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भूमिपूजन के 2 साल बाद भी पुल अधूरा, निर्माण कंपनी पर आरोप

करोड़ों की लागत से आगर जिले के सुसनेर-डग मार्ग पर कंठाल नदी में बनने वाला पुल 2 साल से अधूरा ही अटका पड़ा है, जिससे इस मार्ग पर आवागमन करनेवालों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

भूमिपूजन के दो साल बाद भी पुल अधूरा
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Published : Nov 17, 2019, 7:10 PM IST

Updated : Nov 17, 2019, 8:06 PM IST

आगर-मालवा। जिले के सुसनेर-डग मार्ग पर कंठाल नदी में बनने वाला पुल 2 साल से अधूरा अटका पड़ा है. जिससे इस मार्ग पर आवागमन करने वाला को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इस पुल का भूमिपूजन सांसद रोडमल नागर ने साल 2017 में किया था, लेकिन विद्युत वितरण कंपनी की केवी लाइन के अडंगा बनने के कारण इसका काम अभी तक अधूरा है.

भूमिपूजन के दो साल बाद भी पुल अधूरा

करोड़ों की लागत से बनना है पुल

सुसनेर-डग मार्ग पर एमपी आरडीसी का 3 करोड़ 45 लाख रूपये से बनने वाला ये पुल साल भर पहले ही बनकर तैयार हो जाना था. लेकिन लेट लतीफी के कारण इसकी गुणवत्ता पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं. ऐसे में पुल का काम फिर से लटक गया है. कंपनी के इंजीनियर माखनसिंह के अनुसार उन्होंने इस बारे में विघुत वितरण कंपनी को पत्र लिखकर लाइन को हटाए जाने की मांग की है.

जानकारी के मुताबिक छह पिलर पर बनाए जा रहे इस पुल के कुछ पिलर तो ठेकेदार ने गायब कर दिए हैं. बाकी पिलर इतने टिकाऊ नहीं दिख रहे, क्योंकि इनमें सीमेंट कंक्रीट की बाउंड्री कर उसके अंदर रेत और मिट्टी डाल दी गई है.

सांसद ने दो साल पहले किया था भूमि-पूजन

बता दें कि दोनो पुलों का भूमिपूजन सांसद रोडमल नागर ने साल 2017 में किया था. इसमें से महुडी दरवाजे का पुल तो बनकर तैयार हो गया है, लेकिन पन्या का पुल आज भी अधूरा ही है. वहीं ठेकेदार कंपनी इसे एक से दो महीने में तैयार कर हेंडओवर किए जाने की बात कह रही है.

आगर-मालवा। जिले के सुसनेर-डग मार्ग पर कंठाल नदी में बनने वाला पुल 2 साल से अधूरा अटका पड़ा है. जिससे इस मार्ग पर आवागमन करने वाला को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इस पुल का भूमिपूजन सांसद रोडमल नागर ने साल 2017 में किया था, लेकिन विद्युत वितरण कंपनी की केवी लाइन के अडंगा बनने के कारण इसका काम अभी तक अधूरा है.

भूमिपूजन के दो साल बाद भी पुल अधूरा

करोड़ों की लागत से बनना है पुल

सुसनेर-डग मार्ग पर एमपी आरडीसी का 3 करोड़ 45 लाख रूपये से बनने वाला ये पुल साल भर पहले ही बनकर तैयार हो जाना था. लेकिन लेट लतीफी के कारण इसकी गुणवत्ता पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं. ऐसे में पुल का काम फिर से लटक गया है. कंपनी के इंजीनियर माखनसिंह के अनुसार उन्होंने इस बारे में विघुत वितरण कंपनी को पत्र लिखकर लाइन को हटाए जाने की मांग की है.

जानकारी के मुताबिक छह पिलर पर बनाए जा रहे इस पुल के कुछ पिलर तो ठेकेदार ने गायब कर दिए हैं. बाकी पिलर इतने टिकाऊ नहीं दिख रहे, क्योंकि इनमें सीमेंट कंक्रीट की बाउंड्री कर उसके अंदर रेत और मिट्टी डाल दी गई है.

सांसद ने दो साल पहले किया था भूमि-पूजन

बता दें कि दोनो पुलों का भूमिपूजन सांसद रोडमल नागर ने साल 2017 में किया था. इसमें से महुडी दरवाजे का पुल तो बनकर तैयार हो गया है, लेकिन पन्या का पुल आज भी अधूरा ही है. वहीं ठेकेदार कंपनी इसे एक से दो महीने में तैयार कर हेंडओवर किए जाने की बात कह रही है.

Intro:आगर। कंठाल नदी पर एक पन्या के समीप सुसनेर-डग मार्ग पर एमपीआरडीसी के द्वारा 3 करोड 45 लाख रूपये की लागत से बनाए जाने वाले पुल का काम आज भी अधुरा है। जबकि यह पुल साल भर पहले ही बनकर तैयार हो जाना था। अब पुल का कार्य अंतिम दोर में है, तो उस पर से निकल रही 133 केवी की विघुत लाईन अंडगा बनी हुई है। जब तक पुल पर से यह लाईन नहीं हटती तब तक कार्य पूरा नहीं किया जा सकता। ऐसे में पुल का कार्य फिर से अधर में लटक गया है। पुल निर्माण करने वाली कम्पनी के इंजीनियर माखनसिंह के अनुसार उन्होने इस सम्बंध में विघुत वितरण कम्पनी के एई से पत्र व्यवहार कर लाइन को हटाए जाने की मांग की है।Body:पुल की गुणवत्ता पर उठ रहे सवाल, नहीं है प्रशासन का ध्यान
एक पन्या पर बनाया जा रहे इस पुल की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे है। एक बार पहले भी जब इस पुल का कार्य अधर में लटका था तब पीडब्ल्यूडी विभाग के शाजापुर के अधिकारीयों ने यहां पहुंचकर जांच भी की थी। किन्तु एक बार फिर जब इसका कार्य अंतिम चरण में है तो फिर से इसमें उपयोग किए गए मटेरियल पर सवाल होने लगे है। सूत्रो से लगी जानकारी के अनुसार 6 पिल्लरो पर बनाए जा रहे इस पुल के कुछ पिल्लर तो ठेकेदार ने गायब कर दिए है, इन छह में से भी अधिकांश पिल्लर इनते टीकाऊ नहीं दिखाई दे रहे है, क्यों कि इनमें सीमेन्ट्र कांक्रिट की बाउन्ड्री करके उसके अंदर मुरम की बजाय नदी की रेत व मिट्टी डाल दी गई है, इतना ही नहीं बल्की डग रोड से सटकर पुिलया के लिए जो स्लेप बनाया जाना है उस पर यही मटेरियल इस्तेमाल किया गया है। अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब अधिकारीयों ने निरीक्षण किया तो उन्होने इस पर कारवाई क्यों नहीं। लेकिन स्थानीय प्रशासन का भी इसकी गुणवत्ता पर ध्यान नहीं है।Conclusion:बता दें कि सुसनेर की सीमा से जूडी कंठाल नदी पर महुडी दरवाजा क्षेत्र और एक पन्या क्षेत्र पर बनने वाले दोनो पुलों का भूमिपुजन सांसद रोडमल नागर ने वर्ष 2017 में किया था। इसमें से महुडी दरवाजे का पुल तो बनकर तैयार हो गया है, उस पर तो आवागमन भी शुरू हो गया, लेकिन एक पन्या का पुल आज भी अधुरा ही है। अब टेक्नोक्राप नामक कम्पनी भोपाल के द्वारा इसे एक से दो माह में तैयार कर हेंडओवर किए जाने की बात कही जा रही है।

विज्युअल- कंठाल नदी पर बनाए जा रहा पुल, विघुत लाईन बताते हुएं इंजीनियर।

बाईट- माखनसिंह, इंजीनियर, टेक्नोक्राप कम्पनी भोपाल।
Last Updated : Nov 17, 2019, 8:06 PM IST
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