इंदौर/सतना। हर दिन आपके आंगन या छत पर चांद निकलता है. मगर 13 जुलाई की शाम बेहद खास होने वाली है. दिन ढलते ही इस दिन दिखने वाला चांद का आकार सबसे खास होगा. साथ ही इसका रंग ऐसा होगा जो आपका मन मोह लेगा. ये कोई चमत्कार नहीं बल्की खगोलिय घटना है. बुधवार को यानी 13 जुलाई की शाम का चांद कुछ ऐसा होगा कि बस दुनिया देखती ही रह जाएगी. इस दिन का चांद सूपर मून (Super Moon) होगा. इसे कई नामों से जाना जाता है. इनमें से प्रमुख स्ट्रॉबैरी मून है. वहीं उन्हीं नामों में से एक हनी मून भी है.
आप पर होगा असर: धरती से चांद की दूरी 3 लाख 57 हजार किलोमीटर से भी ज्यादा है, मगर इस दिन चांद दुनिया के अलग-अलग हिस्सो में अद्भुत रुप लिए दिखेगा. इसका प्रभाव भी धरती पर पड़ेगा, जाहिर है जब प्रभाव धरती पर पड़ेगा तो आप भी इससे अछूते नहीं रहेंगे.
क्या होता है सुपर मून: चंद्रमा पृथ्वी का प्राकृतिक उपग्रह है, जो पृथ्वी की परिक्रमा करता है. चक्कर काटते समय एक ऐसी स्थिति बनती है जब चंद्रमा पृथ्वी के सबसे नजदीक होता है यानी इस दौरान चंद्रमा और पृथ्वी के बीच दूरी सबसे कम होती है. इस दौरान कक्षा में करीबी बिंदु से इसकी दूरी करीब 28,000 मील रहती है. इस दौरान चंद्रमा बड़ा नजर आता है जिसे सुपरमून कहते हैं. पृथ्वी के सबसे नजदीक होने के कारण चांद ज्यादा बड़ा और चमकीला दिखता है.
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सूपर मून के हैं कई नाम: यूं तो इस सूपर मून के कई नाम है, लेकिन इनमें सबसे प्रमुख नाम स्ट्रॉबैरी मून (Strawberry Moon) है. इसके अलावा इसे रोज मून (Rose Moon), हॉट मून (Hot Moon) और हनी मून (Honey Moon) के नाम से भी जाना जाता है. आज यह मून सामान्य मून के मुकाबले साइज में आंशिक रूप से बड़ा होगा, इसलिए इसे सूपर मून (Super Moon) कहा जाता है. यह मून धरती के चारों ओर अपने ऑर्बिट (Orbit of Moon) में चक्कर लगाते वक्त नजदीक आएगा, जिसके चलते यह बड़ा दिखाई देगा.
जाने क्यों पड़े इतने नाम: अमेरिकन म्यूजियम ऑफ नेचुरल हिस्ट्री की एस्ट्रोफिजिसिस्ट जैकी फैहर्टी बताते हैं कि मून (Moon) को इस तरह के नाम देकर लोग अपने-अपने हिसाब से समझने की कोशिश करते हैं. यह कोई वैज्ञानिक नाम नहीं हैं. आमतौर पर लोग इस चांद का नाम रंग, समय और स्थिति के अनुरूप रखते हैं.