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महादेव का ये दुर्लभ फूल जिसे तोड़ने पर लगता है पाप! जानें MP में कहां खिला है पीले रंग का पलाश - एमपी में पलाश का पेड़

सतना में एक ऐसा पलाश का पेड़ है. जिसमें से दुर्लभ पीला फूल खिलता है. हिंदू धर्म में पलाश के पेड़ को पवित्र पेड़ों की श्रेणी में रखा जाता है. यही वजह है कि लोग इसके फूलों को तोड़ते नहीं है. लेकिन सतना में खिलने वाला पलाश का ये फूल कुछ खास है.(satna rare palash flower found)

satna palash yellow flower
सतना पलाश का पीला फूल
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Published : Apr 23, 2022, 10:48 PM IST

Updated : Apr 23, 2022, 10:58 PM IST

सतना। पलाश का पेड़ भारत भर में पाया जाता है. इसके फूलों को टेसू के फूल के नाम से भी जाना जाता है. लाल पलाश के पुष्प को जहां उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में राजकीय पुष्प का दर्जा देकर सम्मान दिया गया है, तो वहीं दुर्लभ प्रजाति के पीले रंग के फूल वाले पलाश को संरक्षित किया जा रहा है. सतना में खिला पलाश का पीला फूल लोगों के लिए कौतूहल का विषय बना हुआा है. (palash flower used in making medicines)

सतना में दुर्लभ पलाश का फूल मिला

पलाश का फूल तोड़ने से लगता है पाप: स्थानीय लोग इसे शिव पलाश भी कहते हैं. लोगों की मान्यता है कि इसके फूल तोड़ने वाले को पाप लगता है. इसलिए लोग फूल तोड़ते नहीं है, बल्कि जो फूल अपने आप नीचे गिर जाते हैं उन्हें लोग अपने घर ले जाते हैं और पूजा स्थल पर रखते हैं. हिंदू धर्म में पलाश को पवित्र वृक्षों की श्रेणी में रखा जाता है. फूलों को विशेष रूप से भगवान शिव को भी चढ़ाया जाता है. पलाश के पेड़ में लगने वाला टेसू का फूल शास्त्रों में तीन रंग लाल, सफेद और पीले रंग में खिलने का उल्लेख है. लेकिन सफेद और पीला फूल का खिलना किसी अजूबे से कम नहीं होता है.

पीले रंग के फूल का महत्तव: गर्मी के दिनों में पलाश का फूल जंगलों की शोभा बढ़ाता है. अभी तक आपने लाल रंग के पलाश के पेड़ देखे होंगे, लेकिन सतना के मझगवां क्षेत्र में एक ही पेड़ है, जिसमें पीले रंग का फूल खिलता है. इसका एक अलग ही महत्व है. इस फूल का उपयोग जड़ी बूटियों और दवा बनाने में किया जाता है. पौधे के विभिन्न भागों जैसे फूल, छाल, पत्ती और बीज का उपयोग औषधी के लिए किया जाता है. चैत्र माह में लोग दूर-दूर से यहां इस पेड़ के फूल को देखने आते हैं.

होली पर वन विभाग ने तैयार किए खास तरह के रंग, जानें क्या है इनकी खासियत

वन विभाग ने पेड़ को संरक्षित किया है: पीले पलाश के इस पेड़ को वन विभाग ने संरक्षित कर रखा है, और बकायदा साइन बोर्ड लगा रखा है. लोग इस पेड़ के फूल को चुनकर ले जाते हैं. लोगों की मानें तो ये फूल अजूबा है. ये गंभीर से गंभीर रोगों में इस्तेमाल किया जाता है. ऐसा माना जाता है कि इसका फूल खजाने में रखने से खजाना कभी खाली नहीं होता है. तंत्र साधना में भी इस फूल का इस्तेमाल होता है. इसे देवी देवताओं को भी अर्पित किया जाता है. वनस्पति शास्त्र के जानकार भी इसे अजूबा ही मानते हैं. (satna palash yellow flower)

सतना। पलाश का पेड़ भारत भर में पाया जाता है. इसके फूलों को टेसू के फूल के नाम से भी जाना जाता है. लाल पलाश के पुष्प को जहां उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में राजकीय पुष्प का दर्जा देकर सम्मान दिया गया है, तो वहीं दुर्लभ प्रजाति के पीले रंग के फूल वाले पलाश को संरक्षित किया जा रहा है. सतना में खिला पलाश का पीला फूल लोगों के लिए कौतूहल का विषय बना हुआा है. (palash flower used in making medicines)

सतना में दुर्लभ पलाश का फूल मिला

पलाश का फूल तोड़ने से लगता है पाप: स्थानीय लोग इसे शिव पलाश भी कहते हैं. लोगों की मान्यता है कि इसके फूल तोड़ने वाले को पाप लगता है. इसलिए लोग फूल तोड़ते नहीं है, बल्कि जो फूल अपने आप नीचे गिर जाते हैं उन्हें लोग अपने घर ले जाते हैं और पूजा स्थल पर रखते हैं. हिंदू धर्म में पलाश को पवित्र वृक्षों की श्रेणी में रखा जाता है. फूलों को विशेष रूप से भगवान शिव को भी चढ़ाया जाता है. पलाश के पेड़ में लगने वाला टेसू का फूल शास्त्रों में तीन रंग लाल, सफेद और पीले रंग में खिलने का उल्लेख है. लेकिन सफेद और पीला फूल का खिलना किसी अजूबे से कम नहीं होता है.

पीले रंग के फूल का महत्तव: गर्मी के दिनों में पलाश का फूल जंगलों की शोभा बढ़ाता है. अभी तक आपने लाल रंग के पलाश के पेड़ देखे होंगे, लेकिन सतना के मझगवां क्षेत्र में एक ही पेड़ है, जिसमें पीले रंग का फूल खिलता है. इसका एक अलग ही महत्व है. इस फूल का उपयोग जड़ी बूटियों और दवा बनाने में किया जाता है. पौधे के विभिन्न भागों जैसे फूल, छाल, पत्ती और बीज का उपयोग औषधी के लिए किया जाता है. चैत्र माह में लोग दूर-दूर से यहां इस पेड़ के फूल को देखने आते हैं.

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वन विभाग ने पेड़ को संरक्षित किया है: पीले पलाश के इस पेड़ को वन विभाग ने संरक्षित कर रखा है, और बकायदा साइन बोर्ड लगा रखा है. लोग इस पेड़ के फूल को चुनकर ले जाते हैं. लोगों की मानें तो ये फूल अजूबा है. ये गंभीर से गंभीर रोगों में इस्तेमाल किया जाता है. ऐसा माना जाता है कि इसका फूल खजाने में रखने से खजाना कभी खाली नहीं होता है. तंत्र साधना में भी इस फूल का इस्तेमाल होता है. इसे देवी देवताओं को भी अर्पित किया जाता है. वनस्पति शास्त्र के जानकार भी इसे अजूबा ही मानते हैं. (satna palash yellow flower)

Last Updated : Apr 23, 2022, 10:58 PM IST
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