आगर। जिला मुख्यालय से 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कांकर गांव में बच्चे जान जोखिम में डालकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं, 40 साल पुरानी इमारत पूरी तरह जर्जर हो चुकी है. बारिश के दिनों में तो इस जर्जर भवन के हाल बद से बदतर हो जाती है. हर तरफ से टपकती छत में बचते- बचाते बच्चे पढ़ाई करते हैं, लेकिन जिम्मेदारों ने आज तक इस स्कूल की सुध नहीं ली है.
कांकर गांव में प्राथमिक कक्षा तक सरकारी विद्यालय है. यहां बच्चे 40 साल पुराने भवन में बैठकर शिक्षा ग्रहण करते हैं. यह भवन अब काफी जर्जर स्थिति में पहुंच चुका है. बारिश में कक्षाएं पास में ही स्थित आंगनबाड़ी केंद्र में लगा दी जाती है. परिजन भी अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर हमेशा चिंतित रहते हैं.
शिक्षक बाबूलाल ने बताया कि भवन काफी जर्जर हो गया है. भवन की स्थिति से उच्च अधिकारियों को अवगत भी करा दिया गया है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही है. भवन में बच्चों को बैठाकर पढ़ाई करवाना मजबूरी बन गई है.