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आजादी के दशकों बाद भी नहीं सुधरी इनकी दुर्दशा, घुटनों तक कीचड़ से होकर पहुंचते हैं श्मशान

उज्जैन जिले के किशनपुरा गांव में सड़क न होने से ग्रामीणों को बारिश के मौसम में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. किशनपुरा में एक युवक मौत हो जाने के बाद लोगों को उसे शमशान तक ले जाने के लिए कीचड़ भरे रास्ते से होकर गुजरना पड़ा.

उज्जैन जिले के किशनपुरा गांव में नहीं सड़क
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Published : Sep 9, 2019, 9:52 PM IST

उज्जैन। आसमान से लगातार बरस रही आफत ने आवाम का हाल बेहाल कर रखा है, राज्य के लगभग सभी हिस्सों में जोरदार बारिश से बर्बादी का आलम साफ नजर आ रहा है, गांव से लेकर शहर तक चारों ओर पानी ही पानी नजर आ रहा है, नदियां-नाले सब लबालब हैं. इस बारिश ने प्रशासन के दावों को भी बेनकाब कर दिया है, महाकाल की नगरी में मोक्ष धाम तक जाने का रास्ता भी मयस्सर नहीं है, जिसके चलते किशनपुरा के ग्रामीणों को मोक्ष धाम तक पहुंचने के लिए घुटनों तक कीचड़ भरे रास्तों से होकर गुजरना पड़ता है.

उज्जैन जिले के किशनपुरा गांव में नहीं सड़क

किशनपुरा के लोग बारिश में पक्की सड़क नहीं होने का खामियाजा भुगत रहे हैं. गांव के एक 17 साल के किशोर की मौत के बाद शव यात्रा कीचड़ भरे रास्ते से निकालना पड़ा. ग्रामीणों का कहना कि हर साल बारिश में ऐसी ही परेशानी होती है. देश के आजाद हुए 70 साल भी ज्यादा का वक्त बीत गया है, लेकिन आज तक एक सड़क भी मयस्सर नहीं हो सकी है.

किशनपुरा के ग्रामीणों ने सोशल मीडिया पर युवक की शव यात्रा का वीडियो वायरल किया है. जिसमें ग्रामीण घुटने तक कीचड़ के बीच होकर शव लेकर श्मशान घाट जा रहे हैं. ग्रामीणों को भरोसा है कि ये वीडियो देखकर शायद प्रशासन की कुम्भकर्णीय नींद खुल जाए और किशनपुरा को भी एक पक्की सड़क मिल जाए.

उज्जैन। आसमान से लगातार बरस रही आफत ने आवाम का हाल बेहाल कर रखा है, राज्य के लगभग सभी हिस्सों में जोरदार बारिश से बर्बादी का आलम साफ नजर आ रहा है, गांव से लेकर शहर तक चारों ओर पानी ही पानी नजर आ रहा है, नदियां-नाले सब लबालब हैं. इस बारिश ने प्रशासन के दावों को भी बेनकाब कर दिया है, महाकाल की नगरी में मोक्ष धाम तक जाने का रास्ता भी मयस्सर नहीं है, जिसके चलते किशनपुरा के ग्रामीणों को मोक्ष धाम तक पहुंचने के लिए घुटनों तक कीचड़ भरे रास्तों से होकर गुजरना पड़ता है.

उज्जैन जिले के किशनपुरा गांव में नहीं सड़क

किशनपुरा के लोग बारिश में पक्की सड़क नहीं होने का खामियाजा भुगत रहे हैं. गांव के एक 17 साल के किशोर की मौत के बाद शव यात्रा कीचड़ भरे रास्ते से निकालना पड़ा. ग्रामीणों का कहना कि हर साल बारिश में ऐसी ही परेशानी होती है. देश के आजाद हुए 70 साल भी ज्यादा का वक्त बीत गया है, लेकिन आज तक एक सड़क भी मयस्सर नहीं हो सकी है.

किशनपुरा के ग्रामीणों ने सोशल मीडिया पर युवक की शव यात्रा का वीडियो वायरल किया है. जिसमें ग्रामीण घुटने तक कीचड़ के बीच होकर शव लेकर श्मशान घाट जा रहे हैं. ग्रामीणों को भरोसा है कि ये वीडियो देखकर शायद प्रशासन की कुम्भकर्णीय नींद खुल जाए और किशनपुरा को भी एक पक्की सड़क मिल जाए.

Intro:बारिश में आफत :- गांव किशनपुरा में 1 किलोमीटर दुर श्मशान कीचड़ भरे रास्ते से निकालने पड़ती है शवयात्राBody:घट्टीया विधानसभा की ग्राम पंचायत बिलखेड़ा का गांव किशनपुरा में जहां के नागरिकों बारिश में आफत भोग रहे हैं गांव किशनपुरा में शमशान करीब 1 किलोमीटर दूर है ऐसे में किसी की मौत हो जाए तो ग्रामीणों को कीचड़ भरे रास्ते से होकर श्मशान घाट पहुंचना पड़ता है गांव में ऐसा ही हुआ रविवार को एक 17 वर्षीय किशोर की मौत हो गई और ग्रामीणों को किशोर बालै रास्ते से श्मशान घाट जाना पड़ाConclusion:वहीं ग्राम किशनपुरा के ग्रामीणों ने फेसबुक और व्हाट्सएप पर अधिकारियों को अवगत कराने के लिए एक वीडियो वायरल करा है जिसमें बताया गया है कि शव यात्रा कैसे कीचड़ में लेकर निकालने पड़ती है और हमें किस तरह श्मशान घाट जाना पड़ता है ग्रामीण करीबन 2 फीट किचड मे होकर शव यात्रा निकालते दिखाई दे रहे हैं और कई बार अधिकारियों को अवगत कराने के बाद भी इस और अधिकारियों ने आज तक किसी भी प्रकार की सुध नहीं ली

बाईट :- विडियो मे ही है ग्रामीण
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