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Mauni Amavasya 2022: उज्जैन में शिप्रा नदी के घाटों पर मौनी अमावस्या स्नान पर प्रतिबंध, रहेगा पुलिस का पहरा - उज्जैन लेटेस्ट न्यूज

कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस बार 1 फरवरी को मौनी अमावस्या के दिन उज्जैन में शिप्रा नदी के रामघाट पर नहाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. (Mauni Amavasya 2022)

Ban bathing on Shipra river
उज्जैन के शिप्रा नदी में नहान पर प्रतिबंध
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Published : Jan 30, 2022, 12:53 PM IST

Updated : Jan 30, 2022, 1:32 PM IST

उज्जैन। माघ मास की मौनी अमावस्या इस बार एक फरवरी को पड़ रही है. इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है. धर्मशास्त्र की मान्यता यह भी कहती है कि जिस तीर्थ पर श्रद्धालु मौजूद हैं, उस तीर्थ पर गंगा का ध्यान करके स्नान करने से महापुण्य फल प्राप्त होता है. इस दिन पितरों के निमित्त तर्पण और ब्राह्मणों को भेंट दक्षिणा के साथ सीधा (अनाज) दान करने से परिवार में सुख समृद्धि और पितरों की कृपा हमेशा बनी रहती है. इस बार उज्जैन के शिप्रा नदी पर मौनी अमावस्या के दिन श्रद्धालुओं के नहाने पर प्रतिबंध लगाया गया है.
शिप्रा नदी में नहाने पर प्रतिबंध
धार्मिक नगरी उज्जैन में कई पर्व पर नहान की परम्परा है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शिप्रा नदी के रामघाट पर पहुंचकर नहाने के साथ ही दान पुण्य करते हैं, लेकिन प्रदेश में कोरोना के संक्रमण को देखते हुए उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने एक बार फिर शिप्रा नदी में नहाने पर प्रतिबंध लगा दिया है. कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया की शिप्रा नदी के घाट पर पुलिस की टीम मौजूद रहेगी. श्रद्धालु स्नान के लिए घाटों पर एकत्रित न हों, जिससे उनके स्वास्थ्य की रक्षा हो सके. इसलिए नदी में नहाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है.
30 जनवरी का राशिफलः वृषभ राशि के जातकों के लिए खास है आज का दिन, 91% चमकेगा भाग्य
मौनी अमावस्या का नहीं लगेगा मेला
उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने लोगों से अपील करते हुए कहा है कि श्रद्धालु इस मौनी अमावस्या पर्व पर घरों में रहकर ही पूजन अर्चना और स्नान करें. कलेक्टर के निर्देशों के अनुसार इस बार मेले का भी आयोजन नहीं किया जा रहा है. इससे पहले मकर संक्रांति के नहान को भी प्रतिबंधित किया गया था और रामघाट पर पुलिस का पहरा लगाकर जो लोग प्रतिबन्ध के बाद भी घाटों पर पहुंचे थे उन्हें लौटा दिया गया था.

(Mauni Amavasya 2022) (bathing ban in Shipra river)

उज्जैन। माघ मास की मौनी अमावस्या इस बार एक फरवरी को पड़ रही है. इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है. धर्मशास्त्र की मान्यता यह भी कहती है कि जिस तीर्थ पर श्रद्धालु मौजूद हैं, उस तीर्थ पर गंगा का ध्यान करके स्नान करने से महापुण्य फल प्राप्त होता है. इस दिन पितरों के निमित्त तर्पण और ब्राह्मणों को भेंट दक्षिणा के साथ सीधा (अनाज) दान करने से परिवार में सुख समृद्धि और पितरों की कृपा हमेशा बनी रहती है. इस बार उज्जैन के शिप्रा नदी पर मौनी अमावस्या के दिन श्रद्धालुओं के नहाने पर प्रतिबंध लगाया गया है.
शिप्रा नदी में नहाने पर प्रतिबंध
धार्मिक नगरी उज्जैन में कई पर्व पर नहान की परम्परा है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शिप्रा नदी के रामघाट पर पहुंचकर नहाने के साथ ही दान पुण्य करते हैं, लेकिन प्रदेश में कोरोना के संक्रमण को देखते हुए उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने एक बार फिर शिप्रा नदी में नहाने पर प्रतिबंध लगा दिया है. कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया की शिप्रा नदी के घाट पर पुलिस की टीम मौजूद रहेगी. श्रद्धालु स्नान के लिए घाटों पर एकत्रित न हों, जिससे उनके स्वास्थ्य की रक्षा हो सके. इसलिए नदी में नहाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है.
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मौनी अमावस्या का नहीं लगेगा मेला
उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने लोगों से अपील करते हुए कहा है कि श्रद्धालु इस मौनी अमावस्या पर्व पर घरों में रहकर ही पूजन अर्चना और स्नान करें. कलेक्टर के निर्देशों के अनुसार इस बार मेले का भी आयोजन नहीं किया जा रहा है. इससे पहले मकर संक्रांति के नहान को भी प्रतिबंधित किया गया था और रामघाट पर पुलिस का पहरा लगाकर जो लोग प्रतिबन्ध के बाद भी घाटों पर पहुंचे थे उन्हें लौटा दिया गया था.

(Mauni Amavasya 2022) (bathing ban in Shipra river)

Last Updated : Jan 30, 2022, 1:32 PM IST
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