भोपाल/सागर। पुलिस ने शुक्रवार को एक 18 वर्षीय सीरियल किलर को गिरफ्तार किया. जिसने कथित तौर पर चार सुरक्षा गार्डों को मौत के घाट उतार दिया था. उसने खुद को कुख्यात बनाने के लिए यह काम किया. उसे जब भोपाल के स्थानीय अदालत के सामने पेश किया गया, जहां से शिवप्रसाद धुर्वे को एक दिन के लिए पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया. पुलिस ने कहा कि किशोर की पहचान शिवप्रसाद धुर्वे के रूप में उसके आधार कार्ड से हुई, उसने सो रहे सुरक्षा गार्डों को निशाना बनाया और उनमें से तीन को सागर जिले में और चौथे को भोपाल में मार डाला. (MP Serial Killer) (Serial murder for infamous) (Serial killer showing victory sign)
विक्ट्री साइन दिखाते हुए कोर्ट में पेश: पहली तीन हत्याएं सप्ताह के पहले 72 घंटे के अंतराल में हुईं. जबकि चौथा पीड़ित, भोपाल का रहने वाला, शुक्रवार को धुर्वे की गिरफ्तारी से कुछ घंटे पहले शिकार हो गया. कोर्ट में पेशी के दौरान हत्या का आरोपी शिवप्रसाद धुर्वे जीत का विक्ट्री साइन दिखाते हुए चहक रहा था जैसे उसने कोई बड़ी जंग जीत ली हो. 18 वर्षीय लड़का उस समय बेपरवाह दिखाई दिया जब पुलिस उसे स्थानीय अदालत परिसर में ले गई. वह अपने चेहरे और सिर को सफेद कपड़े से ढककर अदालत परिसर में दाखिल हुआ और एक पुलिस वाहन में दो पुलिसकर्मियों के बीच में बैठा. अदालत ने उसे हत्याओं से संबंधित एक मामले में एक दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया, एक अधिकारी पीटीआई को बताया, वे अन्य मामलों में भी उसकी रिमांड लेने जा रहे थे. सागर के पुलिस अधीक्षक तरुण नायक ने कहा कि धुर्वे ने चार हत्याओं को कबूल कर लिया है, यह कहते हुए कि वह सोशल मीडिया से प्रभावित था और प्रसिद्ध होने के लिए सब कुछ करने को तैयार था.
मनोरोगी नहीं लगता आरोपी: पुलिस मई में एक अन्य सुरक्षा गार्ड की हत्या में उसकी भूमिका की भी जांच कर रही है. राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि धुर्वे को एक मोबाइल फोन के स्थान के आधार पर भोपाल में गिरफ्तार किया गया था, जिसे उसने सागर में एक पीड़ित से उठाया था. मिश्रा ने कहा, सागर जिले के निवासी धुर्वे को ट्रैक किया, क्योंकि वह दूसरे या तीसरे पीड़ित का मोबाइल फोन ले रहा था. धुर्वे कमाना चाहता था, लेकिन नकारात्मक मानसिकता रखता है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वीडियो क्लिप देखे. सागर रेंज के महानिरीक्षक (आईजी) अनुराग ने पीटीआई-भाषा को बताया कि वह मनोरोगी नहीं लगता. (Sagar Serial Killer) (Security Guards Killer)
हत्या मामले में जमानत पर बाहर था आरोपी: उन्होंने कहा कि पुलिस ने धुर्वे का पता तब लगाया जब एक मुखबिर ने उन्हें बताया कि वे जिस व्यक्ति की तलाश कर रहे थे, वह भोपाल के कोह-ए-फिजा इलाके में देखा गया था. पुलिस अधिकारी ने कहा कि धुर्वे ने स्वीकार किया है कि उसने पुणे में कोरेगांव इलाके में एक विवाद के बाद एक व्यक्ति को मारने की कोशिश की, जहां वह होटल वेटर के रूप में काम करता था. उन्होंने पुलिस को बताया कि उन पर आईपीसी की धारा 307 के तहत पुणे में हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया है और वह जमानत पर बाहर हैं. पुलिस ने दो सुरक्षा गार्डों की हत्या के बाद दो मोबाइल फोन और एक साइकिल भी बरामद किया है, एक अन्य अधिकारी ने कहा उन्होंने कहा कि धुर्वे पीड़ितों के मोबाइल फोन और पैसे लेकर भाग जाता था. उन खबरों के बारे में पूछे जाने पर कि धुर्वे फिल्म केजीएफ 2 में रॉकी भाई के चरित्र से प्रभावित थे, अनुराग ने कहा कि उनसे पूछताछ के दौरान ऐसा कोई बिंदु नहीं आया.
मजदूर करता था आरोपी: एक अधिकारी ने बताया कि धुर्वे एक मजदूर था जो महाराष्ट्र समेत कई जगहों पर काम करता था. उनका एक भाई और दो बहनें हैं, लेकिन उनके माता-पिता के बारे में विवरण उपलब्ध नहीं है. स्थानीय थाना प्रभारी संध्या मिश्रा ने बताया कि गुरुवार की रात भोपाल के इलाके में उसकी पहली हत्या भोपाल से करीब 170 किलोमीटर उत्तर सागर शहर में हुई थी, जहां उसने 50 साल के कल्याण लोधी की हत्या कर दी थी. फैक्ट्री, 28-29 अगस्त की दरम्यानी रात को लोधी के सिर पर हथौड़े से वार किया गया.
गार्डों की हत्याएं की: सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के एक आर्ट्स एंड कॉमर्स कॉलेज में सुरक्षा गार्ड के रूप में ड्यूटी पर तैनात शंभू नारायण दुबे (60) की 29-30 अगस्त की दरमियानी रात को हत्या कर दी गई थी. पुलिस ने कहा कि उसका सिर पत्थर से कुचला हुआ मिला था. मोती नगर इलाके में 30-31 अगस्त की दरमियानी रात को एक घर के चौकीदार मंगल अहिरवार की डंडे से हमला कर हत्या कर दी गई थी.
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