आगर। प्रशासन की अनदेखी के कारण आगर जिले के सबसे ऐतिहासिक और पुरातात्विक धरोहर अमरकोट के किले पर कुछ लोगों ने कब्जा कर लिया है. राजस्थान के कोटा के रहने वाले मुरली मनोहर राजपुरोहित ने अपने निजी स्वामित्व का बोर्ड लगाकर कब्जा कर लिया है. साथ ही इस किले से जुड़ी लगभग 2300 बीघा जमीन पर अपनी निजी संपत्ति का बोर्ड लगा दिया है. ये जमीन इंदौर-कोटा राजमार्ग की शासकीय भूमि के अंतर्गत आती है. वहीं कब्जे से स्थानीय प्रशासन अब तक अनजान नजर आ रहा है.
ये किला मध्यप्रदेश में है, जिस पर राजस्थान से लाए दस्तावेजों के सहारे कब्जा करने की कोशिश हो रही है. कब्जा करने वाले मुरली मनोहर राजपुरोहित का कहना है कि ये किला उनके पुरखों का है और इससे जुड़े सारे दस्तावेज उनके पास हैं.
उन्होंने कहा कि ये किला आजादी के पहले राजस्थान की कोटा रियासत के अधीन था. मध्यप्रदेश के गठन के बाद ये किला मध्यप्रदेश में आया है. किले से जुड़े सारे दस्तावेज कोटा के पुरात्व विभाग द्वारा प्रमाणित हैं. उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश प्रशासन के पास किले का कोई भी रिकॉर्ड नहीं है. ये किला राजस्थान की सीमा से तीन किलोमीटर के अंदर मध्यप्रदेश की सीमा में स्थित है.
ग्राम पंचायत अमरकोट के सरपंच दाणुसिंह ने बताया कि किला 1200 साल से भी अधिक पुराना है और इस संबंध में प्रशासन को लिखित शिकायत करके मामले की जांच का अनुरोध भी करेंगे. एक अन्य ग्रामीण शहजाद खान के अनुसार किला मध्यप्रदेश में है और राजस्थान के दस्तावेजों के सहारे कोई इस पर अपना अधिकार नहीं बता सकता है. प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए.