आगर-मालवा। इंदौर-कोटा राजमार्ग पर रामदेवरा जाने वाले भक्तों की सेवा करने के लिए गांवों के बाहर चलाया जा रहा भंडारा जनसहयोग की मिसाल बना हुआ है. रोजाना यहां हजारों भक्त भोजन करते हैं. इसमें भक्तों के लिए नाश्ता-खाना और प्राथमिक उपचार से लेकर रात्रि विश्राम तक की व्यवस्था की गई है. इस तरह के भंडारे की व्यवस्था कई गांवों में की गई है.
अमरकोट के पास भंडारा संचालित करने वाले सजनसिंह, कालूसिंह और रघु सिंह के अनुसार उनके भंडारे में प्रतिदिन 1 हजार से भी अधिक लोग आ रहे हैं. खर्च की सारी व्यवस्था जनसहयोग से हो रही है. मध्यप्रदेश की सीमा पर चंवली गांव में संचालित भंडारे की व्यवस्था में शामिल भैरूलाल भगत के अनुसार लोग अपनी श्रद्धानुसार सहयोग करते हैं. वे पिछले 5 सालों से इसी मार्ग पर भंडारे का आयोजन कर रहे हैं. मार्ग से प्रतिदिन 3 हजार के लगभग यात्री गुजरते हैं, जो भंडारे का लाभ उठाते हैं. कुछ सेवाभावी लोगों ने भंडारे की जगह को ही अपना आशियाना बना लिया है. वे रात-दिन यहीं रहकर सेवा में जुटे रहते हैं.