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'बाबा रामदेव' के दर्शन के लिए 35 किलोमीटर पैदल चल रहे हैं श्रद्धालु

आगर में श्रृद्धालु बाबा रामदेव के दर्शन के लिए यात्रा पर निकल रहे है. श्रृद्धालु जय बाबारी के जयकारे लगाते हुए दर्शन के लिए हजारों किलोमीटर की पैदल यात्रा तय कर रहे हैं.

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Published : Aug 18, 2019, 1:23 PM IST

'बाबा रामदेव' के दर्शन के लिए निकले श्रृद्धालु

आगर। बारिश के मौसम में कंधे पर झोला और हाथों में रामदेवजी की ध्वज लिए सैकड़ों श्रद्धालु रूणिजा वाले बाबा रामदेव की यात्रा पर निकल रहे है. श्रद्धालु इन्दौर- कोटा राजमार्ग, डग रोड ओर पिडावा रोड से हजारों किलोमीटर का सफर पैदल ही तय कर रहे हैं.

'बाबा रामदेव' के दर्शन के लिए निकले श्रृद्धालु


हर रोज सैकड़ों बाइक, पचास से भी ज्यादा कार और सौ से भी ज्यादा ट्रैक्टर- ट्रॉली के अलावा कई छोटे- छोटे जत्थों मे हाथ में ध्वज लिए श्रद्धालु नाचते गाते पैदल यात्रा पर निकल रहे हैं. वो प्रतिदिन दिन में 30 से 35 किलोमीटर का सफर तय कर रहे हैं.

यात्रा में पुरूषों के साथ-साथ महिलाएं और बच्चे भी बडे़ उत्साह के साथ भाग ले रहे है. राजस्थान के पोकरण में स्थित बाबा रामदेवजी की समाधि पर दूज के अवसर पर लाखों श्रृद्धालु दर्शन के लिए जाते हैं.

आगर। बारिश के मौसम में कंधे पर झोला और हाथों में रामदेवजी की ध्वज लिए सैकड़ों श्रद्धालु रूणिजा वाले बाबा रामदेव की यात्रा पर निकल रहे है. श्रद्धालु इन्दौर- कोटा राजमार्ग, डग रोड ओर पिडावा रोड से हजारों किलोमीटर का सफर पैदल ही तय कर रहे हैं.

'बाबा रामदेव' के दर्शन के लिए निकले श्रृद्धालु


हर रोज सैकड़ों बाइक, पचास से भी ज्यादा कार और सौ से भी ज्यादा ट्रैक्टर- ट्रॉली के अलावा कई छोटे- छोटे जत्थों मे हाथ में ध्वज लिए श्रद्धालु नाचते गाते पैदल यात्रा पर निकल रहे हैं. वो प्रतिदिन दिन में 30 से 35 किलोमीटर का सफर तय कर रहे हैं.

यात्रा में पुरूषों के साथ-साथ महिलाएं और बच्चे भी बडे़ उत्साह के साथ भाग ले रहे है. राजस्थान के पोकरण में स्थित बाबा रामदेवजी की समाधि पर दूज के अवसर पर लाखों श्रृद्धालु दर्शन के लिए जाते हैं.

Intro:आगर। मन में यदी अटूट आस्था के साथ दर्शन की लालसा लगी है, तो हर राह आसान हो जाती है। बारिश का मौसम कंधे पर झोला, हाथों में रामदेवजी की ध्वज थामे सैकडो श्रृद्धालुओं रूणिजा वाले बाबा रामदेव की यात्रा पर निकल रहे है। नाचते गाते ये श्रद्धालु हजारो किमी का सफर पैदल ही तय करते है। इस यात्रा के चलते इन्दौर- कोटा राजमार्ग, डग रोड ओर पिडावा रोड पर जय बाबारी की ही गुंज सुनाई दे रही है।

Body: हर रोज एक दिन में सैकडो बाईके, 50 से भी अधिक जीपे और 100 से भी अधिक टैक्टर- ट्रालीयो के अलावा कई छोटे- छोटे जत्थों में हाथों में ध्वज लिए पैदल यात्रा पर भक्त निकलते हुएं दिखाई दे रहै है। इसके चलते पूरा राजमार्ग भक्तिमय दिखाई दे रहा है। हजारो किलोमीटर की- की जाने वाले इस यात्रा में पुरूषो के साथ- साथ महिला और बच्चें भी बडे उत्साह के साथ भाग ले रहे है।
बता दे कि राजस्थान के पोकरण में स्थित बाबा रामदेवजी की समाधी पर दूज के अवसर पर लाखो श्रृद्धालु जनदर्शन कर पुण्य लाभ कमाते है। यात्री बाबा रामदेव के भजन गाते हुएं और जयकारे लगाते हुएं गुजर रहे है।Conclusion:बारिश के मौसम में बाेवनी कर सावन माह की हरियाली अमावस्या से ही यह यात्रा शुरू हो जाती है। रक्षाबंधन पर्व के बाद इस यात्रा में श्रृद्धालुओं की संख्या में काफी इलाफा हो जाता है। मार्ग से गुजरन वाले उमरावसिंह, बाबू बैरागी, लालसिंह, नारायणसिंह, गोवर्धनलाल, रामलाल सहित कई अन्य ने बताया कि देवास, सांगरुपर, उज्जैन व उसके आसपास अपने- अपने गांवो से बाबा रामदेवरा की यात्रा पर पैदल निकले है। रामदेवजी के दर्शन की लालसा से हर मुश्किल आसान हो जाती है। पहले भी यात्रा कर चुके कालुसिंह ने बताया कि वें तीसरी बार यात्रा कर रहे है शुरू की दो — तीन दिन परेशानी आती है बाद में सब कुछ सामान्य हो जाता है वे प्रतिदिन दिन में 30 से 35 किलाेमीटर का सफर तय कर रहे है।

विजुअल व फ़ोटो-
ध्वज हाथो में लिए रामदेवरा की और जाते हुएं भक्त।
नचाते गाते, पैदल यात्रा कर रहे श्रद्धालु।
बाइको व चार पहिया वाहनों से रामदेव जी की यात्रा करते हुवे श्रद्धालु।

बाईट- उमरावसिंह, यात्रा करता श्रद्धालु, सारंगपुर।
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