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आगर कृषि उपज मंडी में मॉडल एक्ट का विरोध जारी, कर्मचारियों ने सड़क पर किया प्रदर्शन

मॉडल एक्ट के विरोध में हड़ताल कर रहे कर्मचारी अवकाश के दिन रविवार को भी कृषि उपज मंडी के मुख्य द्वार के सामने धरने पर बैठे रहे.

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कृषि मंडी कर्मचारियों की हड़ताल
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Published : Sep 27, 2020, 8:12 PM IST

आगर। मॉडल एक्ट के विरोध में हड़ताल कर रहे कर्मचारी अवकाश के दिन रविवार को भी कृषि उपज मंडी के मुख्य द्वार के सामने धरने पर बैठे रहे. यहां कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी भी की. कर्मचारियों का कहना है कि सरकार जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं करती है, तब तक उनकी हड़ताल जारी रहेगी. कर्मचारियों की हड़ताल को व्यापारियों के साथ ही हम्माल-तुलावटी संघ भी समर्थन दे रहा है.

कृषि मंडी कर्मचारियों की हड़ताल

बता दें कि मॉडल एक्ट के विरोध में कर्मचारियों द्वारा पिछले माह भी हड़ताल की गई थी तब सरकार ने आश्वासन दिया था, कि इस बारे में 15 दिन के अंदर कोई निराकरण निकाल दिया जाएगा. लेकिन 15 दिन के बाद भी कोई निराकरण नहीं किया गया, तो कर्मचारी एक बार फिर से हड़ताल पर चले गए हैं. बता दें कि इस समय गांवों में किसानों द्वारा सोयाबीन फसल की कटाई का काम किया जा रहा है. किसान अब इस फसल को बेचना चाहते हैं, लेकिन कृषि उपज मंडी में कर्मचारियों की हड़ताल के कारण किसान अपनी उपज बेचने नहीं पा रहे हैं.

मंडी कर्मचारी अनिल कुमार ने बताया कि सरकार द्वारा लाया गया मॉडल एक्ट कर्मचारियों के हित में नहीं है इससे मंडी की आय और कर्मचारियों को नुकसान होगा. जब तक सरकार मांगे पूरी नहीं करती, तब तक यह हड़ताल जारी रहेगी.

आगर। मॉडल एक्ट के विरोध में हड़ताल कर रहे कर्मचारी अवकाश के दिन रविवार को भी कृषि उपज मंडी के मुख्य द्वार के सामने धरने पर बैठे रहे. यहां कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी भी की. कर्मचारियों का कहना है कि सरकार जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं करती है, तब तक उनकी हड़ताल जारी रहेगी. कर्मचारियों की हड़ताल को व्यापारियों के साथ ही हम्माल-तुलावटी संघ भी समर्थन दे रहा है.

कृषि मंडी कर्मचारियों की हड़ताल

बता दें कि मॉडल एक्ट के विरोध में कर्मचारियों द्वारा पिछले माह भी हड़ताल की गई थी तब सरकार ने आश्वासन दिया था, कि इस बारे में 15 दिन के अंदर कोई निराकरण निकाल दिया जाएगा. लेकिन 15 दिन के बाद भी कोई निराकरण नहीं किया गया, तो कर्मचारी एक बार फिर से हड़ताल पर चले गए हैं. बता दें कि इस समय गांवों में किसानों द्वारा सोयाबीन फसल की कटाई का काम किया जा रहा है. किसान अब इस फसल को बेचना चाहते हैं, लेकिन कृषि उपज मंडी में कर्मचारियों की हड़ताल के कारण किसान अपनी उपज बेचने नहीं पा रहे हैं.

मंडी कर्मचारी अनिल कुमार ने बताया कि सरकार द्वारा लाया गया मॉडल एक्ट कर्मचारियों के हित में नहीं है इससे मंडी की आय और कर्मचारियों को नुकसान होगा. जब तक सरकार मांगे पूरी नहीं करती, तब तक यह हड़ताल जारी रहेगी.

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