हैं जिनका उच्चारण करना लाभप्रद होता है.

7.) इस दिन दान का भी महत्व है. लोग गुरु के हांथों से स्पर्श किया हुआ कुछ खास पदार्थ दान करें. इसमें पीले वस्त्र, पीले फल, पीला मिष्ठान शामिल है.

खंडवा में कहां लगाया जाता है टिक्कड़ और चटनी का भोग, गुरुपूर्णिमा पर पहुंचते हैं लाखों श्रद्धालु

गुरु पूर्णिमा की तिथि और पूजन समय (Guru Pujan Tithi Date Time)

साल 2022 में 13 जुलाई को गुरु पूर्णिमा है और इस दिन सुबह 4 बजे से लेकर रात्रि 12 बजे तक समय शुभ माना जा रहा है. इस दिन सुबह 4 बजे से अर्ध रात्रि तक व्रत रख सकते हैं.

गुरु पूजन के समय के खास मंत्र हैं... (Guru Puja Mantra)

1.) ओम गुरुभ्यो नमः

ओम परमतत्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नमः

ओम वेदाहि गुरु देवाय विद्यहे परम गुरुवे धीमहि तन्नोः प्रचोदयात्

ओम गुं गुरुभ्यो नमः

यह मंत्र भी गुरुपूजा में चमत्कारिक माने जाते हैं. (Guru Pooja Mantra)

2.) गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वरः

गुरुर्साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नमः

ओम गुरुभ्यो नमः

ओम परमतत्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नमः

ओम वेदाहि गुरु देवाय विद्यहे परम गुरुवे धीमहि तन्नोः प्रचोदयात्

ओम गुं गुरुभ्यो नमः

उज्जैन/आगर। इस साल 13 जुलाई, बुधवार के दिन यह पावन पर्व मनेगा. राशियों के मुताबिक लोगों को अपने गुरु की पूजा करनी चाहिए ताकि उन्हे पूजन का भरपूर लाभ और आशिर्वाद मिले. हिन्दू धर्म में आषाढ़ महीने की पूर्णिमा को ही यह दिन आता है जब लोग अपने धार्मिक और आध्यात्मिक गुरुओं की पूजा करते हैं. इस दिन लोग गुरुओं के चरण धोते हैं, जहां यह संभव नहीं है प्रतिकात्मक रुप से उनका आशिर्वाद लिया जाता है. महर्षि वेदव्यास का इस दिन जन्मदिवस माना जाता है, इसलिए इस दिन को व्यास पूर्णिमा के रुप में भी मनाने की परंपरा है. इस दिन गुरु को समर्पण करने की भी परंपरा है, यानि गुरु के आशिर्वाद के लिए उन्हे गुरुदक्षिणा के रुप में अपने सामर्थ्य के हिसाब से लोग चढ़ावा देते हैं. आमतौर पर इसे लेकर बहुत ज्यादा कठिन नियम नहीं बनाए गए हैं. लेकिन लोग पूजन के रुप में गुरु के पास जाने से पहले अपनी पूरी तैयारी करते हैं. पूजन की विधि के बारे में प्रचलित कुछ तथ्य जरुर हैं.

क्यों मनाया जाता है गुरु पूर्णिमा: महर्षि वेदव्यास ने ही वेदों का विभाजन किया और महाभारत जैसे ग्रंथ की रचना की। गुरु पूर्णिमा पर शिष्य अपने गुरु की पूजा करते हैं और उन्हें उपहार भी देते हैं। ये परंपरा हजारों सालों से चली आ रही है, जो आज भी जारी है। गुरु पूर्णिमा पर गुरु वंदन कर उनका आशीर्वाद हासिल किया जाता है ताकि घर परिवार में गुरु की कृपा से शारीरिक और मानसिक शांति रहे. गुरु पूर्णिमा पर गुरु की पूजा कैसे करें और उन्हें उपहार में क्या दे सकते हैं, इसकी जानकारी इस प्रकार है…

गुरु पूजन की विधी और व्रत का विधान (Guru Purnima Puja Vidhi)

1.) गुरु के पास जाने और उनका आशीष लेने से पहले शुद्धता का खास ख्याल रखना चाहिए. संभव हो तो उपवास करके ही गुरु पूजन के लिए निकलें.

2.) गुरु की पूजा में सबसे पहले पुष्प अर्पित करें और चरण पखारें. कुमकुम और चंदन चढाएं और गुरु के पांव की पूजा करें.

3.) गुरु के पांव की सेवा जरुर करनी चाहिए ताकि आपको पूजा का भरपूर फल मिले. इसके लिए अक्षत और जनेऊ चढाने की भी परंपरा है.

4.) गुरु को तिलक और पुष्प की माला से सम्मान जरुर करें. साथ हीं उन्हे उपहार के रुप में अपने सामर्थ्य के अनुसार दक्षिणा अर्पित करें.

5.) गुरु के पांव पखारने के बाद उसे रेशम के कपड़े या फिर किसी भी शुद्ध वस्त से पोछें. फिर साथ में लाए उपहार और मिषठान के साथ फलों का भी अर्पण करें.

6.) गुरु से आशिर्वाद के रुप में जो भी मिले उसे सहर्ष स्वीकार करें.

गुरु की पूजी के समय कुछ खास मंत्र हैं जिनका उच्चारण करना लाभप्रद होता है.

7.) इस दिन दान का भी महत्व है. लोग गुरु के हांथों से स्पर्श किया हुआ कुछ खास पदार्थ दान करें. इसमें पीले वस्त्र, पीले फल, पीला मिष्ठान शामिल है.

खंडवा में कहां लगाया जाता है टिक्कड़ और चटनी का भोग, गुरुपूर्णिमा पर पहुंचते हैं लाखों श्रद्धालु

गुरु पूर्णिमा की तिथि और पूजन समय (Guru Pujan Tithi Date Time)

साल 2022 में 13 जुलाई को गुरु पूर्णिमा है और इस दिन सुबह 4 बजे से लेकर रात्रि 12 बजे तक समय शुभ माना जा रहा है. इस दिन सुबह 4 बजे से अर्ध रात्रि तक व्रत रख सकते हैं.

गुरु पूजन के समय के खास मंत्र हैं... (Guru Puja Mantra)

1.) ओम गुरुभ्यो नमः

ओम परमतत्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नमः

ओम वेदाहि गुरु देवाय विद्यहे परम गुरुवे धीमहि तन्नोः प्रचोदयात्

ओम गुं गुरुभ्यो नमः

यह मंत्र भी गुरुपूजा में चमत्कारिक माने जाते हैं. (Guru Pooja Mantra)

2.) गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वरः

गुरुर्साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नमः

ओम गुरुभ्यो नमः

ओम परमतत्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नमः

ओम वेदाहि गुरु देवाय विद्यहे परम गुरुवे धीमहि तन्नोः प्रचोदयात्

ओम गुं गुरुभ्यो नमः

Last Updated : Jul 13, 2022, 11:55 AM IST
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