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उज्जैन में शिप्रा किनारे बना 51 फीट ऊंचा 'पंछियों का रैन बसेरा', गुजरात से आए श्रद्धालु ने कराया निर्माण

उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध मंगलनाथ मंदिर में गुजरात के एक श्रद्धालू ने अपने माता-पिता की याद में इस रेन बसेरा का निर्माण कराया है. इस टावर को इस तरह डिजाइन किया गया है जिसमें पंछी घोंसला बनाकर भी रह सकते हैं.

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उज्जैन में शिप्रा किनारे बना 51 फीट ऊंचा 'पंछियों का रैन बसेरा'
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Published : Jul 19, 2021, 11:02 PM IST

उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में श्रद्धालुओं के साथ-साथ पशु पक्षियों का भी खास ख्याल रखा जाता है. इसका उदाहरण है यहां पक्षियों के लिए खास तौर पर बनाया गया रैन बसेरा. 51 फीट ऊंचे इस रैन बसेरे को गुजरात से आए एक श्रद्धालु ने तैयार करवाया है. उसने यह रेन बसेरा अपने माता पिता की याद में बनवाया है.

उज्जैन में शिप्रा किनारे बना 51 फीट ऊंचा 'पंछियों का रैन बसेरा'

मस्जिद की मीनार की तरह आता है नजर

किसी मस्जिद की मीनार तरह की दिखाई देने वाला यह टावर 51 फीट उंचा है.यह टावर पंछियों का रैन-बसेरा है. इसे उज्जैन के विश्वप्रसिद्ध भगवान मंगलनाथ मंदिर के प्रांगण में बनाया गया है. श्रद्धालु ने इस टावर का निर्माण अपने माता-पिता की याद में बनवाया है.

ग्रीन बेल्ट एरिया में है रैन बसेरा

यह रैन बसेरा पिछले हफ्ते ही शुरू हुआ है. जिसके बाद यहां कबूतर,तोता, मैना, चिड़िया सहित बड़ी संख्या में पंछी आने लगे हैं. इसे इस तरह डिजाइन किया गया है कि पंछी यहां घोंसला बना कर भी रह सकते हैं. शिप्रा नदी के किनारे कई घाट बने हुए हैं जहां अलग-अलग मौसम में कई प्रवासी पंछी भी आते हैं जिन्हें दाना डालने के लिए लोग भी बड़ी संख्या में इस श्रीराम कबूतर घर पहुंच रहे हैं. पंछी प्रेमियों के लिए यह रैन बसेरा आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. यहां उन्हें पंछियों को दाना डालने के साथ ही कई ऐसे पंछी भी नजर आ जाते हैं जो उज्जैन में पहले नहीं देखे जाते थे.

उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में श्रद्धालुओं के साथ-साथ पशु पक्षियों का भी खास ख्याल रखा जाता है. इसका उदाहरण है यहां पक्षियों के लिए खास तौर पर बनाया गया रैन बसेरा. 51 फीट ऊंचे इस रैन बसेरे को गुजरात से आए एक श्रद्धालु ने तैयार करवाया है. उसने यह रेन बसेरा अपने माता पिता की याद में बनवाया है.

उज्जैन में शिप्रा किनारे बना 51 फीट ऊंचा 'पंछियों का रैन बसेरा'

मस्जिद की मीनार की तरह आता है नजर

किसी मस्जिद की मीनार तरह की दिखाई देने वाला यह टावर 51 फीट उंचा है.यह टावर पंछियों का रैन-बसेरा है. इसे उज्जैन के विश्वप्रसिद्ध भगवान मंगलनाथ मंदिर के प्रांगण में बनाया गया है. श्रद्धालु ने इस टावर का निर्माण अपने माता-पिता की याद में बनवाया है.

ग्रीन बेल्ट एरिया में है रैन बसेरा

यह रैन बसेरा पिछले हफ्ते ही शुरू हुआ है. जिसके बाद यहां कबूतर,तोता, मैना, चिड़िया सहित बड़ी संख्या में पंछी आने लगे हैं. इसे इस तरह डिजाइन किया गया है कि पंछी यहां घोंसला बना कर भी रह सकते हैं. शिप्रा नदी के किनारे कई घाट बने हुए हैं जहां अलग-अलग मौसम में कई प्रवासी पंछी भी आते हैं जिन्हें दाना डालने के लिए लोग भी बड़ी संख्या में इस श्रीराम कबूतर घर पहुंच रहे हैं. पंछी प्रेमियों के लिए यह रैन बसेरा आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. यहां उन्हें पंछियों को दाना डालने के साथ ही कई ऐसे पंछी भी नजर आ जाते हैं जो उज्जैन में पहले नहीं देखे जाते थे.

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