इंदौर। मध्यप्रदेश से रिश्वतखोरी का मामला आए दिन सामने आता रहता है. लोकायुक्त ने साल 2014 में एक पटवारी को रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार किया था. इस मामले में शनिवार को इंदौर की जिला कोर्ट में सुनवाई हुई. लोकायुक्त की टीम ने रिश्वतखोर पटवारी के खिलाफ कोर्ट में विभिन्न तरह के प्रमाण पेश किए. इसके बाद कोर्ट ने पटवारी को 4 साल के सश्रम कारावास सजा सुनाई है.
रिश्वतखोर पटवारी को मिली सजा: लोकायुक्त ने 28 नवंबर 2014 को हातोद क्षेत्र में रहने वाले राधेश्याम चौहान की शिकायत पर हातोद क्षेत्र की पटवारी दीपिका को 5 हजार की रिश्वत मांगने के मामले में पकड़ा था. इस मामले में लोकायुक्त ने कार्रवाई करते हुए 25 सौ रुपए नकद और 25 सौ की रिकॉर्डिंग भी जब्त की थी. ये मामला कोर्ट तक पहुंच गया. कोर्ट में सुनवाई करते हुए इस पूरे मामले में पटवारी को 4 वर्ष की सश्रम कारावास की सजा से दंडित किया है.
जमीन नामांतरण के एवज में मांगे थे पैसे: फरियादी राधेश्याम चौहान ने ग्राम पंधाना में कृषि भूमि क्रय की थी. जिसका नामांतरण होना था. नामांतरण करने के लिए पटवारी दीपिका 5 हजार रुपए मांग रही थी. पटवारी ने 25 सौ रुपए उसी समय ले लिए थे, और 25 सौ बाद में देना तय हुआ था. आवेदक और आरोपियों के मध्य रिश्वत की बातचीत को रिकॉर्ड करवाया गया. जिसमें 25 सौ की मांग प्रमाणित किए जाने पर विधिवत अन्य आवश्यक कार्रवाई कर ट्रैप किया गया. आरोपियों को दिनांक 28 नवंबर 2014 को 25 सौ रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था. रिश्वत राशि पटवारी कक्ष में लोहे की टेबल पर रखी ट्रे से बरामद हुई थी. अन्य आवश्यक कार्रवाई कर अभियोग पत्र मान्य विशेष न्यायालय इंदौर में प्रस्तुत किया गया था. फिलहाल इस मामले में कोर्ट के समक्ष लोकायुक्त ने विभिन्न तरह के दस्तावेज और सुबूत पेश किए और उसी के बाद कोर्ट ने पटवारी को सख्त सजा से दंडित किया है.