येरेवान : ब्रसेल्स में यूरोपीय संघ के संस्थानों के पास बुधवार को अर्मीनियाई झंडों के साथ सैकड़ों लोगों ने प्रदर्शन किया. यूरोपीय संसद ने नार्गोनो-काराबाख में वर्तमान स्थिति पर एक बहस आयोजित की थी.
अलगाववादी क्षेत्र में लगातार हो रही गोलाबारी आम नागरिकों के लिए भी चिंता का विषय है. अर्मीनियाई और अजरबैजानी बलों के बीच बुधवार को लड़ाई समाप्त होने का कोई संकेत नहीं दिखे.
1991 से 1994 तक इलाके में चले युद्ध में 30 हजार लोग मारे गए थे. उस टकराव के बाद 27 सितंबर को छिड़े ताजा संघर्ष में सैकड़ों की संख्या में लोग मारे गए हैं.
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जिस नार्गोनो-काराबाख इलाके में संघर्ष छिड़ा है, वह अजरबैजान का इलाका है, लेकिन उसकी बहुसंख्य आबादी अर्मीनियाई लोगों की है.
नार्गोनो-काराबाख अजरबैजान में है, लेकिन एक चौथाई सदी से अधिक समय से आर्मीनिया द्वारा समर्थित जातीय अर्मीनियाई बलों के नियंत्रण में है.