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... तो क्या रूस 'फॉल्स फ्लैग' का बहाना बनाकर यूक्रेन पर कर देगा हमला ?

रूस और यूक्रेन के बीच तनाव जारी है. अमेरिका आरोप लगा रहा है कि रूस पर विश्वास करना कठिन है. कुछ मीडिया रिपोर्ट बता रहे हैं कि हो सकता है रूस कहीं 'फॉल्स फ्लैग' का बहाना न बना ले. इसके आधार पर रूस यूक्रेन पर हमला कर सकता है. आखिर क्या है फॉल्स फ्लैग और किस तरीके से इसे हमले के लिए प्रयोग किया जाता है, विस्तार से जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर.

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Published : Feb 20, 2022, 5:04 PM IST

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सोशल मीडिया से ली गई तस्वीर

वाशिंगटन : अमेरिकी अधिकारी पिछले कुछ हफ्तों से कई बार आगाह कर चुके हैं कि रूस ऐसी योजना बना रहा है कि उसकी सेना पर हमला होता दिखे और वह इसकी तस्वीरें दुनिया को दिखा सके. अमेरिकी अधिकारियों का आरोप है कि इस तरह का फॉल्स फ्लैग अभियान रूस को यूक्रेन पर हमला करने का बहाना प्रदान करेगा.

फॉल्स फ्लैग एक ऐसी सैन्य कार्रवाई होती है जहां पर एक देश छिपकर, जानबूझकर स्वयं की संपत्ति, इंसानी जान को नुकसान पहुंचाता है जबकि दुनिया के सामने वह यह बताता है कि उसके दुश्मन देश ने ऐसा किया है. इसकी आड़ में ऐसा करने वाला देश अपने शत्रु देश पर हमला कर देता है.

इस योजना का भंडाफोड़ करते हुए बाइडन प्रशासन क्रेमलिन को युद्ध को जायज ठहराने वाले इस तरह का आधार बनाने से रोकना चाहता है. लेकिन इस तरह के फॉल्स फ्लैग हमले अब नहीं हो सकते, क्योंकि उपग्रह से ली गई तस्वीरें और मैदान के सजीव वीडियो व्यापक रूप से और तुरंत इंटरनेट पर साझा किए जाते हैं. ऐसे में आज फॉल्स फ्लैग हमले की जिम्मेदारी से बचना एक मश्किल काम है.

फॉल्स फ्लैग हमला और इसमें शामिल आरोपी देशों का एक लंबा इतिहास रहा है. इस शब्द की उत्पत्ति समुद्री लुटेरों के लिए हुई जो मैत्रीपूर्ण (और झूठे) झंडों को लगाकर व्यापारी जहाजों को पर्याप्त रूप से नजदीक आने के लिए आकर्षित करते थे ताकि उन पर हमला किया जा सके.

20वीं सदी फॉल्स फ्लैग से जुड़े कई मामले हैं. वर्ष 1939 में नाजी जर्मनी के एजेंटों ने पोलैंड की सीमा के निकट एक जर्मन रेडियो स्टेशन से जर्मन-विरोधी संदेश प्रसारित किए. उन्होंने कई नागरिकों की भी हत्या कर दी, जिन्हें उन्होंने पोलैंड पर जर्मनी के नियोजित आक्रमण का बहाना बनाने के लिए पोलिश सैन्य वर्दी पहनाई थी. उसी वर्ष सोवियत संघ ने फिनलैंड की सीमा के पास से सोवियत क्षेत्र में गोले दागे और फिनलैंड को दोषी ठहराया.

अमेरिका को भी इसी तरह की साजिशों में फंसाया गया है. ऑपरेशन नॉर्थवुड्स का प्रस्ताव अमेरिकियों को मारने और कास्त्रो पर हमला करने का आरोप लगाने के लिए था, ताकि सेना को क्यूबा पर आक्रमण करने का बहाना मिल जाए. हालांकि कैनेडी प्रशासन ने अंततः योजना को खारिज कर दिया.

वर्ष 1898 में जहाज यूएसएस मेन का डूबना और 1964 में टोंकिन की खाड़ी की घटना - जिनमें से प्रत्येक को युद्ध को जायज ठहराने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना गया था - को संभावित फॉल्स फ्लैग हमलों में शामिल किया जाता है, लेकिन इन आरोपों का समर्थन करने वाले सबूत कमजोर हैं.

वैश्विक मौजूदगी और दुष्प्रचार

हाल में आरोप लगाया गया था कि बुश प्रशासन ने नागरिक स्वतंत्रता पर प्रतिबंधों को सही ठहराने और इराक पर हमला करने की नींव रखने के लिए ट्विन टावरों को नष्ट करने की योजना बनाई थी. अगर लोग मानते हैं कि फॉल्स फ्लैग हमले होते हैं, तो इसका कारण यह नहीं कि ऐसा होना आम बात है. बल्कि लोग समझते हैं कि राजनेता भ्रष्ट होते हैं और संकटों का लाभ उठाते हैं. उदाहरण के लिए बुश प्रशासन ने 9/11 के हमलों का इस्तेमाल इराक पर अपने आक्रमण के लिए समर्थन जुटाने में किया था.

विश्वसनीयता की चुनौती

यह मानने की इच्छा कि नेता इस तरह के अत्याचार करने में सक्षम हैं, दुनियाभर में सरकारों के प्रति बढ़ते अविश्वास को दर्शाता है. संयोगवश यह फॉल्स फ्लैग हमलों को अंजाम देने का इरादा रखने वाले नेताओं के लिए मामलों को जटिल बनाता है. इसके अलावा स्वतंत्र जांचकर्ता के कारण सरकारों के लिए कानूनों और अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के गंभीर उल्लंघन से बचना मुश्किल हो जाता है.

फॉल्स फ्लैग का विकल्प

रूस के पास आक्रमण के लिए अन्य विकल्प हैं. वर्ष 2014 में क्रीमिया में अपनी घुसपैठ की शुरुआत में क्रेमलिन ने यूक्रेन के प्रतिरोध को रोकने और घरेलू सहमति हासिल करने के लिए जिस उपाय का इस्तेमाल किया उसमें दुष्प्रचार और धोखा शामिल था. इसके विपरीत फॉल्स फ्लैग अभियान जटिल है और शायद अधिक नाटकीय है, जो अवांछित जांच को आमंत्रित करता है. फॉल्स फ्लैग हमले जोखिम भरे होते हैं, जबकि जायज आधार बनाने के इच्छुक नेताओं के पास सूक्ष्म और कम खर्चीले वाले विकल्पों की भरमार है जिसमें से वह किसी का भी चयन कर सकते हैं.

ये भी पढे़ं : यूक्रेन के राष्ट्रपति ने बढ़ते तनाव के बीच पुतिन को बातचीत का प्रस्ताव दिया

(एजेंसी-पीटीआई)

वाशिंगटन : अमेरिकी अधिकारी पिछले कुछ हफ्तों से कई बार आगाह कर चुके हैं कि रूस ऐसी योजना बना रहा है कि उसकी सेना पर हमला होता दिखे और वह इसकी तस्वीरें दुनिया को दिखा सके. अमेरिकी अधिकारियों का आरोप है कि इस तरह का फॉल्स फ्लैग अभियान रूस को यूक्रेन पर हमला करने का बहाना प्रदान करेगा.

फॉल्स फ्लैग एक ऐसी सैन्य कार्रवाई होती है जहां पर एक देश छिपकर, जानबूझकर स्वयं की संपत्ति, इंसानी जान को नुकसान पहुंचाता है जबकि दुनिया के सामने वह यह बताता है कि उसके दुश्मन देश ने ऐसा किया है. इसकी आड़ में ऐसा करने वाला देश अपने शत्रु देश पर हमला कर देता है.

इस योजना का भंडाफोड़ करते हुए बाइडन प्रशासन क्रेमलिन को युद्ध को जायज ठहराने वाले इस तरह का आधार बनाने से रोकना चाहता है. लेकिन इस तरह के फॉल्स फ्लैग हमले अब नहीं हो सकते, क्योंकि उपग्रह से ली गई तस्वीरें और मैदान के सजीव वीडियो व्यापक रूप से और तुरंत इंटरनेट पर साझा किए जाते हैं. ऐसे में आज फॉल्स फ्लैग हमले की जिम्मेदारी से बचना एक मश्किल काम है.

फॉल्स फ्लैग हमला और इसमें शामिल आरोपी देशों का एक लंबा इतिहास रहा है. इस शब्द की उत्पत्ति समुद्री लुटेरों के लिए हुई जो मैत्रीपूर्ण (और झूठे) झंडों को लगाकर व्यापारी जहाजों को पर्याप्त रूप से नजदीक आने के लिए आकर्षित करते थे ताकि उन पर हमला किया जा सके.

20वीं सदी फॉल्स फ्लैग से जुड़े कई मामले हैं. वर्ष 1939 में नाजी जर्मनी के एजेंटों ने पोलैंड की सीमा के निकट एक जर्मन रेडियो स्टेशन से जर्मन-विरोधी संदेश प्रसारित किए. उन्होंने कई नागरिकों की भी हत्या कर दी, जिन्हें उन्होंने पोलैंड पर जर्मनी के नियोजित आक्रमण का बहाना बनाने के लिए पोलिश सैन्य वर्दी पहनाई थी. उसी वर्ष सोवियत संघ ने फिनलैंड की सीमा के पास से सोवियत क्षेत्र में गोले दागे और फिनलैंड को दोषी ठहराया.

अमेरिका को भी इसी तरह की साजिशों में फंसाया गया है. ऑपरेशन नॉर्थवुड्स का प्रस्ताव अमेरिकियों को मारने और कास्त्रो पर हमला करने का आरोप लगाने के लिए था, ताकि सेना को क्यूबा पर आक्रमण करने का बहाना मिल जाए. हालांकि कैनेडी प्रशासन ने अंततः योजना को खारिज कर दिया.

वर्ष 1898 में जहाज यूएसएस मेन का डूबना और 1964 में टोंकिन की खाड़ी की घटना - जिनमें से प्रत्येक को युद्ध को जायज ठहराने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना गया था - को संभावित फॉल्स फ्लैग हमलों में शामिल किया जाता है, लेकिन इन आरोपों का समर्थन करने वाले सबूत कमजोर हैं.

वैश्विक मौजूदगी और दुष्प्रचार

हाल में आरोप लगाया गया था कि बुश प्रशासन ने नागरिक स्वतंत्रता पर प्रतिबंधों को सही ठहराने और इराक पर हमला करने की नींव रखने के लिए ट्विन टावरों को नष्ट करने की योजना बनाई थी. अगर लोग मानते हैं कि फॉल्स फ्लैग हमले होते हैं, तो इसका कारण यह नहीं कि ऐसा होना आम बात है. बल्कि लोग समझते हैं कि राजनेता भ्रष्ट होते हैं और संकटों का लाभ उठाते हैं. उदाहरण के लिए बुश प्रशासन ने 9/11 के हमलों का इस्तेमाल इराक पर अपने आक्रमण के लिए समर्थन जुटाने में किया था.

विश्वसनीयता की चुनौती

यह मानने की इच्छा कि नेता इस तरह के अत्याचार करने में सक्षम हैं, दुनियाभर में सरकारों के प्रति बढ़ते अविश्वास को दर्शाता है. संयोगवश यह फॉल्स फ्लैग हमलों को अंजाम देने का इरादा रखने वाले नेताओं के लिए मामलों को जटिल बनाता है. इसके अलावा स्वतंत्र जांचकर्ता के कारण सरकारों के लिए कानूनों और अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के गंभीर उल्लंघन से बचना मुश्किल हो जाता है.

फॉल्स फ्लैग का विकल्प

रूस के पास आक्रमण के लिए अन्य विकल्प हैं. वर्ष 2014 में क्रीमिया में अपनी घुसपैठ की शुरुआत में क्रेमलिन ने यूक्रेन के प्रतिरोध को रोकने और घरेलू सहमति हासिल करने के लिए जिस उपाय का इस्तेमाल किया उसमें दुष्प्रचार और धोखा शामिल था. इसके विपरीत फॉल्स फ्लैग अभियान जटिल है और शायद अधिक नाटकीय है, जो अवांछित जांच को आमंत्रित करता है. फॉल्स फ्लैग हमले जोखिम भरे होते हैं, जबकि जायज आधार बनाने के इच्छुक नेताओं के पास सूक्ष्म और कम खर्चीले वाले विकल्पों की भरमार है जिसमें से वह किसी का भी चयन कर सकते हैं.

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(एजेंसी-पीटीआई)

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