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मनकामनेश्वर महादेव मंदिर में लोगों की अगाध आस्था, श्रावण में लगी भक्तों की भीड़ - 1998

आगर मालवा के मनकामनेश्वर मंदिर के प्रति लोगों की अगाध आस्था है. श्रद्धालु इसे चमत्कारिक मानते हैं. लोगों का कहना है कि यहां आने वाले भक्त की इच्छा जरूर पूरी होती है.

महादेव मंदिर में लोगों की अगाध आस्था
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Published : Aug 6, 2019, 3:32 PM IST

आगर मालवा। जिले के सुसनेर में युवाओं के एक ग्रुप ने जीर्णशीर्ण पड़े मनकामनेश्वर महादेव मंदिर का पुनरुद्धार किया, जिसके बाद से एक बार फिर यह मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र बन गया है और दूर-दूर से श्रद्धालु यहां आ रहे हैं. इस ग्रुप का नाम श्रीमनकामनेश्वर भक्त मंडल समिति है.

सावन में उमड़ी भक्तों की भीड़
इस समिति के युवा श्रमदान, नशामुक्ति, स्वच्छ भारत अभियान जैसे कार्यक्रम करके लोगों को प्ररेणा देने का काम करते आए हैं. 9 साल पहले करीब 45 युवाओं के द्वारा मंदिर की देखरेख के लिए बनाई गई समिति की सदस्य संख्या आज 150 से भी अधिक हो चुकी है. पूरे श्रावण मास में समिति के तत्वावधान में कई धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है. साथ ही मंदिर में 30 दिवसीय महारूद्राभिषेक, अखण्ड रामायण, अखण्ड ज्योत एवं महिला मंडल भजन-कीर्तन का भी आयोजन करती है.
बता दें कि जल संसाधन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने जनसहयोग से सन् 1998 में मनकामनेश्वर महादेव मंदिर को बनवाया था. विभाग के तत्कालीन एसडीओ मोहनलाल जैन ने मंदिर का निर्माण कराया. इस मंदिर की नींव रखे जाने के बाद यहां के एसडीओ का तबादला हो गया. यहां मंदिर तो बना, लेकिन बाद में उसकी हालत खराब हो गई. बाद में वर्ष 2010 में डाक बंगला क्षेत्र के कुछ युवाओं ने इसके पुनरुद्धार के लिए श्रीमनकामनेश्वर भक्त मंडल का गठन किया और मंदिर को एक नई पहचान दिलाई. ये मंदिर चमत्कारिक माना जाता है. शिवरात्रि पर यहां मेला भी लगता है.

आगर मालवा। जिले के सुसनेर में युवाओं के एक ग्रुप ने जीर्णशीर्ण पड़े मनकामनेश्वर महादेव मंदिर का पुनरुद्धार किया, जिसके बाद से एक बार फिर यह मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र बन गया है और दूर-दूर से श्रद्धालु यहां आ रहे हैं. इस ग्रुप का नाम श्रीमनकामनेश्वर भक्त मंडल समिति है.

सावन में उमड़ी भक्तों की भीड़
इस समिति के युवा श्रमदान, नशामुक्ति, स्वच्छ भारत अभियान जैसे कार्यक्रम करके लोगों को प्ररेणा देने का काम करते आए हैं. 9 साल पहले करीब 45 युवाओं के द्वारा मंदिर की देखरेख के लिए बनाई गई समिति की सदस्य संख्या आज 150 से भी अधिक हो चुकी है. पूरे श्रावण मास में समिति के तत्वावधान में कई धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है. साथ ही मंदिर में 30 दिवसीय महारूद्राभिषेक, अखण्ड रामायण, अखण्ड ज्योत एवं महिला मंडल भजन-कीर्तन का भी आयोजन करती है.
बता दें कि जल संसाधन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने जनसहयोग से सन् 1998 में मनकामनेश्वर महादेव मंदिर को बनवाया था. विभाग के तत्कालीन एसडीओ मोहनलाल जैन ने मंदिर का निर्माण कराया. इस मंदिर की नींव रखे जाने के बाद यहां के एसडीओ का तबादला हो गया. यहां मंदिर तो बना, लेकिन बाद में उसकी हालत खराब हो गई. बाद में वर्ष 2010 में डाक बंगला क्षेत्र के कुछ युवाओं ने इसके पुनरुद्धार के लिए श्रीमनकामनेश्वर भक्त मंडल का गठन किया और मंदिर को एक नई पहचान दिलाई. ये मंदिर चमत्कारिक माना जाता है. शिवरात्रि पर यहां मेला भी लगता है.
Intro:आगर। कहते है भगवान के प्रति अटूट आस्था हो तो किसी भी कार्य में एक दिन सफलता अवश्य मिल जाती है। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है आगर जिलें के सुसनेर में युवाओं के एक ग्रुप ने, जिन्होने सालो पहले जीर्णशीर्ण होकर विरान अवस्था में पहुंच चुके मनकामनेश्वर महादेव मंदिर को पुन अस्तित्व में लाने के प्रयास शुरू किए तो आज यह मंदिर पूरे क्षेत्र में फेमस ही नहीं बल्की दूर-दूर से आने वाले श्रृद्धालुओं की आस्था केन्द्र बना हुआ है। मंदिर समिति के युवा सदस्यों द्वारा धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रमो के जरीए धर्म की अलख जगाई जा रही है। इस समिति के युवा श्रमदान करना, नशामुक्ति, स्वच्छ भारत अभियान जेसे कार्यक्रम करके लोगो को प्ररेणादेने जैसे कई कार्य भी करते है यही कारण है कि आज यह मंदिर ही नहीं अपितु यहां नि:स्वार्थ भाव से सेवा देने वाले युवाओं की भी आज पूरे शहर में सराहना की जा रही है। युवाओं के प्रयासों से मंदिर को नई पहचान मिल चुकी है। सावन माह के चलते दूर-दूर से श्रृद्धालु यहां दर्शन करने के लिए पहुंच रहे है।Body:जल संसाधन विभाग के अधिकारीयो ओर कर्मचारीयो के द्वारा जनसहयोग से सन् 1998 में बनाए गए मनकामनेश्वर महादेव मंदिर को डाक बंगला क्षेत्र के युवाओ ने श्रीमनकामनेश्वर भक्त मंडल के जरीए एक नई पहचान दिलाई है। विभाग के तत्कालिन एसडीओ मोहनलाल जैन जिन्हाेने मंदिर का निर्माण कराया था। उनके स्थानांतरण के बाद मंदिर के रख- रखाव की और किसी का ध्यान नही गया। जिससे मंदिर जीर्णशीर्ण हो गया था। उसके बाद वर्ष 2010 में डाक बंगला क्षेत्र के कुछ युवाओ ने इसकी दशा सुधारने के लिए श्रीमनकामनेश्वर भक्त मंडल का गठन किया तथा बीते 9 सालो मंे आज यह मंदिर नगर ओर क्षेत्र में अपनी पहचान बना चुका है। मंदिर के विकास में नगर सहित कई जगहो के श्रृद्धालुओ का जनसहयोग भी शामिल है। जाे हर वर्ष यहा दान राशि देते है। इसके अलावा मंदिर परिसर में समिति के द्वारा पाैधारोपण भी किया गया है।
आज 150 युवाओं है की समिति
9 साल पहले करीब 45 युवाओ के द्वारा मंदिर की देखरेख के लिए बनाई गई समिति की सदस्य संख्या आज 150 से भी अधिक लोगो की हो चुकी है। जिसमें महीला मंडल ओर वृद्धजन भी शामिल है। संख्या बढने के बाद भक्त मंडल ने अपना नाम बदलकर श्रीमनकामनेश्वर सेवा मंडल समिति करके उसका पंजीयन भी कराया है। पुरे श्रावणमास में समिति के तत्वाधान में कई धार्मिक कार्यक्रमो का आयाेजन किया जाता है। इन दिनो मंदिर में 30 दिवसीय महारूद्राभिषेक, अखण्ड रामायण, अखण्ड ज्योत एवं महीला मंडल के द्वारा भजन कीर्तन का आयोजन किया जा रहा है। साथ ही प्रत्येक साेमवार पर भगवान शिव काे आकर्षक श्रृंगार के रूप में सजाया जाता है। वर्ष में एक बार महाशिवरात्रि पर महादेव की बारात भी निकाली जाती है। जिसमें सैकडो की संख्या में श्रृद्धालु शामिल होते है।
अभी भी चल रहा है कार्य
कुछ साल पूर्व जब मंदिर के जीर्णोद्धार का कार्य चला तो किसी ने निर्माण सामग्री के रूप में सीमेन्ट की बाेरी, लोहे के सरीए, मार्बल के पत्थर तो किसी ने दान राशि दी। जिससे आज मंदिर एक नया रूप ले चुका है। बीते सालो नगर परिषद ने अपनी और पेवर ब्लॉक िदए तो युवाओ ने रात्रि में श्रमदान करके 300 मीटर लम्बी सड़क का निर्माण कर दिया। वर्तमान में भी मंदिर परिसर में पेवर ब्लाक लगाने सहित कई अन्य कार्य चल रहे है।
काल के मुहं से बचाया महादेव ने
दो वर्ष पहले सावन माह में ही जल संसाधन विभाग के कर्मचारी शांतिलाल जैन ओर रामप्रसाद प्रजापत कार्यालय में ही बैठे हुए थे जब तेज बारिश ओर बादल गरज रहे थे। उधर सावन के सोमवार पर राित्र में महादेव के आरती हो रही थी। कर्मचारीयो के मन में सवाल उठा की आरती हो रही है मंदिर चलते है। वे जैसे ही आफिस से बाहर निकले अोर कार्यालय की छत गिर गई। जिससे उनके साथ दुर्घटना होने बच गई।
पराठे पर बन गया ऊॅ
प्रतिदन मंदिर आने वाले कृष्णा पंचोली ने एक बार मन मंे ठान ली ओर महादेव से कहा की यदी आप सच में है तो फिर कोई चमत्कार दिखाए। अलगे ही दिन उनके घर पर भौजन बनाने समय अपने आप पराठे पर ऊॅ बन गया। यह घटना तीन साल पहले की है। इसका चित्र आज भी मंदिर में लगा हुआ है। बीते साल समिति के सदस्यों द्वारा बाबा बफार्नी का श्रृंगार किया गया था जिसकी परछाई में महांकाल का शिखर बना हुआ दिखाई दिया था। इन चमत्कारिक घटनाओ के चलते मंदिर में श्रृद्धालुअो की आस्था ओर बढती जा रही है।Conclusion:वर्ष 1998 में इस मंदिर की नींव रखे जाने के बाद यहां के एसडीओं का तबादला हो गया, तो यहां देखरेख के अभाव में मंदिर जीर्णशीर्ण अवस्था में पहुंच चुका था। उसके बाद मंदिर के प्रति युवाओं की आस्था जागी तो उन्होनें एक समिति बनाकर कुछ रूपये प्रतिमाह निर्धारित करके कार्य शुरू तो लोगो को जनसहयोग मिलने लगा। आज मंदिर का जीणोद्धार हो चुका है रंग-रंगोन है, विघुत सज्जा की गई है। हर साेमवार पर बाबा का श्रृंगार किया जाता है। महाशिवरात्रि पर शिव बारात निकाली जाती है। इसके साथ ही वर्ष में एक बार श्रीमद् भागवत कथा जेसा धार्मिक आयोजन भी होता है। कुल मिलाकर आज यह मंदिर शहर का प्रसिद्ध धार्मिक स्थल बन चुका है। जिसमें इन युवाओं का प्रयास बेहद महत्वपूर्ण होकर सराहनीय है।

विज्युअल- जल संधानन विभाग के परिसर में स्थित मनकामनेश्वर महादेव मंदिर ।
मंदिर में विराजित मनकामनेश्वर महादेव।
मंदिर में बीते वर्षो श्रमदान करके बनाई गई पेवर ब्लॉक की सड़क। भजन कीर्तन, व श्रद्धालुओं के है।

फोटो- वर्ष 1998 के बाद के फोटो जो बता रहे है मंदिर की किस हालत में पहुंच चुका था।
वर्तमान के फोटो, व समिति के सदस्यों के फोटो। मन्दिर में भजन कीर्तन करते हुऐ महिला मण्डल, व आरती में उमड़े श्रद्धालू।

बाईट- मीना नायक, अध्यक्ष, महिला मंडल व श्रद्धालु, सुसनेर।
बाईट- लखन भावसार, संरक्षक, श्रीमनकामनेश्वर सेवा मंंडल समिति, सुसनेर।
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