आगर-मालवा। जिले में किसानों को एक बार फिर प्रकृति का कहर झेलना पड़ रहा है. सुसनेर में हुई बारिश के चलते किसानों की संतरे, चना, मसूर, गेंहू, और लहसुन की खड़ी फसलें पूरी तरह चौपट हो गई हैं.
सुसनेर विधानसभा क्षेत्र में कई ग्रामीण इलाकों में बारिश के कारण किसानों की हजारों हेक्टेयर की फसलें खराब हो गई हैं. मौसम में अचानक हुई तब्दीली के कारण किसान सुरक्षा के प्रबंधन नहीं कर पाए. ज्यादातर किसान फसल की कटाई कर खलिहानों में ले जाने की तैयारी कर रहे थे.
तेज बारिश से खड़ी फसल खेतों में गिर गई है. मोल्याखेड़ी गांव में हंसराज पाटीदार संतरा के अलावा मसूर और चना में हुए नुकसान का दर्द बताते हुए कहते हैं कि उनका चार सदस्यों का परिवार है. खेती के लिए बाजार से कर्ज लिया हुआ है. सब कुछ इस साल की फसल के भरोसे था, जो बारिश और ओलावृष्टि की भेंट चढ़ गई.
नायब तहसीलदार प्रियांक और उद्यानिकी अधिकारी मुकेश कुमार सेनी का कहना है कि बेमौसम बारिश ने खड़ी फसलों को जमीन पर नीचे गिरा दिया है, जिससे दाने की चमक और रंग तो फीखा पड़ा ही है, अब इसके दाम भी पूरे नहीं मिल पाएंगे.