उज्जैन(Ujjain)। साइबर सेल (Cyber Cell) ने पश्चिम बंगाल (Wesू Bengal) के एक शातिर युवक को गिरफ्तार किया है. जिसने शहर के प्रतिष्ठित हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ.जितेंद्र भटनागर के साथ धोखाधड़ी (Cyber Fraud) की वारदात को अंजाम दिया. बैंक खाते का केवायसी (KYC) अपडेट करवाने के नाम पर आरोपी ने 7 लाख 45 हजार रुपए (7.45 Lakh Rupees Fraud) निकाल लिए थे. शिकायत के बाद जब साइबर सेल की टीम ने मामले की जांच की तो पता चला कि पश्चिम बंगाल के हुगली में यह पैसा ट्रांसफर हुए हैं.
जिसके बाद 5 दिनों तक लगातार साइबर सेल की टीम ने बंगाल के विभिन्न शहरों में छानबीन की. इस दौरान 26 वर्षीय शुभोजीत नाम के शख्स को गिरफ्तार किया गया. वह अपने दोस्तों के साथ वारदात को अंजाम देता था. जिनके तार जामताड़ा से भी जुड़े हुए हैं.
प.बंगाल से उज्जैन लाया गया आरोपी
घटना जुलाई महीने की है, जहां उज्जैन के आरटीओ कार्यालय के सामने रहने वाले प्रतिष्ठित डॉक्टर जितेंद्र भटनागर ने 12 जुलाई को FIR दर्ज कराई थी. फरियादी ने साइबर क्राइम को सूचना देते हुए अपने साथ 7 लाख 45 हजार की ठगी होने की शिकायत की. जिसे बाद आरोपी के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया.
उज्जैन साइबर सेल निरीक्षक रीमा यादव ने बताया कि, आरोपी शुभोजित पात्रा ने डॉ.भटनागर के मोबाइल पर SBI के बैंक अकाउंट में केवाईसी (KYC) अपडेट के लिए एसएमएस (SMS) भेजा था. जिसके बाद डॉ.भटनागर ने कॉल कर उस नंबर पर बात की. इस दौरान आरोपी ने बात-बात में जल्द ही खाता बंद होने और केवायसी अपडेट करने के लिए डॉक्टर से क्विक स्पोर्ट एप डाउनलोड करवा दिया. एप डाउनलोड होने के बाद आरोपी को डॉक्टर के मोबाइल का एक्सेस मिल गया. जिसके जरिए उसने 7 लाख 45 हजार रुपए उड़ा लिए. फिलहाल आरोपी शुभोजित साइबर पुलिस की गिरफ्त में है, लेकिन पैसे अभी तक रिकवर नहीं हुए हैं. आरोपी को उज्जैन लेकर भी आया गया है.
साइबर क्राइम का गढ़ बना जामताड़ा
झारखंड का छोटा-सा गांव आज साइबर क्राइम का गढ़ बन चुका है. देशभर में होने वाले साइबर क्राइम के लगभग 80 प्रतिशत मामलों को जामताड़ा से ही संचालित किया जाता है. यह मौजूद एक गिरोह में कम पढ़ा-लिखा युवा वर्ग जुड़ा हुआ है. डॉ.भटनागर के केस में पता चला कि गिरोह के सदस्य एक साथ एक ही सीरीज के मोबाईल नंबरों पर फोन करते हैं. जो लोग झांसे में आ जाते हैं, उनसे मोबाइल पर रिमोट एप डाउनलोड करवाते हैं. फिर यूपीआई या बैंकिंग एप डाउनलोड करवाकर बैंक खाते खाली कर देते हैं.
टूटे Track पर दौड़ गई ट्रेन, फिर कैसे बची सैकड़ों लोगों की जान
पढ़े-लिखे लोग भी हो रहे ठगी का शिकार
मामले में पकड़ाया गया आरोपी शुभोजित सिर्फ 12वीं पास है. लेकिन वह शातिराना अंदाज से कई पढ़े लिखे लोगों को शिकार बनाता था. पिछले कुछ दिनों से लगातार इस तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं. वहीं मामले में साइबर सेल निरीक्षक रीमा यादव ने बताया कि आरोपी तक पहुंचने के लिए उसके बैंक खाते का सहारा लिया गया, अमूमन ऐसे केसों में अपराधी दूसरों के खाते में राशि ट्रांसफर करते हैं, लेकिन इस केस में आरोपी ने पौने आठ लाख की राशि अपने ही खाते में ट्रांसफर की थी. जिससे उसे पकड़ने में आसानी हुई.