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आगर-मालवा: कई विभागों पर बकाया है 55 लाख रुपए का बिजली बिल, सबसे आगे कलेक्टर ऑफिस

कई शासकीय विभागों ने बिजली बिल का भुगतान नहीं किया है. इस वक्त शासकीय कार्यालयों पर बिजली विभाग का लगभग 55 लाख रूपये बकाया है.

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Published : Mar 22, 2019, 6:37 PM IST

आगर-मालवा। बिजली विभाग का शासकीय कार्यालयों पर लाखों का बकाया है. सालभर में इक्का-दुक्का विभाग ही समय पर बिजली बिल का भुगतान करते हैं, बाकी विभाग बिल जमा करने के प्रति बिल्कुल भी सजग नहीं है. इस वक्त शासकीय कार्यालयों पर बिजली विभाग का लगभग 55 लाख रूपये बकाया है.

शासकीय विभागों पर बिजली विभाग का बकाया।

बिजली बिल का भुगतान नहीं करने में सबसे आगे कलेक्टर कार्यालय है. कार्यालय के तीन बिजली कनेक्शनों को मिलाकर कुल 10 लाख रुपये से अधिक की राशि बकाया है. दिलचस्प बात यह है कि विभाग ने साल 2018 में अपना आखिरी बिजली बिल जमा किया था. लेकिन तब भी विभाग ने केवल 15 हजार रुपये का ही भुगतान किया था जबकि उस पर लाखों रुपया बकाया था. कोटवाली थाना पर भी 5 लाख रुपये बकाया है. इसी प्रकार तहसील कार्यालय, जिला अस्पताल, टेलीफोन विभाग, पीएचई, आरईएस पर भी लाखों का बकाया है.

लाखों बकाया होने के बाद भी बिजली विभाग अन्य विभागों से पैसा नहीं वसूल रहा है, जबकि विभाग ऐसा करने में पूरी तरह सक्षम है. इस बारे में बिजली विभाग के सहायक यंत्री पीयूष जैन ने बताया कि उन्होंने बिल वसूली के लिए इन कार्यालयों को सूचना पत्र जारी कर दिए हैं.

आगर-मालवा। बिजली विभाग का शासकीय कार्यालयों पर लाखों का बकाया है. सालभर में इक्का-दुक्का विभाग ही समय पर बिजली बिल का भुगतान करते हैं, बाकी विभाग बिल जमा करने के प्रति बिल्कुल भी सजग नहीं है. इस वक्त शासकीय कार्यालयों पर बिजली विभाग का लगभग 55 लाख रूपये बकाया है.

शासकीय विभागों पर बिजली विभाग का बकाया।

बिजली बिल का भुगतान नहीं करने में सबसे आगे कलेक्टर कार्यालय है. कार्यालय के तीन बिजली कनेक्शनों को मिलाकर कुल 10 लाख रुपये से अधिक की राशि बकाया है. दिलचस्प बात यह है कि विभाग ने साल 2018 में अपना आखिरी बिजली बिल जमा किया था. लेकिन तब भी विभाग ने केवल 15 हजार रुपये का ही भुगतान किया था जबकि उस पर लाखों रुपया बकाया था. कोटवाली थाना पर भी 5 लाख रुपये बकाया है. इसी प्रकार तहसील कार्यालय, जिला अस्पताल, टेलीफोन विभाग, पीएचई, आरईएस पर भी लाखों का बकाया है.

लाखों बकाया होने के बाद भी बिजली विभाग अन्य विभागों से पैसा नहीं वसूल रहा है, जबकि विभाग ऐसा करने में पूरी तरह सक्षम है. इस बारे में बिजली विभाग के सहायक यंत्री पीयूष जैन ने बताया कि उन्होंने बिल वसूली के लिए इन कार्यालयों को सूचना पत्र जारी कर दिए हैं.

Intro:आम उपभोगता यदि बिजली बिल समय पर जमा नही करता है तो बिजली विभाग उसके घर की बिजली काटने में बिल्कुल भी देरी नही करता और तुरंत उनके घर पहुंच जाता है लेकिन जब बात किन्ही शासकीय कार्यालय की आय तो यहां बिजली विभाग कार्रवाई करने की हिम्मत तक नही जुटा पाता है। कुछ ऐसी ही स्थिति जिला मुख्यालय पर दिखाई दे रही है जिला मुख्यालय पर स्थित शासकीय कार्यालय बिजली विभाग के देनदार है। इन शासकीय कार्यालयों का बिजली विभाग की तरफ लाखो रुपये बकाया है। वर्षभर में इक्का-दुक्का विभाग ही ऐसे होंगे जो समय पर बिजली बिल जमा करते होंगे बाकी विभाग बिजली बिल जमा करने के प्रति बिल्कुल भी सजग नही है। देखा जाए तो वर्तमान में 40 लाख रुपये से अधिक की राशि इन शासकीय कार्यालयों की बकाया है हालांकि बिजली विभाग द्वारा इन कार्यालयों को सूचना पत्र जारी कर बिजली बिल जमा करने के कहा गया है।


Body:बता दे कि बिजली बिल जमा नही करने में सबसे आगे कलेक्टर कार्यालय है। कलेक्टर कार्यालय के तीन बिजली कनेक्शनों को मिलाकर कुल 10 लाख रुपये से अधिक की राशि बकाया है। दिलचस्प बात यह है कि कलेक्टर कार्यालय द्वारा अपना आखिरी बिजली बिल वर्ष 2018 में जमा किया था तब यहाँ से मात्र 15 हजार रुपये के लगभग बिजली बिल जमा किया गया था जबकि उस समय भी लाखों रुपये बिजली बिल कलेक्टर कार्यालय का बकाया था। दूसरे नंबर पर जिले का कोटवाली थाना आता है यहां से भी बिजली विभाग का लाखो रुपये बकाया है। 5 लाख रुपये से अधिक का बिजली बिल कोतवाली थाने का बाकी है। इतना बिल बाकी होने के बाद भी विभाग की और से बिल जमा नही किया जा रहा है। इसी प्रकार तहसील कार्यालय का 4 लाख 19 हजार, जिला अस्पताल का 4 लाख 39 हजार, एसडीओपी कार्यालय 1 लाख 23 हजार, टेलीफोन विभाग 1 लाख 74 हजार, पीएचई विभाग 1 लाख 18 हजार, आरईएस का 55 हजार। इसी प्रकार अन्य करीब एक सैंकड़ा विभाग का लाखो रुपये बिजली बिल बकाया है। बता दे कि विभाग अपना बिल वसूलने में पूरी तरह स्वतंत्र है लेकिन कही न कही बिजली विभाग के अधिकारियों को लगभग सभी शासकीय विभागों से समय-समय पर काम पड़ता रहता है इस कारण बिजली विभाग के अधिकारी बिल वसूलने में ज्यादा जोर नही लगाते है लेकिन इन विभागों का बिल जमा न करना कही न कही शासन को आर्थिक हानि पहुंचाना ही है।


Conclusion:जब इस संबंध में बिजली विभाग के सहायक यंत्री पीयूष जैन से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जिला मुख्यालय स्थित शासकीय कार्यालयों का लाखों रुपये बकाया है बिल वसूली के लिए हमारे द्वारा इन कार्यालयों को सूचना पत्र जारी किए गए है।

बाईट- पीयूष जैन, सहायक यंत्री बिजली विभाग, आगर मालवा
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