उज्जैन। उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में आये दिन नए विवाद सामने आ रहे है. राष्ट्रपति के दौरे को लेकर तैयारियां जोर शोर से चल रही हैं. बिना टेंडर के लाखों रुपये का काम कराना मुश्किल हो रहा है. बिना टेंडर के कैमरा खरीदने से नया विवाद खड़ा हो गया है. महाकाल मंदिर समिति ने हाल ही में इंदौर से बिना टेंडर के 5 लाख से अधिक का कैमरा और संबंधित सामाग्री खरीद डाली थी. इसको लेकर काफी हो हल्ला मचा हुआ है. मंदिर समिति द्वारा कैमरा तो ले लिया गया. लेकिन कई दिन बीत जाने के बाद संबंधित वेंडर का पेमेंट नहीं हुआ. इस बात से क्षुब्ध दुकानदार कैमरा उठा ले गया. जिससे मंदिर समिति की छवि धूमिल हुई है. (ujjain mahakal temple committee bought camera worth 5 lakh Rs)
ऑडिटर की आपत्ति के बाद वापस हुआ कैमराः महाकाल मंदिर में वर्ष भर त्योहार होते रहते हैं. इसी को लेकर मंदिर समिति कई वर्षों से फोटोग्राफी के लिए टेंडर के माध्यम से फोटो वीडियो करवाकर सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से आम जान तक मंदिर की सूचना और मंदिर का प्रचार प्रसार करते हैं. अचानक महाकाल मंदिर समिति ने बिना टेंडर के 5 लाख रुपए से अधिक का कैमरा और अन्य सामाग्री खरीद ली. कैमरा इंदौर से मंदिर पहुंच भी गया. इसी दौरान महाकाल मंदिर में इमरजेंसी फोटोग्राफी के नाम पर 5 लाख रुपए के कैमरे खरीदने की नोटशीट चली तो ऑडिटर की आपत्ति आ गई. जिसके चलते कैमरे का भुगतान रुक गया. कई दिनों तक 5 लाख के भुगतान रुकने से नाराज होकर वेंडर अपना कैमरा उठा ले गया. इस संबंध में कलेक्टर आशीष सिंह बोले, कैमरा खरीदने की प्रक्रिया हुई थी. बाद में ऑडिटर की आपत्ति आने के बाद कैमरा वापस कर दिया गया है. फिलहाल कैमरा क्रय करने की प्रक्रिया नहीं की गई है. इधर मंदिर समिति के प्रशासक ने तो किसी भी तरह के कैमरे खरीदी को लेकर इंकार कर दिया. (ujjain mahakal temple committee caimara returned after objection)
मंदिर में आने वाले दान से चलती हैं गतिविधियांः देश विदेश के श्रद्धालुओं द्वारा महाकालेश्वर मंदिर में दान दिया जाता है. मंदिर समिति द्वारा दान राशि को इस तरह खर्च करने का कोई मतलब नहीं. जब मंदिर समिति को बिना कोई धन खर्चा किये फोटो वीडियो उपलब्ध हो रहे है, तो इतनी बड़ी राशि खर्च करने की क्या जरूरत है. महाकाल मंदिर में बीते 5 वर्षो से कंचन फिल्म्स के नाम से टेंडर डालने वाली फर्म निशुल्क फोटो उपलब्ध करा रही है. इसके बाद भी 5 लाख रुपये का कैमरा खरीदना बड़े सवाल खड़े करता है.
ujjain महाकाल मंदिर विवाद, समिति ने बगैर टेंडर खरीद लिया 5 लाख रुपये का कैमरा, ऑडिटर की आपत्ति के बाद वापस हुआ - ujjain mahakal committee returned caimara
उज्जैन का विश्व विख्यात महाकाल मंदिर जहां एक ओर आस्था का प्रतीक है. वहीं दूसरी ओर मंदिर समिति और अन्य मामलों को लेकर विवाद से इसकी छवि भी धूमिल हो रही है. इस बार एक महंगे कैमरे की खरीद मंदिर की छवि धूमिल करने का कारण बनीं है. (ujjain mahakal temple dispute)
उज्जैन। उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में आये दिन नए विवाद सामने आ रहे है. राष्ट्रपति के दौरे को लेकर तैयारियां जोर शोर से चल रही हैं. बिना टेंडर के लाखों रुपये का काम कराना मुश्किल हो रहा है. बिना टेंडर के कैमरा खरीदने से नया विवाद खड़ा हो गया है. महाकाल मंदिर समिति ने हाल ही में इंदौर से बिना टेंडर के 5 लाख से अधिक का कैमरा और संबंधित सामाग्री खरीद डाली थी. इसको लेकर काफी हो हल्ला मचा हुआ है. मंदिर समिति द्वारा कैमरा तो ले लिया गया. लेकिन कई दिन बीत जाने के बाद संबंधित वेंडर का पेमेंट नहीं हुआ. इस बात से क्षुब्ध दुकानदार कैमरा उठा ले गया. जिससे मंदिर समिति की छवि धूमिल हुई है. (ujjain mahakal temple committee bought camera worth 5 lakh Rs)
ऑडिटर की आपत्ति के बाद वापस हुआ कैमराः महाकाल मंदिर में वर्ष भर त्योहार होते रहते हैं. इसी को लेकर मंदिर समिति कई वर्षों से फोटोग्राफी के लिए टेंडर के माध्यम से फोटो वीडियो करवाकर सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से आम जान तक मंदिर की सूचना और मंदिर का प्रचार प्रसार करते हैं. अचानक महाकाल मंदिर समिति ने बिना टेंडर के 5 लाख रुपए से अधिक का कैमरा और अन्य सामाग्री खरीद ली. कैमरा इंदौर से मंदिर पहुंच भी गया. इसी दौरान महाकाल मंदिर में इमरजेंसी फोटोग्राफी के नाम पर 5 लाख रुपए के कैमरे खरीदने की नोटशीट चली तो ऑडिटर की आपत्ति आ गई. जिसके चलते कैमरे का भुगतान रुक गया. कई दिनों तक 5 लाख के भुगतान रुकने से नाराज होकर वेंडर अपना कैमरा उठा ले गया. इस संबंध में कलेक्टर आशीष सिंह बोले, कैमरा खरीदने की प्रक्रिया हुई थी. बाद में ऑडिटर की आपत्ति आने के बाद कैमरा वापस कर दिया गया है. फिलहाल कैमरा क्रय करने की प्रक्रिया नहीं की गई है. इधर मंदिर समिति के प्रशासक ने तो किसी भी तरह के कैमरे खरीदी को लेकर इंकार कर दिया. (ujjain mahakal temple committee caimara returned after objection)
मंदिर में आने वाले दान से चलती हैं गतिविधियांः देश विदेश के श्रद्धालुओं द्वारा महाकालेश्वर मंदिर में दान दिया जाता है. मंदिर समिति द्वारा दान राशि को इस तरह खर्च करने का कोई मतलब नहीं. जब मंदिर समिति को बिना कोई धन खर्चा किये फोटो वीडियो उपलब्ध हो रहे है, तो इतनी बड़ी राशि खर्च करने की क्या जरूरत है. महाकाल मंदिर में बीते 5 वर्षो से कंचन फिल्म्स के नाम से टेंडर डालने वाली फर्म निशुल्क फोटो उपलब्ध करा रही है. इसके बाद भी 5 लाख रुपये का कैमरा खरीदना बड़े सवाल खड़े करता है.