इस्लामाबाद: जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (JUI-F) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने इमरान खान-सरकार के खिलाफ 'आजादी मार्च' के प्रवाह को बनाए रखने के लिए अगले दो दिनों में 'कठोर निर्णय' लेने का संकेत दिया है.
डॉन न्यूज के मुताबिक लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हमारा इतिहास आंदोलनों से भरा हुआ है ... हमें कल या परसों एक निर्णय लेना है.
JUI-F सुप्रीमो ने दावा किया कि पिछले लगभग नौ महीने में आजादी मार्च में करीब 1.5 करोड़ लोग जुटे हैं, और उन्हें व्यापक जन समर्थन हासिल है. उन्होंने कहा कि वह आजादी मार्च से अधिक प्रभावी विकल्पों का मूल्यांकन करेंगे. उन्होंने कहा कि इतनी भारी मात्रा में लोगों को एकजुट होने के बावजूद कही भी कानून व्यवस्था में गड़बड़ी नहीं हुई है.
रहमान ने सरकार की आर्थिक नीतियों का विरोध करते हुए सरकार को देश की सुरक्षा के लिए खतरा बताया. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने अपने पहले वर्ष में पिछली 70 साल में सरकार द्वारा खर्च किए पैसे अधिक पैसा खर्च किया है. उन्होंने कहा कि खान के कार्यकाल के दौरान सरकार के मुद्रास्फीति में लगातार वृद्धि हुई है.
उन्होंने कहा कि महंगाई के कारण आज गरीब लोग बच्चों के लिए राशन नहीं खरीद पा रहे हैं. रहमान ने कहा कि इस सरकार के कार्यकाल में हर रोज गिरती जा रही है और महंगाई मे इजाफा हो रहा है.
JUIF प्रमुख ने कहा कि अब हम देश चलाएंगे, हम देशवासियों को सुरक्षा प्रदान करेंगे. उन्होंने सत्ताधारी पार्टी को कहा कि सरकार को सत्ता छोड़ दे, हमारे धैर्य की परीक्षा न ले.
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रहमान ने कहा कि हम जब तक मैदान में बने रहेंगे जब तक कि सरकार को सत्ता से उखाड़ न फेंके.
बता दें कि पाकिस्तान-तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार को गिराने के लिए JUIF द्वारा आयोजित आजादी मार्च ने 31 अक्टूबर की रात इस्लामाबाद में प्रवेश किया.