उज्जैन। महाकाल की नगरी में बीते कई वर्षों से गणेश उत्सव के अंतिम दिन अनंत चतुर्दशी पर झांकियां निकालने की परंपरा को आज भी लोग बड़े हर्ष उल्लास के साथ निभा रहे हैं .लेकिन चार दशक पहले और अब की झांकियों में काफी फर्क देखा गया है. पहले कपड़ा मिल व अन्य बड़े उद्योगों के कारण झांकियों में अलग रोनक हुआ करती थी. अब उद्योग बंद हो जाने से झांकियों में भी कमी देखी जा रही है. कुछ सरकारी विभाग और सामाजिक संस्थाओं की झांकियां इस परमपरां को निर्वहन कर रही हैं. देर रात तक झांकिया निकली उसमें मुख्य आकर्षण का केंद्र पीएचई विभाग की झांकी रही. जो जल बचाव का खास संदेश दे रही थी.
लोगों ने झांकियों में दिखाए कर्तब: झांकियों के साथ साथ डीजे की धुन पर भगवान के भजनों पर झूमते नाचते गाते हुए लोग नजर आए. साथ ही वर्षो पुरानी लट्ठ, तलवार घुमाने की परंपरा को भी आम जन की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सावधानी पूर्वक घुमाकर निभाया गया. पुलिस व प्रशासनिक व्यवस्थायों के बीच रात भर ये चल समारोह चलता रहा. सुबह 4 से 5 बजे भगवान गणेश की प्रतिमाओं को विसर्जन किया गया.
Indore Ganesh Utsav यहां 130 साल से अनंत है चतुर्दशी का झांकी महोत्सव, जोरो-शोरो पर चल रही तैयारियां
नगर निगम की झांकी में कोरोना और शिव की कथा: पीएचई की झांकी में जल बचाओ की योजनाओं के बारे में दिखाया. वही नगर निगम की झांकी में कोरोनाकाल में कैसे निगम ने काम किया है उसको दर्शाया गया. जयगुरुदेव की झांकी भी निकाली गई. नगर निगम की एक और झांकी थी जिस में भगवान शिव से जुडी कथाओं का वर्णन किया गया. शहर के तमाम बड़े पंडालों के गणेश जी झांकियों में शामिल हुए और रात भर यह सिलसिला चलता रहा. शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए मंगलनाथ पर जाकर झांकियों का समापन हुआ.
Ujjain Anant Chaturdashi, Colorful tableaux came out in Ujjain, Tableau of PHE department Attracted