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700 साल से यहां विराजे हैं बड़ा गणपति, ग्रामीणों की दूर करते हैं हर विघ्न-बाधा

सुसनेर में प्राकृतिक वातावरण के बीच 700 वर्ष पुराना बड़ा गणपति मंदिर स्थित है, जहां हर शुभ कार्य में पहला निमंत्रण बड़ा गणपति को दिया जाता है और कार्य संपन्न होने के बाद चोला ओढ़ाकर उनका श्रंगार किया जाता है.

700 साल से यहां विराजे हैं बड़ा गणपति ग्रामीणों की दूर करते हैं हर विघ्न-बाधा
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Published : Sep 2, 2019, 3:40 PM IST

आगर मालवा। सुसनेर में प्राकृतिक वातावरण के बीच 700 वर्ष पुराना बड़ा गणपति का एक प्राचीन मंदिर है. जहां निमंत्रण देने के बाद ही किसी मंगल कार्य की शुरूआत होती है. लोग मंदिर पहुंचकर बड़ा गणपति को ही पहला आमंत्रण पत्र चढ़ाते हैं. इसके बाद ही किसी और को दिया जाता है.

700 साल से यहां विराजे हैं बड़ा गणपति ग्रामीणों की दूर करते हैं हर विघ्न-बाधा

ऐसी मान्यता है कि शादी-ब्याह या किसी अन्य धार्मिक-सामाजिक कार्यक्रम के अलावा गृह प्रवेश व अन्य शुभ कार्यों के सफल होने के लिए पहला निमंत्रण बड़ा गणपति को इस आस के साथ दिया जाता है कि कार्य में आने वाली बाधा व विघ्न को विघ्नहर्ता दूर कर देते हैं, इसी विश्वास के साथ इस मंदिर में दूर-दराज से श्रद्धालु आते रहते हैं.

बता दें कि वर्तमान में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए सुसनेर नगर परिषद छह लाख की लागत से 300 मीटर लंबे सीसी रोड का निर्माण करवा रहा है. मंदिर के पुजारी पंडित कमलेश मदनलाल शर्मा के अनुसार, मंदिर 700 वर्ष पुराना है. जिसमें नगर व आसपास के ग्रामीण किसी भी शुभ कार्य के लिए पहला निमंत्रण बड़े गणपति को देकर उन्हें विघ्नहरण के लिए आंमत्रित करते हैं और शुभ कार्य संपन्न होने के बाद बड़ा गणपति जी को चोला चढ़ाकर आकर्षक श्रंगार करते हैं.

आगर मालवा। सुसनेर में प्राकृतिक वातावरण के बीच 700 वर्ष पुराना बड़ा गणपति का एक प्राचीन मंदिर है. जहां निमंत्रण देने के बाद ही किसी मंगल कार्य की शुरूआत होती है. लोग मंदिर पहुंचकर बड़ा गणपति को ही पहला आमंत्रण पत्र चढ़ाते हैं. इसके बाद ही किसी और को दिया जाता है.

700 साल से यहां विराजे हैं बड़ा गणपति ग्रामीणों की दूर करते हैं हर विघ्न-बाधा

ऐसी मान्यता है कि शादी-ब्याह या किसी अन्य धार्मिक-सामाजिक कार्यक्रम के अलावा गृह प्रवेश व अन्य शुभ कार्यों के सफल होने के लिए पहला निमंत्रण बड़ा गणपति को इस आस के साथ दिया जाता है कि कार्य में आने वाली बाधा व विघ्न को विघ्नहर्ता दूर कर देते हैं, इसी विश्वास के साथ इस मंदिर में दूर-दराज से श्रद्धालु आते रहते हैं.

बता दें कि वर्तमान में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए सुसनेर नगर परिषद छह लाख की लागत से 300 मीटर लंबे सीसी रोड का निर्माण करवा रहा है. मंदिर के पुजारी पंडित कमलेश मदनलाल शर्मा के अनुसार, मंदिर 700 वर्ष पुराना है. जिसमें नगर व आसपास के ग्रामीण किसी भी शुभ कार्य के लिए पहला निमंत्रण बड़े गणपति को देकर उन्हें विघ्नहरण के लिए आंमत्रित करते हैं और शुभ कार्य संपन्न होने के बाद बड़ा गणपति जी को चोला चढ़ाकर आकर्षक श्रंगार करते हैं.

Intro:आगर। वैसे तो गणपति बप्पा प्रथम पुज्य है ही और हर कार्य में प्रथम स्मरण उन्ही का किया जाता है, लेकिन आगर जिलें के सुसनेर में प्राकृतिक वातावरण के बीच 700 वर्ष पुराना बडा गणपति का एक ऐसा प्राचीन मंदिर स्थित है। जहां पर हर शुभ-मंगल कार्य का आमंत्रण सबसे पहले बडा गणपति को दिया जाता है। पूरें नगर में कैसा ही आयोजन क्यों न हो नगरवासी पहला आमंत्रण पत्र बडा गणपति काे देना नहीं भूलते है। उसके बाद ही अन्य जगहों पर निमंत्रण पत्रो का वितरण किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि शादी ब्याह हो, कोई धार्मिक कथा हो, सामाजिक कार्यक्रम हो या फिर गृह प्रवेश व अन्य शुभ-मंगल कार्यो के सफल होने के लिए पहला निमंत्रण बडा गणपति को इस आशा के साथ दिया जाता है कि कार्य में आनी वाली बाधा व विघ्न को विघ्नहर्ता हल लेते है। और इसी विश्वास के चलते यह मंदिर दूर-दूर से आने वाले श्रद्धालुओं की आस्था का केन्द्र बना हुआ है।Body:वर्षो पुराने इस मंदिर की खराब हालत को देखते हुऐ करीब 8 वर्ष पुर्व भक्तो की आस्था ओर विश्वास के साथ एवं सरकार के सहयोग से शुरू कि गई निर्माण प्रकिया आज नया आकार ले चुकी है। बड़ा गणपति के पास ही शिवलिंग भी स्थापित है, यहा आने वाले भक्त प्रथम पूज्य के साथ महादेव की भी पूजा करते है। वर्तमान में श्रद्धालुओं की बढती संख्या को देखते हुएं नगर परिषद सुसनेर के द्वारा 300 मीटर लम्बी करीब 6 लाख की लागत से सीसी रोड का निर्माण भी किया जा रहा है। मंदिर के पुजारी पंडित कमलेश मदनलाल शर्मा के अनुसार मंदिर अतिप्राचीन होकर 700 वर्षो पुराना है। नगर या आसपास के ग्रामीण क्षेत्रो में कोई भी मांगलिक कार्य या शुभ मंगल कार्य हो तो क्षेत्रवासी सबसे पहले बडे गणपति को ही आंमत्रित कर प्रथम पत्रिका इस आशा ओर विश्सास के साथ चढाते है की होने वाले हर कार्य को गणेश जी पूर्ण करेंगे। साथ ही मन्नत पुरी होने पर श्रृद्धालुओ के द्वारा बडा गणपतिजी का चोला चढाकर आकर्षक श्रृंगार भी किया जाता है।Conclusion:मंदिर के पुजारी पंडित कमलेश के अनुसार 15 पीढियो से उनके पुर्वज इस मंदिर की पुजा करते आऐ है। यह मंदिर करीब 700 साल पुराना है। पुरे नगरवासी बडा गणपति को नगर के खेडापति के रूप में मानते है। इसलिए पहला आमन्त्रण पत्र इन्ही को चढ़ाया जाता है। गणेशौत्सव के चलते मंदिर में प्रतिदिन सुबह 8 बजे व रात्री में 8 बजे बडा गणपति जी की महाआरती कर प्रसाद वितरीत की जाएगी।

विज्युअल- 700 वर्षो पुरानी बडा गणपति की प्रतिमा । भक्तो दुवार चढ़ाया गया पहला निमंत्रण।
बडा गणपति मंदिर का।
मंदिर में पूजा करते हुवे श्रद्धालु।
नपा के दुवार किया जा रहा सीसी रोड निर्माण।

बाईट-विष्णु भावसार, सामाजिक कार्यकर्ता सुसनेर।

बाईट- राहुल भट्ट, श्रद्धालु सुसनेर।

बाईट- पंडित कमलेश शर्मा, पूजारी, बड़ा गणपति मंदिर सुसनेर।
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