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धन समृद्धि के लिए मां लक्ष्मी को करें खुश, ये उपाय बना सकते हैं मालामाल - मां लक्ष्मी के 108 नाम

शुक्रवार का दिन (friday remedies) देवी मां की पूजा के लिए विशेष होता है. इस दिन देवी मां के हर स्वरूप की पूजा की जा सकती है. विशेषकर इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा (goddess laxmi Puja on friday) स्तुति करने से धन-संपत्ति में वृद्धि होने लगती है, साथ ही घर में सुख और समृद्धि आती है. मां लक्ष्मी धन की देवी है और मां लक्ष्मी की ही पूजा से इंसान को धन प्राप्ति होती है.

goddes laxmi worship
शुक्रवार की पूजा उपाय
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Published : Feb 10, 2022, 12:07 PM IST

ईटीवी भारत डेस्क : शुक्रवार को मां लक्ष्मी का दिन माना जाता है. इस दिन देवी मां के हर स्वरूप की पूजा की जा सकती है. विशेषकर इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा (goddess laxmi Puja on friday) स्तुति करने से धन-संपत्ति में वृद्धि होने लगती है, साथ ही घर में सुख और समृद्धि आती है.अगर आपकी कुंडली में किसी प्रकार का दोष है तो शुक्रवार को किए गए कुछ उपाय दोष से छुटकारा दिला सकते हैं. कुंडली में शुक्र अशुभ हो, तो वैवाहिक जीवन में सुख नहीं मिल पाता है. यहां जानिए कुछ ऐसे उपाय जो शुक्रवार को करना चाहिए, जिनसे लक्ष्मी कृपा मिल सकती है और शुक्र के दोष भी दूर हो सकते हैं.

यह तो हम सभी जानते है कि मां लक्ष्मी धन की देवी है और मां लक्ष्मी की ही पूजा से इंसान को धन प्राप्ति होती है. धन की देवी माता लक्ष्मी के भगवान विष्णु का संग चुनने के पीछे भी यही बात साफ होती है क्योंकि श्री हरि विष्णु जगत पालक माने गए हैं. पालन के पीछे भी निरंतर कर्म,पुरुषार्थ और कर्तव्य का होना भी जरुरी है. सच्चाई व मेहनत के बिना पाया भरपूर धन भी मानसिक शांति छीन लेता है.मान्यता है कि मां आदि शक्ति हमेशा लाल, गुलाबी रंग के कपड़े पहनती हैं,इसलिए शुक्रवार के दिन (friday remedies) लाल और गुलाबी रंग के कपड़े पहनना (pink clothes) शुभ माना जाता है. इस दिन गहरे लाल रंग या गुलाबी रंग के कपड़े पहनने से देवी मां की कृपा प्राप्त होती है.क्रीम या सफेद रंग के कपड़े भी पहनना शुभ माना जाता है.

माना जाता है कि शुक्रवार के दिन माता लक्ष्‍मी की पूजा करके उपवास अवश्य रखने वाला जल्‍द ही मालामाल हो जाता है.साथ ही अगर कोई उपवास न रख सकें, तो रात को शुक्रवार की पूजा अर्चना करके एक सौ आठ बार ‘ऊं ह्रीं ह्रीं श्रीं श्रीं लक्ष्मी वासुदेवाय नम:’ मंत्र का जाप शुद्ध मन से करे. माता लक्ष्‍मी उसका घर खुशियों से भर देती हैं.


भगवान विष्णु के मंत्र का 108 बार जप करें, मंत्र:

ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।

ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।।

यदि आप चाहे तो भगवान विष्णु के नामों का जप भी कर सकते है. शुक्र ग्रह के लिए हीरा, चांदी, चावल, मिसरी, सफेद कपड़ा, दही, सफेद चंदन आदि चीजों का दान भी किया जा सकता है. किसी गरीब व्यक्ति को या किसी मंदिर में दूध का दान करें.शुक्रवार को किसी विवाहित स्त्री को सुहाग का सामान दान करें. सुहाग का सामान जैसे चूड़ियां, कुमकुम, लाल साड़ी इस उपाय से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती है.

ये भी पढ़ें : सभी राशियों का वार्षिक राशिफल

शिवलिंग पर दूध और जल चढ़ाएं. साथ ही ॐ नमः शिवाय मंत्र का जप करें. मंत्र का जप कम से कम 108 बार करना चाहिए. जप के लिए रुद्राक्ष की माला का उपयोग करना चाहिए. बृहस्पति व्रत का है बड़ा महत्‍व, जानिए कथा और पूजा-विधि, सभी मनोकामना होगी पूर्णइसके अलावा मां लक्ष्मी के इन 108 नामों का प्रतिदिन जप करने से धन-धान्य, सुख-संपत्ति, वैभव, कीर्ति, ऐश्वर्य, सौभाग्य और आरोग्य की प्राप्ति होती है.

इसके अलावा मां लक्ष्मी के 108 नाम (Ma Lakshmi ke 108 naam) का प्रतिदिन जप (goddes laxmi worship on friday) करने से धन-धान्य, सुख-संपत्ति, वैभव, कीर्ति, ऐश्वर्य, सौभाग्य और आरोग्य की प्राप्ति होती है.

  • प्रकृति – प्रकृति
  • विकृति – दो रूपी प्रकृति
  • विद्या – बुद्धिमत्ता
  • सर्वभूतहितप्रदा- ऐसा व्यक्ति जो संसार के सारे सुख दे सके
  • श्रद्धा- जिसकी पूजा होती है
  • विभूति-धन की देवी
  • सुरभि- सुगंधा

ये भी पढ़ें : गुरु के गोचर से 2022 में ज्यादातर राशियों को मिलेंगे शुभ परिणाम मिलेंगे, कुछ राशियों को करना पड़ सकता है संघर्ष

  • परमात्मिका- सर्वव्यापी देवी
  • वाची- अमृतमयी वाणी
  • पद्मालया- जो कमल पर रहती हैं
  • पद्मा- कमल
  • शुचि- पवित्रता की देवी
  • स्वाहा- शुभ
  • स्वधा- जो अशुभता को दूर करे

श्रद्धा सबुरी : भारतीय जनमानस में गहराई तक बसे हैं शिर्डी के साईं बाबा

  • सुधा – अमृत की देवी
  • धन्या- समृद्धि की अधिष्ठात्री देवी
  • हिरण्मयी-जो स्वर्ण के समान है
  • लक्ष्मी- धन और समृद्धि की देवी
  • नित्यपुष्ट-जिनसे नित्य शक्ति मिलती है
  • विभा- जिनका चेहरा दीप्तिमान है
  • अदिति- जिनकी चमक सूर्य की तरह है
  • दीत्य-जो प्रार्थना का जवाब देती हैं
  • दीप्ता- लौ की तरह जगमगाने वाली
  • वसुधा-पृथ्वी की देवी
  • वसुधारिणी- पृथ्वी की रक्षक
  • कमला- कमलगंधा
  • कांता- भगवान विष्णु की पत्नी
  • कामाक्षी-आकर्षक आंखों वाली देवी
  • कमलसम्भवा- जो कमल में से उपस्थित होती है
  • अनुग्रहप्रदा-जो शुभकामनाओं का आशीर्वाद देती है
  • बुद्धि-बुद्धि की देवी
  • अनघा-निष्पाप या शुद्ध
  • हरिवल्लभी-भगवान विष्णु की पत्नी
  • अशोका-दुःख को दूर करने वाली
  • अमृता- अमृत की देवी
  • दीपा- प्रकाशमयी
  • लोकशोकविनाशिनी-सांसारिक संकटों का नाश करने वाली
  • धर्मनिलया-धर्मरक्षिणी
  • करुणा – ममता की मूर्ति
  • लोकमात्रिका-जन-जन की देवी
  • पद्मप्रिया-जिन्हें कमल प्रिय है
  • पद्महस्ता-जिनके हाथ में कमल हैं, और जिनके हाथ कमल की तरह हैं
  • पद्माक्ष्य -जिनकी आंखें कमल के समान है
  • पद्मसुन्दरी- कमल के समान सुंदर
  • पद्मोद्भवा- कमल से उत्पन्न होने वाली देवी
  • पद्ममुखी- कमल के सदृश मुख वाली
  • पद्मनाभप्रिया-पद्मनाभ(भगवान विष्णु) की प्रेमिका
  • रमा- भगवान विष्णु के साथ रमण करने वाली
  • पद्ममालाधरा- कमल की माला पहनने वाली
  • देवी- देवी
  • पद्मिनी- कमल की तरह
  • पद्मसुगन्धिनी- कमल की तरह सुगंध वाली
  • पुण्यगन्धा-दिव्य सुगंधित देवी
  • सुप्रसन्ना- अनुकंपा करने वाली, सदा प्रसन्न चित्त रहने वाली
  • प्रसादाभिमुखी- वरदान और इच्छाओं को अनुदान देने वाली
  • प्रभा- देवी जिनका आभामंडल दिव्य और चमकदार हो
  • चंद्रवंदना – जिनकी दीप्ति चंद्र के समान हो
  • चंदा- चन्द्र की तरह शांत
  • चन्द्रसहोदरी- चंद्रमा की बहन
  • चतुर्भुजा- चार भुजाओं वाली
  • चन्द्ररूपा-चंद्रमा के समान रूप वाली
  • इंदिरा- सूर्य की तरह चमक वाली
  • इन्दुशीतला-चांद की तरह शीतल
  • अह्लादजननी- प्रसन्नता देने वाली
  • पुष्टि- स्वास्थ्य की देवी
  • शिवा-शुभ देवी
  • शिवाकारी-शुभ का अवतार
  • सत्या-सच्चाई
  • विमला- शुद्ध
  • विश्वजननी- समस्त ब्रह्माण्ड की देवी
  • तुष्टी- तुरंत प्रसन्न होने वाली
  • दारिद्र्यनाशिनी – दरिद्रता दूर करने वाली
  • प्रीता पुष्करिणी – देवी जिनकी आंखें सुखदायक हैं
  • शांता- शांतिपूर्ण देवी
  • शुक्लांबरा-श्वेत वस्त्र धारण करने वाली
  • भास्करी – सूर्य के समान तेजस्वी
  • बिल्वनिलया- बिल्व वृक्ष में निवास करने वाली
  • वरारोहा – हर वरदान पूर्ण करने वाली
  • यशस्विनी-यश, सुख, प्रसिद्धि और भाग्य की देवी
  • वसुंधरा-धरती माता की बेटी
  • उदरंगा- जिनकी देह सुंदर है
  • हरिनी- जो हिरण की तरह चंचला है
  • हेमामालिनी-स्वर्ण का हार धारण करने वाली
  • धनधान्यकी- स्वास्थ्य प्रदान करने वाली
  • सिद्धि- रक्षक
  • सौम्या : कोमल और आकर्षक
  • शुभप्रभा-जो शुभता प्रदान करे
  • नृपवेशवगाथानंदा- जो महलों में रहती है
  • वरलक्ष्मी- समृद्धि की दाता
  • वसुप्रदा-धन को प्रदान करने वाली
  • शुभा- शुभ देवी
  • हिरण्यप्रका – स्वर्ण प्रिया
  • समुद्रतनया – समुद्र की बेटी
  • जया -विजय की देवी
  • मंगला-मंगल करने वाली
  • देवी – देवता या देवी
  • विष्णुवक्षा- भगवान विष्णु के सान्निध्य में रहने वाली, उनके ह्रदय में निवास करने वाली
  • विष्णुपत्नी-भगवान विष्णु की पत्नी
  • प्रसन्नाक्षी – खूबसूरत आंखों वाली
  • नारायण समाश्रिता- नारायण के साथ रहने वाली
  • दारिद्र्य ध्वंसिनी- गरीबी समाप्त करने वाली
  • लक्ष्मी – देवी
  • सर्वोपद्रवनिवारिणी — हर उपद्रव और संकट का निवारण करने वाली
  • नवदुर्गा-नौ दुर्गा के सभी रूप
  • महाकाली- काली देवी
  • ब्रह्मा-विष्णु-शिवात्मिका- ब्रह्मा, विष्णु, शिव की आराध्या
  • त्रिकालज्ञानसम्पन्ना- जिन्हें तीनों कालों की जानकारी हो
  • भुवनेश्वरी- अखिल भुवन यानी ब्रह्मांड की स्वामिनी

ईटीवी भारत डेस्क : शुक्रवार को मां लक्ष्मी का दिन माना जाता है. इस दिन देवी मां के हर स्वरूप की पूजा की जा सकती है. विशेषकर इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा (goddess laxmi Puja on friday) स्तुति करने से धन-संपत्ति में वृद्धि होने लगती है, साथ ही घर में सुख और समृद्धि आती है.अगर आपकी कुंडली में किसी प्रकार का दोष है तो शुक्रवार को किए गए कुछ उपाय दोष से छुटकारा दिला सकते हैं. कुंडली में शुक्र अशुभ हो, तो वैवाहिक जीवन में सुख नहीं मिल पाता है. यहां जानिए कुछ ऐसे उपाय जो शुक्रवार को करना चाहिए, जिनसे लक्ष्मी कृपा मिल सकती है और शुक्र के दोष भी दूर हो सकते हैं.

यह तो हम सभी जानते है कि मां लक्ष्मी धन की देवी है और मां लक्ष्मी की ही पूजा से इंसान को धन प्राप्ति होती है. धन की देवी माता लक्ष्मी के भगवान विष्णु का संग चुनने के पीछे भी यही बात साफ होती है क्योंकि श्री हरि विष्णु जगत पालक माने गए हैं. पालन के पीछे भी निरंतर कर्म,पुरुषार्थ और कर्तव्य का होना भी जरुरी है. सच्चाई व मेहनत के बिना पाया भरपूर धन भी मानसिक शांति छीन लेता है.मान्यता है कि मां आदि शक्ति हमेशा लाल, गुलाबी रंग के कपड़े पहनती हैं,इसलिए शुक्रवार के दिन (friday remedies) लाल और गुलाबी रंग के कपड़े पहनना (pink clothes) शुभ माना जाता है. इस दिन गहरे लाल रंग या गुलाबी रंग के कपड़े पहनने से देवी मां की कृपा प्राप्त होती है.क्रीम या सफेद रंग के कपड़े भी पहनना शुभ माना जाता है.

माना जाता है कि शुक्रवार के दिन माता लक्ष्‍मी की पूजा करके उपवास अवश्य रखने वाला जल्‍द ही मालामाल हो जाता है.साथ ही अगर कोई उपवास न रख सकें, तो रात को शुक्रवार की पूजा अर्चना करके एक सौ आठ बार ‘ऊं ह्रीं ह्रीं श्रीं श्रीं लक्ष्मी वासुदेवाय नम:’ मंत्र का जाप शुद्ध मन से करे. माता लक्ष्‍मी उसका घर खुशियों से भर देती हैं.


भगवान विष्णु के मंत्र का 108 बार जप करें, मंत्र:

ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।

ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।।

यदि आप चाहे तो भगवान विष्णु के नामों का जप भी कर सकते है. शुक्र ग्रह के लिए हीरा, चांदी, चावल, मिसरी, सफेद कपड़ा, दही, सफेद चंदन आदि चीजों का दान भी किया जा सकता है. किसी गरीब व्यक्ति को या किसी मंदिर में दूध का दान करें.शुक्रवार को किसी विवाहित स्त्री को सुहाग का सामान दान करें. सुहाग का सामान जैसे चूड़ियां, कुमकुम, लाल साड़ी इस उपाय से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती है.

ये भी पढ़ें : सभी राशियों का वार्षिक राशिफल

शिवलिंग पर दूध और जल चढ़ाएं. साथ ही ॐ नमः शिवाय मंत्र का जप करें. मंत्र का जप कम से कम 108 बार करना चाहिए. जप के लिए रुद्राक्ष की माला का उपयोग करना चाहिए. बृहस्पति व्रत का है बड़ा महत्‍व, जानिए कथा और पूजा-विधि, सभी मनोकामना होगी पूर्णइसके अलावा मां लक्ष्मी के इन 108 नामों का प्रतिदिन जप करने से धन-धान्य, सुख-संपत्ति, वैभव, कीर्ति, ऐश्वर्य, सौभाग्य और आरोग्य की प्राप्ति होती है.

इसके अलावा मां लक्ष्मी के 108 नाम (Ma Lakshmi ke 108 naam) का प्रतिदिन जप (goddes laxmi worship on friday) करने से धन-धान्य, सुख-संपत्ति, वैभव, कीर्ति, ऐश्वर्य, सौभाग्य और आरोग्य की प्राप्ति होती है.

  • प्रकृति – प्रकृति
  • विकृति – दो रूपी प्रकृति
  • विद्या – बुद्धिमत्ता
  • सर्वभूतहितप्रदा- ऐसा व्यक्ति जो संसार के सारे सुख दे सके
  • श्रद्धा- जिसकी पूजा होती है
  • विभूति-धन की देवी
  • सुरभि- सुगंधा

ये भी पढ़ें : गुरु के गोचर से 2022 में ज्यादातर राशियों को मिलेंगे शुभ परिणाम मिलेंगे, कुछ राशियों को करना पड़ सकता है संघर्ष

  • परमात्मिका- सर्वव्यापी देवी
  • वाची- अमृतमयी वाणी
  • पद्मालया- जो कमल पर रहती हैं
  • पद्मा- कमल
  • शुचि- पवित्रता की देवी
  • स्वाहा- शुभ
  • स्वधा- जो अशुभता को दूर करे

श्रद्धा सबुरी : भारतीय जनमानस में गहराई तक बसे हैं शिर्डी के साईं बाबा

  • सुधा – अमृत की देवी
  • धन्या- समृद्धि की अधिष्ठात्री देवी
  • हिरण्मयी-जो स्वर्ण के समान है
  • लक्ष्मी- धन और समृद्धि की देवी
  • नित्यपुष्ट-जिनसे नित्य शक्ति मिलती है
  • विभा- जिनका चेहरा दीप्तिमान है
  • अदिति- जिनकी चमक सूर्य की तरह है
  • दीत्य-जो प्रार्थना का जवाब देती हैं
  • दीप्ता- लौ की तरह जगमगाने वाली
  • वसुधा-पृथ्वी की देवी
  • वसुधारिणी- पृथ्वी की रक्षक
  • कमला- कमलगंधा
  • कांता- भगवान विष्णु की पत्नी
  • कामाक्षी-आकर्षक आंखों वाली देवी
  • कमलसम्भवा- जो कमल में से उपस्थित होती है
  • अनुग्रहप्रदा-जो शुभकामनाओं का आशीर्वाद देती है
  • बुद्धि-बुद्धि की देवी
  • अनघा-निष्पाप या शुद्ध
  • हरिवल्लभी-भगवान विष्णु की पत्नी
  • अशोका-दुःख को दूर करने वाली
  • अमृता- अमृत की देवी
  • दीपा- प्रकाशमयी
  • लोकशोकविनाशिनी-सांसारिक संकटों का नाश करने वाली
  • धर्मनिलया-धर्मरक्षिणी
  • करुणा – ममता की मूर्ति
  • लोकमात्रिका-जन-जन की देवी
  • पद्मप्रिया-जिन्हें कमल प्रिय है
  • पद्महस्ता-जिनके हाथ में कमल हैं, और जिनके हाथ कमल की तरह हैं
  • पद्माक्ष्य -जिनकी आंखें कमल के समान है
  • पद्मसुन्दरी- कमल के समान सुंदर
  • पद्मोद्भवा- कमल से उत्पन्न होने वाली देवी
  • पद्ममुखी- कमल के सदृश मुख वाली
  • पद्मनाभप्रिया-पद्मनाभ(भगवान विष्णु) की प्रेमिका
  • रमा- भगवान विष्णु के साथ रमण करने वाली
  • पद्ममालाधरा- कमल की माला पहनने वाली
  • देवी- देवी
  • पद्मिनी- कमल की तरह
  • पद्मसुगन्धिनी- कमल की तरह सुगंध वाली
  • पुण्यगन्धा-दिव्य सुगंधित देवी
  • सुप्रसन्ना- अनुकंपा करने वाली, सदा प्रसन्न चित्त रहने वाली
  • प्रसादाभिमुखी- वरदान और इच्छाओं को अनुदान देने वाली
  • प्रभा- देवी जिनका आभामंडल दिव्य और चमकदार हो
  • चंद्रवंदना – जिनकी दीप्ति चंद्र के समान हो
  • चंदा- चन्द्र की तरह शांत
  • चन्द्रसहोदरी- चंद्रमा की बहन
  • चतुर्भुजा- चार भुजाओं वाली
  • चन्द्ररूपा-चंद्रमा के समान रूप वाली
  • इंदिरा- सूर्य की तरह चमक वाली
  • इन्दुशीतला-चांद की तरह शीतल
  • अह्लादजननी- प्रसन्नता देने वाली
  • पुष्टि- स्वास्थ्य की देवी
  • शिवा-शुभ देवी
  • शिवाकारी-शुभ का अवतार
  • सत्या-सच्चाई
  • विमला- शुद्ध
  • विश्वजननी- समस्त ब्रह्माण्ड की देवी
  • तुष्टी- तुरंत प्रसन्न होने वाली
  • दारिद्र्यनाशिनी – दरिद्रता दूर करने वाली
  • प्रीता पुष्करिणी – देवी जिनकी आंखें सुखदायक हैं
  • शांता- शांतिपूर्ण देवी
  • शुक्लांबरा-श्वेत वस्त्र धारण करने वाली
  • भास्करी – सूर्य के समान तेजस्वी
  • बिल्वनिलया- बिल्व वृक्ष में निवास करने वाली
  • वरारोहा – हर वरदान पूर्ण करने वाली
  • यशस्विनी-यश, सुख, प्रसिद्धि और भाग्य की देवी
  • वसुंधरा-धरती माता की बेटी
  • उदरंगा- जिनकी देह सुंदर है
  • हरिनी- जो हिरण की तरह चंचला है
  • हेमामालिनी-स्वर्ण का हार धारण करने वाली
  • धनधान्यकी- स्वास्थ्य प्रदान करने वाली
  • सिद्धि- रक्षक
  • सौम्या : कोमल और आकर्षक
  • शुभप्रभा-जो शुभता प्रदान करे
  • नृपवेशवगाथानंदा- जो महलों में रहती है
  • वरलक्ष्मी- समृद्धि की दाता
  • वसुप्रदा-धन को प्रदान करने वाली
  • शुभा- शुभ देवी
  • हिरण्यप्रका – स्वर्ण प्रिया
  • समुद्रतनया – समुद्र की बेटी
  • जया -विजय की देवी
  • मंगला-मंगल करने वाली
  • देवी – देवता या देवी
  • विष्णुवक्षा- भगवान विष्णु के सान्निध्य में रहने वाली, उनके ह्रदय में निवास करने वाली
  • विष्णुपत्नी-भगवान विष्णु की पत्नी
  • प्रसन्नाक्षी – खूबसूरत आंखों वाली
  • नारायण समाश्रिता- नारायण के साथ रहने वाली
  • दारिद्र्य ध्वंसिनी- गरीबी समाप्त करने वाली
  • लक्ष्मी – देवी
  • सर्वोपद्रवनिवारिणी — हर उपद्रव और संकट का निवारण करने वाली
  • नवदुर्गा-नौ दुर्गा के सभी रूप
  • महाकाली- काली देवी
  • ब्रह्मा-विष्णु-शिवात्मिका- ब्रह्मा, विष्णु, शिव की आराध्या
  • त्रिकालज्ञानसम्पन्ना- जिन्हें तीनों कालों की जानकारी हो
  • भुवनेश्वरी- अखिल भुवन यानी ब्रह्मांड की स्वामिनी
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