आगर मालवा। गत दिनों देश में 100 करोड़ वैक्सीनेशन का जश्न बड़े धूमधाम से मनाया गया. कोरोना के खिलाफ यह एक बड़ी उपलब्धि हो सकती है इसमें कोई शक नहीं, लेकिन जब मृत लोगों को ही कोरोना वैक्सीन का डोज लगने का प्रमाण पत्र जारी हो जाए, तो 100 करोड़ के आंकड़े पर भी सवाल खड़े हो जाते है. आगर मालवा में भी ऐसा ही मामला सामने आया है. यहां पर स्वास्थ्य विभाग ने मृत लोगों को कोरोना वैक्सीन का दूसरा डोज लगाने का प्रमाण पत्र जारी कर दिया.
31 मार्च को हुई मौत, 10 नवंबर को लगा टीका
दरअसल आगर मालवा जिला मुख्यालय में रहने वाले लोकेश जैन की मां सुशीला जैन को 6 मार्च को कोविशिल्ड का पहला डोज लगा था. जून के पहले सप्ताह में दूसरा डोस लगाया जाना था, लेकिन 31 मार्च को सुशीला जैन और पति अभय कुमार जैन का निधन कोरोना की संदिग्ध अवस्था के चलते इंदौर में उपचार के दौरान हो गया.
अब करीब 7 महीने बाद 10 नवंबर को उनके पुत्र लोकेश जैन के मोबाइल पर मैसेज आया कि सुशीला जैन का कोविशिल्ड का दूसरा डोज 10 नवंबर को आगर जिले के कानड़ प्राथमिक स्वास्थ केंद्र पर लगाया जा चुका है. लोकेश ने वेबसाइट खंगाली तो वहां से कोविशिल्ड के दूसरे डोज का सर्टिफिकेट भी मिल गया.
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मृत पिता को प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर लगा टीका
लोकेश को वेबसाइट में अपने मृत पिता अभय कुमार जैन का भी दूसरे डोज लगने का सर्टिफिकेट दिखाई दिया. जिसे डाऊनलोड करने पर पता चला कि 31 मार्च 2021 को मृत हुए पिता को भी 17 सितंबर यानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस पर टिका लगाया जा चुका है. अब लोकेश आंकड़ों की सरकारी जादूगरी पर सवाल उठा रहे हैं.
अब डोर टू डोर वैक्सीनेशन का कार्य शुरू हो गया है, लेकिन जिस तरह के मामले सामने आ रहे हैं. उससे साफ होता है कि जिन आंकड़ों को देखकर जश्न मनाए जा रहे हैं, वो कैसे हासिल किए गए होंगे. वहीं इस मामले में मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ अधिकारी डॉ. समंदर सिंह मालवीय ने कैमरे के सामने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.