सतना। विंध्यक्षेत्र के एक युवक की मलेशिया की एलोरा सेंट्रल जेल में कैद होने की खबर सामने आ रही है. युवक काम की तलाश में एजेंट के माध्यम से थाइलैंड गया था. उसने अपनी गिरफ्तारी का एक वॉइस मैसेज पिता को सोशल मीडिया के माध्यम से भेजा है. यह खबर सुनते ही माता पिता का रो-रो कर बुरा हाल है. बेटे की रिहाई के लिए उसके माता-पिता ने भारत सरकार के साथ सीएम शिवराज, क्षेत्र के सांसद और जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है. (Parents Request Help to Government) मामले में अधिवक्ता सुखेन्द्र कुमार पांडेय ने बताया कि उन्होंने 14 जुलाई को दूतावास को ट्विट कर जानकारी दी थी. (Contact Indian Embassy) उन्हें 15 जुलाई को जल्द से जल्द मदद का आश्वासन मिला. अगले दिन उन्हें आश्वस्त किया गया कि मदद के लिए मेल के जरिए काउंसलर ने उनसे संपर्क करेगा.
दूतावास से किया गया संपर्क: अमित मल्लाह (24) सतना जिले के बिरला टपरिया बस्ती का रहना वाला है. 13 जून की रात अपने घर से काम की तलाश में सतना से थाइलैंड गया. वह एजेंट के माध्यम से थाईलैंड के लिए घर से निकला था. 20 जून से मलेशिया की एलोरा सेंट्रल जेल में कैद होने की जानकारी सोशल मीडिया के जरिए वॉइस मैसेज भेजकर अपने पिता रामजी मल्लाह को दी. खबर सुनते ही युवक के माता-पिता के होश उड़ गए. बेटे की रिहाई के लिए माता-पिता पीएम मोदी सहित सतना जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे है. इस मामले में सक्रियता तब आई जब युवक के पिता रामजी मल्लाह ने सतना के एक अधिवक्ता सुखेन्द्र पांडेय के ट्विटर के जरिए भारतीय दूतावास से संपर्क कर गुहार लगाई.
1 माह से अमित का कोई सुराग नहीं: पिता के मुताबिक वह 15 दिन के वीजा ऑन अराइवल पर 12 एवं 13 जून की रात घर से कोलकाता के लिए निकला था. 13 जून को कोलकाता से वह स्पाइस जेट नंबर- एसजी 742 (सीट नम्बर- 23ई) से रवाना हुआ और 14 जून को बैंकाक पहुंचा. इसी रात उसकी मोबाइल पर बात हुई थी. पिता की बेटे से अंतिम बार बात 20 जून को हुई. तभी उसने बताया कि उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. बाद में अमित के पिता रामजी को वीजा कराने वाले एजेंट के मैसेज इस बात का पता चला कि, बेटा मलेशिया की एलोरा सेटर जेल में कैद है. उसने आश्वस्त किया कि करीब 15 दिन में छूूट जाएगा, लेकिन 1 माह बीत जाने के बाद भी अमित का कोई सुराग नहीं चल पा रहा है.
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मानव तस्करी की आशंका: इस मामले को लेकर अधिवक्ता सुखेन्द्र कुमार पांडेय ने इसे मानव तस्करी बताया है. उनकी माने तो अमित अपना पासपोर्ट भोपाल में बनवाया था. उसे वीजा दिलाने में बिहार के गोपालगंज थाना अंतर्गत मोहम्मदपुर निवासी अरविंद उत्तम कुमार ने अहम भूमिका निभाई थी. (Contact Indian Embassy) अरविंद उत्तम कुमार असल में सागर मैन पावर सर्विसेज का एजेंट है. अमित का वीजा ऑन अराइवल 14 जून से 27 जून तक वैध था. वीजा तैयार कराने में यूपी के प्रयागराज के किसी बाल मुकुंद ने बिचौलिए की भूमिका निभाई थी. पिता रामजी मल्लाह के मुताबिक वीजा के एवज में उसके बेटे से 74 हजार रुपए लिए गए थे तब वह गया था. उसके एकाउंट में 55 हजार रुपए थे. अमित कम पढ़ा लिखा है. उसे अंग्रेजी नहीं आती है. हम सोशल मीडिया के माध्यम से अमित का पता लगाने में जुटे हुए हैं.