ETV Bharat / international

फजलुर रहमान ने इमरान सरकार के खिलाफ 'कठोर निर्णय' लेने का संकेत दिए

शनिवार को लोगों को संबोधित करते हुए मौलाना फजलुर रहमान ने पाक सरकार के खिलाफ कठोर कदम उठाने का फैसला किया है. जानें पूरा विवरण

फजलुर रहमान और इमरान खान (डिजाइन फोटो)
author img

By

Published : Nov 3, 2019, 9:45 AM IST

Updated : Nov 3, 2019, 12:30 PM IST

इस्लामाबाद: जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (JUI-F) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने इमरान खान-सरकार के खिलाफ 'आजादी मार्च' के प्रवाह को बनाए रखने के लिए अगले दो दिनों में 'कठोर निर्णय' लेने का संकेत दिया है.

डॉन न्यूज के मुताबिक लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हमारा इतिहास आंदोलनों से भरा हुआ है ... हमें कल या परसों एक निर्णय लेना है.

JUI-F सुप्रीमो ने दावा किया कि पिछले लगभग नौ महीने में आजादी मार्च में करीब 1.5 करोड़ लोग जुटे हैं, और उन्हें व्यापक जन समर्थन हासिल है. उन्होंने कहा कि वह आजादी मार्च से अधिक प्रभावी विकल्पों का मूल्यांकन करेंगे. उन्होंने कहा कि इतनी भारी मात्रा में लोगों को एकजुट होने के बावजूद कही भी कानून व्यवस्था में गड़बड़ी नहीं हुई है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

रहमान ने सरकार की आर्थिक नीतियों का विरोध करते हुए सरकार को देश की सुरक्षा के लिए खतरा बताया. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने अपने पहले वर्ष में पिछली 70 साल में सरकार द्वारा खर्च किए पैसे अधिक पैसा खर्च किया है. उन्होंने कहा कि खान के कार्यकाल के दौरान सरकार के मुद्रास्फीति में लगातार वृद्धि हुई है.

उन्होंने कहा कि महंगाई के कारण आज गरीब लोग बच्चों के लिए राशन नहीं खरीद पा रहे हैं. रहमान ने कहा कि इस सरकार के कार्यकाल में हर रोज गिरती जा रही है और महंगाई मे इजाफा हो रहा है.

JUIF प्रमुख ने कहा कि अब हम देश चलाएंगे, हम देशवासियों को सुरक्षा प्रदान करेंगे. उन्होंने सत्ताधारी पार्टी को कहा कि सरकार को सत्ता छोड़ दे, हमारे धैर्य की परीक्षा न ले.

पढ़ें- कौन हैं मौलाना, जिसने इमरान को इस्तीफा देने की दी है मोहलत

रहमान ने कहा कि हम जब तक मैदान में बने रहेंगे जब तक कि सरकार को सत्ता से उखाड़ न फेंके.

बता दें कि पाकिस्तान-तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार को गिराने के लिए JUIF द्वारा आयोजित आजादी मार्च ने 31 अक्टूबर की रात इस्लामाबाद में प्रवेश किया.

इस्लामाबाद: जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (JUI-F) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने इमरान खान-सरकार के खिलाफ 'आजादी मार्च' के प्रवाह को बनाए रखने के लिए अगले दो दिनों में 'कठोर निर्णय' लेने का संकेत दिया है.

डॉन न्यूज के मुताबिक लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हमारा इतिहास आंदोलनों से भरा हुआ है ... हमें कल या परसों एक निर्णय लेना है.

JUI-F सुप्रीमो ने दावा किया कि पिछले लगभग नौ महीने में आजादी मार्च में करीब 1.5 करोड़ लोग जुटे हैं, और उन्हें व्यापक जन समर्थन हासिल है. उन्होंने कहा कि वह आजादी मार्च से अधिक प्रभावी विकल्पों का मूल्यांकन करेंगे. उन्होंने कहा कि इतनी भारी मात्रा में लोगों को एकजुट होने के बावजूद कही भी कानून व्यवस्था में गड़बड़ी नहीं हुई है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

रहमान ने सरकार की आर्थिक नीतियों का विरोध करते हुए सरकार को देश की सुरक्षा के लिए खतरा बताया. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने अपने पहले वर्ष में पिछली 70 साल में सरकार द्वारा खर्च किए पैसे अधिक पैसा खर्च किया है. उन्होंने कहा कि खान के कार्यकाल के दौरान सरकार के मुद्रास्फीति में लगातार वृद्धि हुई है.

उन्होंने कहा कि महंगाई के कारण आज गरीब लोग बच्चों के लिए राशन नहीं खरीद पा रहे हैं. रहमान ने कहा कि इस सरकार के कार्यकाल में हर रोज गिरती जा रही है और महंगाई मे इजाफा हो रहा है.

JUIF प्रमुख ने कहा कि अब हम देश चलाएंगे, हम देशवासियों को सुरक्षा प्रदान करेंगे. उन्होंने सत्ताधारी पार्टी को कहा कि सरकार को सत्ता छोड़ दे, हमारे धैर्य की परीक्षा न ले.

पढ़ें- कौन हैं मौलाना, जिसने इमरान को इस्तीफा देने की दी है मोहलत

रहमान ने कहा कि हम जब तक मैदान में बने रहेंगे जब तक कि सरकार को सत्ता से उखाड़ न फेंके.

बता दें कि पाकिस्तान-तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार को गिराने के लिए JUIF द्वारा आयोजित आजादी मार्च ने 31 अक्टूबर की रात इस्लामाबाद में प्रवेश किया.

Intro:Body:

Azadi March: JUI-F chief to take 'hard decision'

Islamabad, Nov 3 (IANS) Jamiat Ulema-i-Islam-Fazl (JUI-F) chief Maulana Fazlur Rehman has hinted at taking a "hard decision" in the next two days to "maintain the flow" of the 'Azadi March' against the Imran Khan-government.



"Our history is full of movements... We have to take a decision by tomorrow or the day after tomorrow," Dawn news reported citing Rehman as saying in his address to the participants of the sit-in on here on Saturday night.



The JUI-F supremo added that he would be evaluating options to "shift from this ground to a more effective ground".



"We don't want to worsen the situation. Fifteen million marches in nine months are enough for the evidence that how organised we have been and how (the participants of the marches) maintained the law and order situation."



Rehman also strongly criticised the incumbent government over its economic policy and declared the ruling regime a "security risk" for the country.



He said that the government in its first year borrowed more money than all the previous administrations collectively during the last 70 years.



He said that inflation increased during Khan's tenure of the incumbent government.



"Poor people in Pakistan are unable to purchase ration for their children," he said, adding that the country's economy under current government would further decline with each and every passing day.



The JUI-F chief said that writ of the incumbent government has ended and now "we will run the country".



"We will provide satisfaction and protection to the country," he said and asked the ruling regime to "step down" and don't test "our patience".



"We will remain in the arena until we get rid of the government."



The 'Azadi March', which was spearheaded by the JUI-F to call for toppling the incumbent Pakistan Tehreek-e-Insaf (PTI) government, entered Islamabad on the night of October 31.



Rehman has given Khan a two-day deadline to resign.


Conclusion:
Last Updated : Nov 3, 2019, 12:30 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.