आगर। आजादी के 70 साल बाद आज भी कई गांव ऐसे हैं, जो बुनियादी सुविधाओं को तरस रहे हैं. ऐसा ही एक गांव है सुसनेर का लोलकी जहां महज तीन किलोमीटर की सड़क को कोई भी जनप्रतिनिधि नहीं बनवा पाया. इस सड़क से होकर करीब 10 गांवों का रास्ता जाता है, लेकिन ग्रामीणों मांगों के बावजूद आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिला.
दरअसल प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में सुसनेर क्षेत्र के हर गांव को जोड़ने का दावा तो किया जा रहा है, लेकिन इंदौर-कोटा राजमार्ग से ग्राम लोलकी तक जाने वाली महज 3 किमी की सड़क को कोई जनप्रतिनिधी नहीं बनवा सका है. चाहे वह सांसद हो या विधायक, या फिर सरपंच की, किसी ने भी 70 के दशक बाद भी आज तक इस सड़क के निर्माण को लेकर किसी ने रूचि नहीं दिखाई है. इस सड़क मार्ग पर अतिप्राचीन माधव विलास मंदिर भी स्थित है, जहां हर नेता अपनी बैठकों से लेकर अन्य आयोजन समय- समय पर करते रहते हैं, लेकिन इस मंदिर से होकर गुजरने वाली सड़क को पक्का बनाने को लेकर आमजन को सिर्फ आश्वासन देते रहे.
वहीं सड़क से लगे एक प्राचीन हनुमान मंदिर भी है, जिसे माधव विलास के नाम से जाना जाता है. इस मंदिर में जाने वाले श्रद्वालुओं को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है. ग्रामीणों ने बताया कि इंदौर-कोटा राष्ट्रीय राजमार्ग से लोलकी गांव तक 3 किलोमीटर तक सड़क नहीं है. यह सड़क आसपास के दर्जनों गांवों को जोड़ती है. इस मामले में क्षेत्रीय विधायक विक्रम सिंह राणा ने कहा कि लोलकी की सड़क को पक्का बनाया जाना उनकी प्राथमिकता में है. इसके लिए शासन के पास स्वीकृति के लिए शासन को सूची भेज रखी है, कर्जमाफी, मुआवजा वितरण के बाद सड़क को बनवाया जाएगा.