सतना। देश में कोरोना वायरस के चलते किए गए 21 दिनों के लॉकडाउन से रोजमर्रा की जिंदगी थम गई है. फूल की खेती करने वाले किसानों का भी लॉकडाउन की वजह से पूरा व्यापार चौपट हो चुका है. जिससे अब फूलों की खेती करने वाले किसान सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं.
सतना जिले में फूलों की खेती करने वाले किसान ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया दिसंबर से जनवरी माह में फूलों की खेती की शुरुआत हो जाती है, इसके बाद मार्च महीने से इसमें फूल आने लगते हैं और फूल बेचे जाने शुरू हो जाते हैं. किसान अजय कुशवाहा ने बताया कि उन्होंने 4 एकड़ के खेत में फूलों की खेती कर रखी है, फूलों की खेती में गर्मी के मौसम में हर सप्ताह में करीब 4 से 5 हजार रुपये की दवाई का छिड़काव होता है, क्योंकि गर्मियों के मौसम में फूलों को रोग लगने का ज्यादा खतरा रहता है. यानि फूलों की खेती में बढ़ी लगात होती है.
नवरात्र में हुआ सबसे ज्यादा नुकसान
नवरात्र के मौसम में फूलों का धंधा सबसे ज्यादा चलता था. लेकिन लॉकडाउन के चलते इस बार सभी मंदिर बंद रहे, जिससे किसानों को सबसे ज्यादा नुकसान नवरात्रि में हुआ.अप्रैल के महीने में शादी सीजन शुरू हो जाता है और काफी मात्रा में फूलों की मांग बढ़ जाती है, मार्च और अप्रैल का महीना फूलों की खेती करने वाले किसानों के लिए काफी सुखद होता है. लेकिन इस बार सब चौपट हो गया.
किसान अजय कुशवाहा ने बताया कि इस 4 एकड़ की खेती में करीब तीन से चार लाख रुपए का नुकसान इस साल उठाना पड़ रहा है, हालांकि देश के अंदर कोविड-19 की इस आपदा में लॉक डाउन का फूलों की खेती करने वाले किसान भी समर्थन कर रहे हैं. लेकिन इस नुकसान के चलते किसान के चेहरे में मायूसी भी है.