उज्जैन। प्रदेश में अब लाउड स्पीकर को लेकर बहस शुरू हो गई है. भाजपा नेता रामेश्वर शर्मा के बयान के बाद अब महाकाल की नगरी उज्जैन में भी संतो ने इसके खिलाफ आवाज बुलंद की है. उज्जैन स्थित आह्वाहन अखाड़े के महामंडलेश्वर आचार्य शेखर ने लाउड स्पीकर के जरिए अजान पर आपत्ति जताई है. उन्होंने बयान देते हुए हुए कहा कि महाकाल की आरती की जगह नमाज की आवाज सुनाई पड़ती है. दिन में 5 बार मंदिर के आस पास करीब 2000 लाउड स्पीकर बजते हैं.जिनकी वजह से साधु-संतों को तपस्या करने में समस्या होती है. संतों ने लाउड स्पीकर हटाए जाने की मांग की है. (Mahakal sage Demand remove loud speakers)
लाउड स्पीकर से ध्यान डिस्टर्व: बाबा महाकाल मंदिर के आसपास के अखाड़ों, आश्रमों में रह रहे साधु-संतों का कहना है कि खरगोन की घटना को पूरे देश ने देखा है. सरकार को प्रदेश में भी ऐसी किसी भी अप्रिय स्थिति बनने से बचना चाहिए. आह्ववान अखाड़े के महामंडलेश्वर आचार्य शेखर ने आरोप भी लगाया कि किसी को खुश करने के लिए नियमों की धज्जियां नही उड़ाई जाना चाहिए. ध्वनि प्रदूषण से कई तरह की परेशानियां होती हैं. आचार्य ने मांग की है कि साधु-संतों और समाज के हित में लाउड स्पीकर को हटाया जाना चाहिए.
मंदिर के आसपास के होटलों की हो जांच: आचार्य शेखर ने मांग की है कि महाकाल मंदिर के आस पास मुस्लिम समुदाय के कई लोग हिंहू नाम से होटल चला रहे हैं. इन होटलों की जांच की जानी और होटल के बोर्ड के नीचे उसके मालिक और मैनेजर्स के नाम और फोन नंबर लिखना चाहिए. उन्होंने कई होटलों पर अवैध काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यहां हिन्दू धर्म की धज्जियां उड़ाई जा रही है. संत समाज ने शासन-प्रशासन से मालिकों के खिलाफ कार्रवाई करने की अपील की है.
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आंदोलन करने की दी चेतावनी: आह्वान अखाड़े के महामंडलेश्वर आचार्य शेखर ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि सभी मीनारों से लाउड स्पीकर हटाया जाए नहीं तो आंदोलन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि संत समाज, हिन्दू संगठन और अधिवक्ता यूनियन ने जिला कलेक्टर, संभागीय कमिश्नर व सभी थानों के साथ एसपी, आईजी कार्यालय में इस मांग को लेकर पहले भी ज्ञापन सौंपे हैं, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.