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Somvati Amavasya 2022: सोमकुंड और शिप्रा तट पर श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी, शनि जयंती पर मंदिरों में पूजन-अभिषेक - शनि जयंती पर मंदिरों में पूजा

सोमवती अमावस्या पर उज्जैन के शिप्रा रामघाट और सोमकुंड पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी. भक्तों ने यहां आस्था की डुबकी लगाई. सोमवती अमावस्या और शनि जयंती दोनों सोमवार को होने के चलते श्रद्धालु शनि मंदिरों में पूजन-अभिषेक कर रहे हैं. एक मान्यता के अनुसार, सोमतीर्थ में स्नान व सोमेश्वर महादेव के दर्शन कर सफेद वस्तु का दान करने से भक्तों को लाभ प्राप्त होता है.(Somvati Amavasya 2022) (Devotees take bath at Somkund and Shipra Ghat)

Devotees take bath at Somkund and Shipra Ghat
सोमवती अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डूबकी
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Published : May 30, 2022, 10:37 AM IST

उज्जैन। सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya) पर आज सोमवार को मोक्षदायिनी शिप्रा के रामघाट और सोमकुंड पर श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई. प्रशासन ने सोमकुंड की सफाई के साथ श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पेयजल आदि के इंतजाम पहले ही कर दिये थे. पर्व स्नान के लिए प्रशासन ने सोमकुंड में फव्वारे लगाए हैं. अमावस्या पर शनिदेव के प्रकट होने की भी मान्यता है. इसलिए सोमवार को भगवान शनिदेव का जन्मोत्सव (Shani Jayanti 2022) भी मनाया जा रहा है. भक्त शहर के मंदिरों में शनिदेव की पूजा अर्चना कर रहे हैं. वहीं महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए वटवृक्ष की परिक्रमा कर रही हैं.

सोमवती अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डूबकी

शिप्रा के घाट पर श्रद्धालुओं का तांता: ज्येष्ठ मास की अमावस्या पर सोमवार के दिन आज 30 मई को सोमवती अमावस्या पर उज्जैन में शिप्रा व सोमतीर्थ में स्नान का महत्व है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन सोमतीर्थ में स्नान व सोमेश्वर महादेव के दर्शन कर सफेद वस्तु का दान करने से भक्तों को अश्वमेघ यज्ञ का फल प्राप्त होता है.

बाबा महाकाल का भस्म आरती के दौरान भव्य श्रृंगार, भगवान ने दिये तीसरे नेत्र के दर्शन

सोमवती अमावस्या और शनि जयंती एक ही दिन: इस बार सोमवती अमावस्या और शनि जयंती एक ही दिन है. इस पुण्य अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने उज्जैन के शिप्रा नदी में डुबकी लगाई. त्रिवेणी शनि मंदिर सहित अन्य शनि मंदिरों में पूजन-अभिषेक किया जा रहा है. एक मान्यता के अनुसार, शिप्रा नदी में स्नान और दान पुण्य करने से शरीर के विकार और शनि की बुरी दशा से मुक्ति मिलती है, साथ ही घर में सुख शांति बनी रहती है.

(Somvati Amavasya 2022) (Shani Jayanti 2022) (Devotees take bath at Somkund and Shipra Ghat) (Worship in ujjain temples on Shani Jayanti)

उज्जैन। सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya) पर आज सोमवार को मोक्षदायिनी शिप्रा के रामघाट और सोमकुंड पर श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई. प्रशासन ने सोमकुंड की सफाई के साथ श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पेयजल आदि के इंतजाम पहले ही कर दिये थे. पर्व स्नान के लिए प्रशासन ने सोमकुंड में फव्वारे लगाए हैं. अमावस्या पर शनिदेव के प्रकट होने की भी मान्यता है. इसलिए सोमवार को भगवान शनिदेव का जन्मोत्सव (Shani Jayanti 2022) भी मनाया जा रहा है. भक्त शहर के मंदिरों में शनिदेव की पूजा अर्चना कर रहे हैं. वहीं महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए वटवृक्ष की परिक्रमा कर रही हैं.

सोमवती अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डूबकी

शिप्रा के घाट पर श्रद्धालुओं का तांता: ज्येष्ठ मास की अमावस्या पर सोमवार के दिन आज 30 मई को सोमवती अमावस्या पर उज्जैन में शिप्रा व सोमतीर्थ में स्नान का महत्व है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन सोमतीर्थ में स्नान व सोमेश्वर महादेव के दर्शन कर सफेद वस्तु का दान करने से भक्तों को अश्वमेघ यज्ञ का फल प्राप्त होता है.

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सोमवती अमावस्या और शनि जयंती एक ही दिन: इस बार सोमवती अमावस्या और शनि जयंती एक ही दिन है. इस पुण्य अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने उज्जैन के शिप्रा नदी में डुबकी लगाई. त्रिवेणी शनि मंदिर सहित अन्य शनि मंदिरों में पूजन-अभिषेक किया जा रहा है. एक मान्यता के अनुसार, शिप्रा नदी में स्नान और दान पुण्य करने से शरीर के विकार और शनि की बुरी दशा से मुक्ति मिलती है, साथ ही घर में सुख शांति बनी रहती है.

(Somvati Amavasya 2022) (Shani Jayanti 2022) (Devotees take bath at Somkund and Shipra Ghat) (Worship in ujjain temples on Shani Jayanti)

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