सतना। आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है. इसके लिए भारत सरकार ने 11 अगस्त से 17 अगस्त के बीच हर घर तिरंगा फहराने का निर्णय लिया है. इसके लिए बड़ी संख्या में राष्ट्र ध्वज की आवश्यकता पड़नी है. अमृत महोत्सव को मनाने के लिए सतना की मुस्मिल महिलाएं तिरंगा बनाने में जुटी हुई है. रोजी अनुपमा स्व सहायता समूह के माध्यम से सतना शहर के अलग-अलग वार्डों में रहने वाली मुस्लिम महिलाएं तिरंगे को अपने हाथों से आकार दे रही हैं. उन्हें इस बात से बेहद खुशी है कि उन्हें इस अभियान में शामिल किया गया है.(Preparations started for tricolor campaign in Satna)
तिरंगा हमारे भारत देश का गौरव: सतना में 5 लाख घरों में तिरंगा फहराने की तैयारी है. घरों में फहराए जाने वाले तिरंगों को स्वसहायता समूहों के माध्यम से करीब 2 सौ से अधिक मुस्लिम महिलाएं इस काम को अंजाम दे रही हैं. तिरंगा बनाने को लेकर मुस्लिम महिलाओं के अंदर देश प्रेम को लेकर गजब का उत्साह दिख रहा और वह इस पर बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही हैं. रोजी अनुपमा महिला स्व सहायता समूह की हमीदा बेगम कहती हैं कि तिरंगा हमारे भारत देश का गौरव है. इसे बनाने का अवसर हमें मिला इससे ज्यादा खुशी की बात और क्या हो सकती है.(Muslim Women Of Satna Shaping Tricolor)
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तिरंगा बनाने को लेकर बने कानून: शहरी क्षेत्रों में 72 हजार घरों में तिरंगा फहराया जाएगा. मुस्लिम महिलाओं द्वारा कपड़े की कटिंग से लेकर सिलाई कर तिरंगे को तैयार किया जा रहा है. झण्डा बनवाने का टारगेट शहर में राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन और विकासखण्ड स्तर पर राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन को दिया गया है. तिरंगा बनाने को लेकर मुस्लिम महिलाओं के अंदर गजब का उत्साह है. देश के राष्ट्रीय ध्वज को बनाने के लिए सरकार ने कुछ कायदे-कानून भी बनाए हैं, इसका हरहाल में पालन करना होगा. हर घर तिरंगा आयोजन को लेकर जिला कलेक्टर अनुराग वर्मा की अध्यक्षता में एक समिति भी बनाई गई है, जिसमें विभिन्न सामाजिक संगठनों को जोड़ा गया है. (Satna muslim women engaged in preparing tricolor)
भारतीय झंडा संहिता की कॉपी में नियम: प्रत्येक झंडे की साइज 20 बाई 30 इंच होगी. झंडे का कपड़ा या तो खादी का होगा या फिर कॉटन का. आजादी के अमृत महोत्सव के दरमियान घर-घर फहराए जाने वाले राष्ट्रीय ध्वज के साथ लोगों को भारतीय झंडा संहिता की एक कॉपी भी दी जाएगी, जिसमें झण्डावंदन से संबंधित सारी नियमावली होगी. तिरंगा को कितने बजे फहराना है और कितने बजे उसे दण्ड से उतारना है, इन सब प्रक्रिया के बीच किन-किन सावधानियों का पालन करना है उसका भारतीय झंडा संहिता की कॉपी में जिक्र होगा.
तिरंगा बनाने को लेकर खुश मुस्लिम महिलाएं: इस बारे में मुस्लिम महिलाओं के संगठन अध्यक्ष फहमीदा बेगम से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि हम 200 सौ से अधिक महिलाओं द्वारा तिरंगा बनाने का कार्य किया जा रहा है. पहले हमें लगता था कि हम भी तिरंगे के आयोजन में भाग लें, लेकिन ऐसा नहीं हो पाता था. वहीं जब हमें यह पता चला कि तिरंगा बनाने का कार्य शुरू किया जा रहा, तो हम सभी महिलाओं ने मिलकर इस कार्य को करने का निश्चिय किया.