आगर मालवा। जिले में खरीफ फसलों की स्थिति जानने के लिए उप संचालक, किसान कल्याण और कृषि विकास अधिकारी आरपी कनेरिया ने गुरूवार को अपनी टीम के साथ किसानों के खेतों का निरीक्षण किया. उप संचालक कृषि ने बताया कि वर्तमान में सोयाबीन और अन्य फसलें बहुत अच्छी स्थिति में है. कहीं भी कीट/व्याधि की स्थिति नहीं पाई गई और कृषकों द्वारा खरपतवार नियत्रंण के लिए डोरा चलाए जा रहे हैं.
कृषि उप संचालक ने सोयाबीन उत्पादक किसानों के लिए सलाह दी है कि 15 से 25 दिन की फसल होने पर जहां पर वर्षा नहीं हो रही है. वहां पर नमी संरक्षण और खरपतवार नियंत्रण के लिए डोरा चलाए जाएं. सोयाबीन फसल 30 दिन होने के बाद फसल में डोरा और कुल्पा ना चलाएं. जहां पर सोयबीन की फसल 15 से 20 दिन की हो और बोवनी के बाद उपयोगी अनुशंसित खरपतवार नाशकों का प्रयोग नहीं किया हो. उन स्थानों में सोयाबीन की खड़ी फसल में अनुशंसित खरपतवार नाशक जैसे इमाझेथापायर (1.0ली/हे.- चौड़ी एवं सकरी पत्ती वाले खरपतवारों के लिए) का छिड़काव करें.
जिन किसानों के खेतों में केवल चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार पाये जाते हों उन्हें सलाह है कि वे क्लोरीम्यूरान इथाइल (36ग्राम/हैं.) का छिडकाव करें. जिन किसानों के खेतों में केवल सकरी पत्ती वाले खरपतवार की संख्या अधिक हो वो क्विजालोफाप इथाइल (1.0ली./है.) या क्विजालोफॉप-वी-टेफूरील (1.0ली./है.) यो फेनाक्सीफॉप-पी-ईथाईल (.75/ली./हे.) की संख्या अधिक हो उन्हें में से किसी एक का 500 लीटर पानी के साथ समान रूप से खेत में छिड़काव करें.
कृषि उप संचालक ने बताया कि जहां पर फसल 15 से 20 दिन की हो किसान खरपतवार नाशक के छिड़काव के समय अनुशंसित कीटनाशक का मिश्रित छिड़काव कर सकते हैं, जिससे खरपतवार नियंत्रण के साथ-साथ आने वाले 30 से 40 दिनों तक पत्ती खाने वाले कीट नियंत्रण के लिए इमाझेथापायर/क्विजालोफाप इथाइल(1ली./हे.) क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल(100मि.ली./हे.)/इन्डोक्साकार्ब (333 मि.ली./हे.) छिड़काव के समय प्रति हेक्टर 500 लीटर पानी का उपयोग करें. जहां पर सोयाबीन अंकुरित हो चुकी है वहां पर नीला भृंग कीट के प्रकोप होने की संभावना है. प्रकोप होने पर क्वीनालफॉस (1.5ली./हे.) की दर से छिड़काव करें. जिन क्षेत्रों में अधिक वर्षा हो वहां पर सोयाबीन के खेत में जलभराव ना होने दें.