भोपाल। स्पेशल कोर्ट ने एडिशनल एसपी दीपक ठाकुर की जमानत याचिका खारिच करते हुए गिरफ्तारी वारंट जारी करने के आदेश दिए हैं, कोर्ट ने यह आदेश जाने-माने फिल्म निर्माता करण जौहर (Film Producer Karan Johar) की रिश्तेदार रिमी जौहर और उनके बेटे को साइबर सेल (Bhopal Cyber Cell) के झूठे प्रकरण में फंसाने के मामले में दिया है. इस मामले में कोर्ट ने एक दिन पहले ही साइबर क्राइम की महिला हवलदार और दो सिपाहियों को जेल भेजने का आदेश दिया था.
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ये है पूरा मामला
एसपी लोकायुक्त मनु व्यास ने बताया कि पुणे निवासी रिमी जौहर और उनके बेटे गुलशन जौहर ऑनलाइन कैमरा बेचने का काम करते थे. साल 2012 में विक्रम राजपूत ने उनसे एक कैमरा खरीदा था. कैमरा खराब निकला तो विक्रम ने रिमी जौहर से कैमरा वापस लेने के लिए कहा. कैमरा वापस नहीं होने पर उन्होंने इसकी शिकायत साइबर सेल में की थी. इस मामले की जांच के बाद साइबर क्राइम ब्रांच ने मां-बेटे को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था, जहां से कोर्ट ने दोनों को जेल भेज दिया था. जेल से छूटने के बाद मां-बेटे ने साइबर सेल के तत्कालीन डीएसपी दीपक ठाकुर, आरक्षक इरशाद परवीन, आरक्षक सौरभ भट्ट, आरक्षक इंद्रपाल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें कहा गया कि संबंधित पुलिसकर्मियों ने पांच लाख रूपये की डिमांड नहीं पूरी करने की वजह से ही उन्हें जेल भिजवाया है. इस शिकायत को संज्ञान में लेकर लोकायुक्त ने जांच की और मुकद्दमा दर्ज कराया था.
अब एएसपी पर लटकी कार्रवाई की तलवार
इस मामले में लोकायुक्त की विशेष अदालत (Special Lokayukta Court) ने हवलदार और दो सिपाहियों को जेल भेज दिया है, जेल भेजे गए पुलिसकर्मियों में एक महिला हवलदार भी शामिल है. इस मामले में एडिशनल एसपी दीपक ठाकुर लोकायुक्त की विशेष अदालत में जस्टिस नेहा के सामने जमानत याचिका पेश की थी, जिसे कोर्ट ने खारिच करते हुए गिरफ्तारी वारंट जारी (Arrest Warrant Against ASP) कर दिया है.