भोपाल। लोकसभा चुनाव के अभी आए भी नहीं हैं, लेकिन इससे पहले ही मध्य प्रदेश की राजनीति में सत्ता परिवर्तन की अटकलें शुरू हो गई है. नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने परिणाम आने से पहले ही प्रदेश सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया है और राज्यपाल को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने के लिए पत्र भी लिख दिया है.
उनके द्वारा राज्यपाल को लिखे गए पत्र के जवाब में अब मुख्यमंत्री भी मैदान में उतर आए हैं, जहां एक तरफ उन्होंने कांग्रेस कार्यालय में सरकार की मजबूत स्थिति का दावा किया है, तो वहीं उन्होंने नेता प्रतिपक्ष को पत्र के माध्यम से अपना जवाब भी भेज दिया है. कमलनाथ ने अपने पत्र में गोपाल भार्गव द्वारा लगाए गए आरोपों को नकारते हुए कहा है कि 17 दिसंबर 2018 से प्रदेश में सरकार बनते ही उन्होंने जनकल्याण के विषयों में तत्काल काम शुरु कर दिया था. वहीं उन्होंने पत्र में 21 लाख से अधिक किसानों के फसल ऋण माफ करने की बात कही है.
कमलनाथ ने पत्र में संबल योजना के भी सतत रूप से संचालित होने की बात कही है और इससे संबंधित विवरण भी पत्र में लिखे है. वहीं पेयजल और कानून व्यवस्था के संबंध में लिखा कि उन्होंने पेयजल की उपलब्धता के लिए हर संभव प्रयास किए हैं और नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल परिवहन के लिए आवश्यक राशि उपलब्ध करायी है. इसी तरह कानून व्यवस्था पर उन्होंने लिखा की कानून व्यवस्था की स्थिति प्रदेश में नियंत्रण में है और यही कारण है कि लोकसभा चुनाव विगत चुनावों की तुलना में पूरी शांति से संपन्न हुआ.
अंत में उन्होंने लिखा कि नेता प्रतिपक्ष ने बिना किसी तथ्यों की जानकारी के मात्र अनुमान तथा कल्पना के आधार पर माननीय राज्यपाल महोदया को पत्र लिखा है. वह जनहित से जुड़े किसी मुद्दे पर चर्चा के लिए सदैव तैयार हैं और यदि शासन से जुडी हुई कोई भी शंका या प्रश्न उनके मन में हो, तो उसका समाधान करने में खुशी होगी.