उज्जैन। महाकाल की नगरी में हर रोज हजारों की संख्या में लोग बाबा के दर्शन के लिए पहुंचते हैं. वहीं इस शहर में एक ऐसा परिवार है जो जहरीले जानवर का काटा जहर चंद सेकंड में निकालने और मरीज को ठीक करने का दावा करीब 75 सालों से करता आ रहा है. नीलगंगा इलाके का यह शख्स जिसका नाम विष्णु नरवाले है खुद को विष पुरुष बताता है. उसका दावा है कि वो खून चूसकर सांप, बिच्छू और यहां तक कि कुत्ते के काटने का भी जहर निकाल देता है.(Superstition in Ujjain) कुत्ते के काटे शख्स को रेबीज के इंजेक्शन की जरुरत भी नहीं पड़ती. (Poison Man of MP)
ब्लेड से काटता है घाव: पीढ़ी दर पीढ़ी से ये परिवार जहर पिता आता रहा है. ये परिवार ऐसे लोगों के उपचार का दावा करता है जिनको किसी जहरीले जानवर ने काटा हो. इलाज का दावा करने से पहले वो उस जगह जहां सांप या बिच्छू ने काटा हो, उस पर ब्लेड से कट लगाता है, फिर खून को जहर का नाम देकर उसे चूसता है. परिवार का एक सदस्य हर रोज दोपहर 2 बजे घर के सामने योगाचार्य गुरु गोरक्षनाथ जी महाराज की कुटिया में पहले 30 मिनट पूजन करता है, फिर गांजे का सेवन कर दूर दराज से आए लोगों का जहर निकालता है. एक ही वक़्त में करीब तीन बार ये प्रकिया करनी होती है जिसमें सारा जहर चूस कर पीड़ित को फ्री कर दिया जाता है. लोगों का मानना है ये चमत्कार से कम नही है.
75 साल की साधना का नतीजा: विष्णु प्रसाद नरवाले का दावा है कि गुरु गोरक्षनाथ की तांत्रिक विद्या को वह जानता है. उसका भगवान में विश्ववास है और 20 साल से ये कार्य कर रहा है. उनका परिवार 75 वर्षों से यही काम करता आ रहा है. विष्णु के पिता भी इसी तरह से लोगों का इलाज करते थे, मगर उम्र ज्यादा होने की वजह से वो अब इस प्रक्रिया को नहीं निभा रहे. विष्णु के पिता नगर निगम के रिटायर्ड कर्मचारी हैं. उनके यहां पीढ़ी दर पीढ़ी यह काम होता चला आ रहा जो बेहद खरनातक है, लेकिन दावा है कि आज तक परिवार में किसी को कुछ नही हुआ और ना किसी डॉक्टर को परिवार के सदस्यों को दिखाने की जरूरत पड़ी. विष्णु हर रोज इस कार्य को करने से पहले भगवान का पूजन करते हैं. (Poison Man of MP)
फीस 100 रुपए: विष्णु प्रसाद के घर पर रोजाना जहर निकलवाने आने वालों की भारी भीड़ रहती है. लोग लंबी कतार में खड़े-बैठे रहते हैं. विष्णु से इलाज कराने आसपास के शहरों से ही नहीं, दूसरे राज्यों से भी लोग आते हैं. विष्णु अपने यहां एक रजिस्टर भी रखते हैं. इसमें मरीज का नाम, पता समेत सभी डिटेल रखी जाती है. फीस 100 रुपए ली जाती है. ईटीवी की टीम विष पुरुष के ठिकाने पर पहुंची तो वहीं गुजरात के 12 और कुछ अन्य जगह के सदस्य आये हुए थे, जिन्हें कुत्ते ने काटा था और वे डॉक्टर को दिखा चुके थे. उन लोगों का कहना है कि हम यहां तसल्ली के लिए आए हैं. डॉक्टर को दिखाने पर हमें तसल्ली नहीं हुई.(Superstition in Ujjain) (Poison Man of MP)
क्या कहते हैं मेडिकल एक्सपर्ट: उज्जैन के जिला चिकित्सालय के RMO डॉ. जितेंद शर्मा से ईटीवी की टीम ने जहर निकालने की इस पद्धति के बार में विस्तार से बात की. डॉक्टर ने इसे चमत्कार मानने ले इंकार करते हुए दावों को गलत बताया और कहा कि चाहे कोई भी जानवर काटे प्राथमिक तौर पर उस घाव को खुला रखें. उसे साफ पानी से धो कर एंटीसेप्टिक क्रीम लगाएं, ब्लेड से काटना गलत है.
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गुरु गोरक्ष नाथ की तांत्रिक विद्या को मैं जानता हूं. मेरा भगवान में विश्ववास है. मैं 20 सालों से ये कार्य कर रहा हूं. 20 साल से मैं इसी तरह लोगों का इलाज कर रहा हूं. इससे पहले मेरे पिता ऐसा किया करते थे. जानवर के काटने पर मैं अपने मुंह से जहर चूसकर निकाल देता हूं. मुझे भगवान का आशीर्वाद प्राप्त है. आज तक मेरे परिवार में इसकी वजह से किसी को कुछ नहीं हुआ, और ना किसी डॉक्टर को परिवार के सदस्यों को दिखाने की जरूरत पड़ी. मैं हर दिन इस कार्य को करने से पहले भगवान का पूजन करता हूं.
- विष्णु प्रसाद, विष पुरुष
यह दावा अंधविश्वास है. चाहे कोई भी जानवर काटे, प्राथमिक तौर पर इलाज कर के जो लोग आते हैं, तो उनके घाव की कंडीशन गंभीर नहीं होती. इसके लिए सिर्फ आपको साफ पानी से घाव को धोना है. घाव को खुला रखें. एंटीसेप्टिक क्रीम लगा सकते हैं. ब्लेड से काटना गलत है.
- डॉ. जितेंद्र शर्मा, सिविल हॉस्पिटल