जबलपुर। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे हड़ताल का दौर भी लगातार देखने को मिल रहा है. सावन के साथ शुरू हुआ हड़ताली मौसम रोजाना नई-नई तस्वीरें पेश कर रहा है. इसी कड़ी में गुरुवार को सैकड़ों की तादाद में आशा और उषा कार्यकर्ता पैदल मार्च करते हुए जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंची और घेराव कर प्रदर्शन किया. वहीं, आशा और उषा कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
आशा और उषा कार्यकर्ताओं की मांगः इस दौरान आशा और उषा कार्यकर्ताओं की मांग थी कि उन्हें भी आंगनबाड़ी के समान मानदेय बढ़ाकर दिया जाए और उनके लिए भी एक महासम्मेलन का आयोजन मध्य प्रदेश सरकार करें. हाल ही में प्रदेश सरकार की ओर से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय 10 हजार किया गया है. ऐसे में अब आशा और उषा कार्यकर्ताओं ने भी अपनी मांगों को लेकर मोर्चा खोल दिया है. कलेक्टर कार्यालय का घेराव करने गई आशा कार्यकर्ताओं ने अंदर घुसने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने मौके पर ही सभी को रोक दिया. लंबे समय तक वहीं बैठकर आशा कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन जारी रखा.
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किसी को हलवा किसी को पुड़ी है सरकार का रवैयाः इस मौके पर सीटू संगठन के प्रदेश महासचिव पूजा कनौजिया ने कहा, ''सरकार का यह रवैया किसी को हलवा किसी को पुड़ी की तर्ज पर देखने को मिल रहा है. एक ओर आंगनबाडी कार्यकर्ताओं का दर्द सरकार को दिख गया, लेकिन आशा और उषा कार्यकर्ताओं का दर्द उनसे देखा नहीं जा रहा है. वहीं, पूजा कनौजिया ने आरोप लगाते हुए कहा, ''यही वजह है कि सरकार के पक्षपातपूर्ण रवैए के चलते वह प्रदेश व्यापी प्रदर्शन और आंदोलन करने बाध्य हुई हैं. उन्होंने सरकार से मांग की है कि जल्द ही उनकी मांगों पर भी विचार करें.