उज्जैन। अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र पुरी महाराज का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने खाटूश्याम अखाड़ा के महामंडलेश्वर आचार्य गिरधर महाराज और प्रतिभा पांडेय द्वारा की गई टिप्पणी को लेकर नाराजगी व्यक्त की है. मामले में खाटू श्याम अखाड़े के महामंडलेश्वर के विरुद्ध मानहानि का नोटिस भी भेजा गया है. उज्जैन, हरिद्वार, नासिक, प्रयागराज देव स्थानों पर खाटू श्याम नाम के अखाड़े को जमीन, भूखंड के साथ अन्य सुविधा उपलब्ध नहीं कराए जाने को लेकर एक पत्र भी जारी किया है. उन्होंने कहा है कि सिर्फ 13 अखाड़े ही हैं. 14वें खाटू श्याम नामक अखाड़े को मान्यता नहीं दी जाएगी.
मेला अधिकारियों को भेजा पत्र: खाटूश्याम अखाड़े को लेकर उज्जैन अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि, सनातन परंपरा में किसी भी संत को महामंडलेश्वर की पदवी और चादर विधि करना 13 अखाड़ों का अधिकार है. अखाड़ा से ही यह प्रक्रिया होती है. खाटू श्याम अखाड़े द्वारा बनाए जा रहे महामंडलेश्वरों को कोई मान्यता नहीं है. खाटू श्याम अखाड़े द्वारा बनाए जा रहे कथित महामंडलेश्वर को उज्जैन, नासिक, हरिद्वार और प्रयागराज कुंभ में किसी भी प्रकार की जमीन,भूखंड उपलब्ध नहीं होंगे, ना ही उन्हें यहां के शासन-प्रशासन द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं का लाभ मिलेगा. इस संबंध में अखाड़ा परिषद ने सभी मेला अधिकारियों को भी पत्र भेजा है.
मानहानि का नोटिस भेजा: हाल ही में हुई खाटूश्याम अखाड़े के महामंडलेश्वर गिरधर महाराज की प्रेस वार्ता के बाद यह मामला सामने आया है. प्रेस वार्ता के पूर्व पंचायती निरंजनी अखाड़े की महामंडलेश्वर साध्वी मंदाकिनीपुरी माता ने कहा था कि 13 अखाड़ों के अलावा किसी को महामंडकेश्वर और 14वां अखाड़ा स्वयं घोषित करने का अधिकार नहीं है. खाटू श्याम नामक संस्था 14वें अखाड़े के रूप में खुद को सामने ला रही है. खुद महामंडलेश्वर बना रही है. उसको कोई अधिकार नहीं है. इसी को लेकर खाटू श्याम संस्था के महामंडलेश्वर में प्रेस वार्ता की गई थी. निरंजनि अखाड़े के मंण्डलेश्वर पर आरोप लगाए गए थे. इनके आरोप को लेकर निरंजनि अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और सचिव ने बड़ा एक्शन लेकर वकील के माध्यम से खाटूश्याम अखाड़े को मानहानि का नोटिस जारी करवाया और करवाई की मांग की.