ETV Bharat / sitara

हेमा मालिनी, सुभाष घई, अमजद अली खान ने बिरजू महाराज को दी श्रद्धांजलि

author img

By

Published : Jan 17, 2022, 5:21 PM IST

बिरजू महाराज को 1983 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था. इसके साथ ही इन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार और कालिदास सम्मान भी मिला है. काशी हिन्दू विश्वविद्यालय और खैरागढ़ विश्वविद्यालय ने बिरजू महाराज को डॉक्टरेट की मानद उपाधि भी दी थी.

Birju Maharaj
बिरजू महाराज

नई दिल्ली : दिग्गज फिल्म निर्माता सुभाष घई पंडित बिरजू महाराज को अपनी व्यक्तिगत श्रद्धांजलि ट्वीट करने वाले पहले बॉलीवुड हस्तियों में से एक थे. उन दिनों को याद करते हुए जब, वह एक कॉलेज उत्सव का आयोजन कर रहे थे, जहां महाराज जी प्रदर्शन कर रहे थे, घई ने याद किया कि कैसे उन्होंने भगवान कृष्ण और राधा के बीच 'रोमांटिक भावों' को अभिव्यक्त किया.

आगामी फिल्म '36 फार्महाउस' के लिए संगीतकार के रूप में अपनी शुरूआत करने के लिए चर्चा में आए घई ने ट्वीट किया, 'मैंने सीखा 'डांस' का मतलब शरीर है, लेकिन आत्मा आंखों में है. इसलिए वह कथक में जगत गुरु थे'.

महाराज जी के निधन पर शोक व्यक्त करने वाले सांस्कृतिक हस्तियों में सरोद मेस्ट्रो, उस्ताद अमजद अली खान साहब भी थे, जिन्होंने ट्वीट किया कि यह भारतीय नृत्य और कथक के लिए एक युग के अंत को चिह्न्ति करते हैं.

खान साहब ने लिखा, 'मेरे लिए यह व्यक्तिगत क्षति है. वह मेरे परिवार से बेहद प्यार करते थे और उनकी यादें हमेशा हमारे दिलों में रहती हैं. स्वर्ग आज और हर रोज उनके लिए नृत्य करेगा'.

अपने ट्वीट के साथ, उन्होंने एक युवा बिरजू महाराज की एक दुर्लभ तस्वीर को अपने सरोद पर तबला बजाते हुए दिखाया. एक प्रसिद्ध नर्तक होने के अलावा, महाराज जी एक प्रतिभाशाली तालवादक थे और एक हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायक होने के लिए भी जाने जाते थे.

वास्तव में महाराज जी ने संजीव कुमार, सईद जाफरी और अमजद अली खान अभिनीत सत्यजीत रे के ऐतिहासिक नाटक 'शतरंज के खिलाड़ी' में दो अवधि के नृत्य टुकड़ों के लिए संगीत की रचना की और गाया.

बॉलीवुड की दिग्गज और मथुरा से लोकसभा सांसद हेमा मालिनी ने महाराज जी को 'कथक प्रतिपादक' के रूप में वर्णित करते हुए ट्वीट किया, "उनके घुंघरू उनके टखनों पर थे जब तक कि उन्होंने अंतिम सांस नहीं ली. मैंने उनकी हमेशा प्रशंसा और सम्मान किया. उन्हें कथक के माध्यम के एक विशाल के रूप में और नृत्य के मंच पर उनकी उपस्थिति को याद करेंगे'.

महाराज जी का सिनेमा जगत से गहरा नाता था. उन्होंने शाहरुख खान अभिनीत फिल्म 'देवदास' के 2002 वर्जन में मधुर दीक्षित पर फिल्माए गए 'काहे छेड़ मोहे' ट्रैक को कोरियोग्राफ किया था.

उन्होंने कमल हासन बहुभाषी मेगाहिट 'विश्वरूपम' में 'उन्नई कानाधु नान' को कोरियोग्राफ करने के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार और बाजीराव मस्तानी संख्या 'मोहे रंग दो लाल' के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार जीता था.

(आईएएनएस)

नई दिल्ली : दिग्गज फिल्म निर्माता सुभाष घई पंडित बिरजू महाराज को अपनी व्यक्तिगत श्रद्धांजलि ट्वीट करने वाले पहले बॉलीवुड हस्तियों में से एक थे. उन दिनों को याद करते हुए जब, वह एक कॉलेज उत्सव का आयोजन कर रहे थे, जहां महाराज जी प्रदर्शन कर रहे थे, घई ने याद किया कि कैसे उन्होंने भगवान कृष्ण और राधा के बीच 'रोमांटिक भावों' को अभिव्यक्त किया.

आगामी फिल्म '36 फार्महाउस' के लिए संगीतकार के रूप में अपनी शुरूआत करने के लिए चर्चा में आए घई ने ट्वीट किया, 'मैंने सीखा 'डांस' का मतलब शरीर है, लेकिन आत्मा आंखों में है. इसलिए वह कथक में जगत गुरु थे'.

महाराज जी के निधन पर शोक व्यक्त करने वाले सांस्कृतिक हस्तियों में सरोद मेस्ट्रो, उस्ताद अमजद अली खान साहब भी थे, जिन्होंने ट्वीट किया कि यह भारतीय नृत्य और कथक के लिए एक युग के अंत को चिह्न्ति करते हैं.

खान साहब ने लिखा, 'मेरे लिए यह व्यक्तिगत क्षति है. वह मेरे परिवार से बेहद प्यार करते थे और उनकी यादें हमेशा हमारे दिलों में रहती हैं. स्वर्ग आज और हर रोज उनके लिए नृत्य करेगा'.

अपने ट्वीट के साथ, उन्होंने एक युवा बिरजू महाराज की एक दुर्लभ तस्वीर को अपने सरोद पर तबला बजाते हुए दिखाया. एक प्रसिद्ध नर्तक होने के अलावा, महाराज जी एक प्रतिभाशाली तालवादक थे और एक हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायक होने के लिए भी जाने जाते थे.

वास्तव में महाराज जी ने संजीव कुमार, सईद जाफरी और अमजद अली खान अभिनीत सत्यजीत रे के ऐतिहासिक नाटक 'शतरंज के खिलाड़ी' में दो अवधि के नृत्य टुकड़ों के लिए संगीत की रचना की और गाया.

बॉलीवुड की दिग्गज और मथुरा से लोकसभा सांसद हेमा मालिनी ने महाराज जी को 'कथक प्रतिपादक' के रूप में वर्णित करते हुए ट्वीट किया, "उनके घुंघरू उनके टखनों पर थे जब तक कि उन्होंने अंतिम सांस नहीं ली. मैंने उनकी हमेशा प्रशंसा और सम्मान किया. उन्हें कथक के माध्यम के एक विशाल के रूप में और नृत्य के मंच पर उनकी उपस्थिति को याद करेंगे'.

महाराज जी का सिनेमा जगत से गहरा नाता था. उन्होंने शाहरुख खान अभिनीत फिल्म 'देवदास' के 2002 वर्जन में मधुर दीक्षित पर फिल्माए गए 'काहे छेड़ मोहे' ट्रैक को कोरियोग्राफ किया था.

उन्होंने कमल हासन बहुभाषी मेगाहिट 'विश्वरूपम' में 'उन्नई कानाधु नान' को कोरियोग्राफ करने के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार और बाजीराव मस्तानी संख्या 'मोहे रंग दो लाल' के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार जीता था.

(आईएएनएस)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.