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तय समय से पहले ही स्कूल ने करा दी परीक्षा, प्रवेश पत्र लिये दफ्तरों के चक्कर काट रहा छात्र - मध्यप्रदेश

मध्यप्रदेश की शिक्षा व्यवस्था कितनी गजब की है, इसकी बानगी आये दिन देखने को मिल ही जाती है. अभी हाल ही में पन्ना में चौथी में पढ़ने वाले जुड़वां भाइयों के ट्रांसफर सर्टिफिकेट पर स्कूल ने चरित्र खराब लिखा दिया था, इतना ही नहीं कॉलम नहीं होने के बावजूद उसके पिता के चरित्र पर भी ठप्पा लगा दिया था और अब पूरक परीक्षा तय समय से पहले ही करा दी गयी, जब छात्र प्रवेश पत्र के साथ स्कूल पहुंचा तब पता चला कि परीक्षा तो संपन्न हो चुकी है.

इंसाफ की गुहार
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Published : Jul 15, 2019, 8:04 PM IST

आगर मालवा। अजब मध्यप्रदेश की गजब शिक्षा व्यवस्था है, जहां किसी काम के लिए तारीख मुकर्रर होने का भी कोई मतलब नहीं रहता. यही वजह है कि 9वीं के एक छात्र की पूरक परीक्षा प्रवेश पत्र में दी गई तारीख से एक दिन पहले ही संपन्न करा दी गई, जबकि तय समय पर छात्र परीक्षा देने पहुंचा, तब उसे पता चला कि परीक्षा तो एक दिन पहले ही संपन्न हो चुकी है. जब छात्र इस परेशानी को लेकर शिक्षकों के पास पहुंचा तो शिक्षकों ने बेतुका जवाब देकर उसे वापस कर दिया और अगले साल फिर से परीक्षा देने का सुझाव दिये. जिससे परेशान छात्र अपनी एक साल की मेहनत बचाने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा है.

इंसाफ की गुहार

अपर कलेक्टर एनएस राजावत ने बताया कि छात्र की समस्या के बारे में जिला शिक्षा अधिकारी को अवगत कराया गया है, उनकी जांच के बाद लापरवाहों पर कार्रवाई की जायेगी और छात्र का साल भी खराब नहीं होने दिया जायेगा.

कराड़िया निवासी पवन पिता अमर सिंह यादव ने बापचा गांव स्थित हाई स्कूल में 9वीं की परीक्षा दी थी, मुख्य परीक्षा में दो विषय में पूरक आई थी, शिक्षा विभाग ने पूरक परीक्षा के 4-6 जुलाई की तारीख तय की थी. स्कूल ने प्रवेश पत्र भी जारी कर दिया था, पवन की परीक्षा आगर स्थित उत्कृष्ट विद्यालय में होनी थी. पवन 6 जुलाई को परीक्षा देने पहुंचा तो उसे बताया गया कि परीक्षा तो 5 जुलाई को ही सम्पन्न हो चुकी है. जिसके बाद उसने अपर कलेक्टर से इंसाफ की गुहार लगाई. अब कलेक्टर ने उसे मदद का भरोसा दिया है.

आगर मालवा। अजब मध्यप्रदेश की गजब शिक्षा व्यवस्था है, जहां किसी काम के लिए तारीख मुकर्रर होने का भी कोई मतलब नहीं रहता. यही वजह है कि 9वीं के एक छात्र की पूरक परीक्षा प्रवेश पत्र में दी गई तारीख से एक दिन पहले ही संपन्न करा दी गई, जबकि तय समय पर छात्र परीक्षा देने पहुंचा, तब उसे पता चला कि परीक्षा तो एक दिन पहले ही संपन्न हो चुकी है. जब छात्र इस परेशानी को लेकर शिक्षकों के पास पहुंचा तो शिक्षकों ने बेतुका जवाब देकर उसे वापस कर दिया और अगले साल फिर से परीक्षा देने का सुझाव दिये. जिससे परेशान छात्र अपनी एक साल की मेहनत बचाने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा है.

इंसाफ की गुहार

अपर कलेक्टर एनएस राजावत ने बताया कि छात्र की समस्या के बारे में जिला शिक्षा अधिकारी को अवगत कराया गया है, उनकी जांच के बाद लापरवाहों पर कार्रवाई की जायेगी और छात्र का साल भी खराब नहीं होने दिया जायेगा.

कराड़िया निवासी पवन पिता अमर सिंह यादव ने बापचा गांव स्थित हाई स्कूल में 9वीं की परीक्षा दी थी, मुख्य परीक्षा में दो विषय में पूरक आई थी, शिक्षा विभाग ने पूरक परीक्षा के 4-6 जुलाई की तारीख तय की थी. स्कूल ने प्रवेश पत्र भी जारी कर दिया था, पवन की परीक्षा आगर स्थित उत्कृष्ट विद्यालय में होनी थी. पवन 6 जुलाई को परीक्षा देने पहुंचा तो उसे बताया गया कि परीक्षा तो 5 जुलाई को ही सम्पन्न हो चुकी है. जिसके बाद उसने अपर कलेक्टर से इंसाफ की गुहार लगाई. अब कलेक्टर ने उसे मदद का भरोसा दिया है.

Intro:आगर मालवा
-- शिक्षा विभाग के जिम्मेदारों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। कक्षा नौवीं के एक छात्र की पूरक परीक्षा प्रवेश पत्र में दी गई तारीख से 1 दिन पहले ही संपन्न करवा दी गई जब छात्र इस परेशानी को लेकर शिक्षकों के पास पहुंचा तो शिक्षकों द्वारा उसे बेतुका जवाब दिया गया। परेशान छात्र अपना 1 वर्ष बचाने के लिए अब दर-दर की ठोकरे खा रहा है। छात्र अपनी परेशानी लेकर अब अपर कलेक्टर के पास पहुंचा है जहां उसकी समस्या का निराकरण करने की बात कही जा रही है।


Body:बता दे कि ग्राम कराड़िया निवासी पवन पिता अमरसिंह यादव ने ग्राम बापचा स्थित हाई स्कूल में कक्षा 9वी की परीक्षा दी थी। उसे मुख्य परीक्षा में दो विषय मे पूरक आई थी। शिक्षा विभाग द्वारा पूरक परीक्षा के 4 जुलाई व 6 जुलाई की तारीख तय की गई थी। इन परीक्षाओं में बैठने के लिए पवन को उसके स्कूल शिक्षकों द्वारा परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र भी जारी किया गया था पवन की परीक्षा आगर स्थित उत्कृष्ठ विद्यालय में होनी थी। पवन ने पहले विषय की पूरक परीक्षा 4 जुलाई को दे दी और अगले विषय की परीक्षा की तैयारी में जुट गया। जब पवन अगले विषय की पूरक परीक्षा देने के लिए 6 जुलाई को उत्कृष्ट विद्यालय पहुंचा तो वहाँ उसे बताया गया कि इस विषय की परीक्षा तो 5 जुलाई को ही सम्पन्न हो चुकी है। यह सुनकर पवन अचंभित हो गया और उसने अपना प्रवेश पत्र परीक्षा लेने वाले शिक्षकों को बताया। उत्कृष्ट विद्यालय के शिक्षक भी प्रवेश पत्र की तारीख देखकर हैरान रह गए। ऐसे में परेशान छात्र पवन सीधे प्रवेश पत्र जारी करने वाले अपने स्कूल शिक्षकों के पास पंहुचा और अपनी परेशानी बताई। शिक्षकों ने उसकी परेशानी का निराकरण करने की बजाए उसे बेतुका जवाब दिया। पवन के अनुसार शिक्षकों ने कहा कि ऐसी गलतियां हो जाती है। तुम्हारा एक साल ही तो खराब हुवा है। अगले साल यह परीक्षा दे लेना। ऐसे में निराश पवन अपना साल बचाने के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों के चक्कर काट रहा है।


Conclusion:पवन से बात की गई तो उसने बताया कि अपने स्कूल के शिक्षकों की लापरवाही से वह परीक्षा देने से वंचित हो गया है। यदि शिक्षक प्रवेश पत्र में सही तारीख डालते तो वह परीक्षा दे पाता। अपनी परेशानी के लिए अधिकारियों के पास गया लेकिन कही भी सुनवाई नही हो रही है।
जब इस संबंध में अपर कलेक्टर एनएस राजावत से बात की गई तो उन्होंने बताया कि छात्र की समस्या देखी है। जिला शिक्षा अधिकारी को इसकी समस्या से अवगत कराया जाएगा। छात्र का भविष्य खराब नहीं होने देंगे। लापरवाह शिक्षकों पर कार्रवाई भी की जाएगी।

बाइट 1- पीड़ित छात्र पवन

बाइट२ - एनएस राजावत, अपर कलेक्टर आगर मालवा
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