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Tourism Spot in Bundelkhand of MP: पर्यटन के लिए क्यों करें एमपी के बुंदेलखंड का रुख, यहां पढ़िए जवाब - Khajuraho Temples in UNESCO World Heritage

अगर आप को धर्म,कला,संस्कृति, खनिज और वन संपदा को नज़दीक से निहारना है, तो पधारें मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड. (Tourism Spot in Bundelkhand of MP)

Tourism Spot in Bundelkhand of MP
पर्यटन के लिए क्यों करें एमपी के बुंदेलखंड का रुख
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Published : Dec 24, 2021, 12:15 PM IST

Updated : Dec 24, 2021, 2:00 PM IST

सागर। मध्य प्रदेश का बुंदेलखंड एक ऐसा इलाका है जहां आपको कला, संस्कृति, धर्म,शिक्षा, खनिज और वन संपदा का भरपूर खजाना मिलेगा.अगर आप बुंदेलखंड में घूमने का इरादा रखते हैं, तो बुंदेलखंड में आपको विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल खजुराहो की मूर्ति कला आकर्षित करेगी. दूसरी तरफ ओरछा में भगवान राम राजा के दर्शन होंगे और बुंदेली राजाओं का वैभव देखने मिलेगा. हीरा उगलने वाली पन्ना की धरती प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है. दमोह में जैन तीर्थ कुंडलपुर के साथ बांदकपुर का भगवान जागेश्वर का मंदिर अपनी तरफ आकर्षित करता है. यहां आपको शेर की दहाड़ सुनने को मिलेगी, तो यहां की संस्कृति और कला आपको अपने आकर्षण में बांध कर रख देगी.

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सागर की 400 साल पुरानी लाखा बंजारा झील
बुंदेलखंड का संभागीय मुख्यालय सागर अपने आप में आकर्षण का केंद्र है. यहां की 400 साल पुरानी लाखा बंजारा झील अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर है. वहीं दानवीर डॉ. हरिसिंह गौर द्वारा स्थापित किया गया विश्वविद्यालय अपने शानदार अतीत के 75 साल पूरे कर चुका है. सागर झांसी मार्ग पर बना गढ़पहरा किला बुंदेलखंड के वैभव की कहानी कहता है. बीना के नजदीक एरन में 5000 साल पुरानी सभ्यता के अवशेष आज भी मौजूद हैं. (400 years old Lakha Banjara Lake of Sagar)

नौरादेही अभ्यारण सागर

रहली के पास नौरादेही अभ्यारण प्रदेश का सबसे बड़ा अभ्यारण है. इसके अलावा राहतगढ़ में बाबा विश्वनाथ का मंदिर और बीना नदी के तट पर बनने वाला जलप्रपात अपनी खूबसूरती से आपको मोह लेगा. अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह में अहम भूमिका निभाने वाले बुंदेलखंड के इस इलाके में ब्रिटिश सभ्यता के कई अवशेष आज भी मौजूद हैं. (Nauradehi Wildlife Sanctuary Sagar )

दमोह के बांदकपुर का बाबा जागेश्वर शिव मंदिर
सागर का पड़ोसी जिला दमोह जहां बांदकपुर में स्थित बाबा जागेश्वर के शिव मंदिर के लिए मशहूर है,तो जिला मुख्यालय दमोह में स्थित जटाशंकर का मंदिर हमेशा आकर्षण का केंद्र रहता है. नोहटा स्थित भगवान नोहलेश्वर का मंदिर यहां के इतिहास और वैभव से रू-ब-रू कराता है. वही कुंडलपुर के जैन तीर्थ में बड़े बाबा की मूर्ति के दर्शन करने देशभर से हजारों श्रद्धालु पहुंचते हैं. यहां का सिंग्रामपुर अभ्यारण वन्यजीवों और वन्य संपदा से भरपूर है. (Baba Jageshwar Shiv Mandir of Bandakpur Damoh)

Baba Jageshwar Shiv Mandir of Bandakpur Damoh
बांदकपुर का बाबा जागेश्वर शिव मंदिर, दमोह

पन्ना टाइगर रिजर्व में टाइगर की दहाड़
देश भर में अपने हीरो के लिए मशहूर पन्ना, अपने राजशाही वैभव के साथ-साथ खनिज संपदा और प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी मशहूर है. पन्ना घाटी की हीरा की खदानें हीरे की चमक देखने के लिए आकर्षित करती हैं. पन्ना का बृहस्पति कुंड काफी मशहूर है, जहां 400 फीट ऊंचाई से झरना गिरता है. पन्ना टाइगर रिजर्व में टाइगर की दहाड़ दुनिया भर के बनने प्रेमियों का आकर्षण का केंद्र है. भगवान प्राण नाथ का मंदिर धार्मिक पर्यटन का जाना माना केंद्र है. पन्ना का रनेह जलप्रपात प्राकृतिक सौंदर्य की कहानी कहता है. (Panna Tiger Reserve)

Panna Tiger Reserve
पन्ना टाइगर रिजर्व


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यूनेस्को विश्व धरोहर में खजुराहो के मंदिर
छतरपुर का खजुराहो विश्व पर्यटन स्थल के रूप में पूरी दुनिया में मशहूर है. इसे यूनेस्को धरोहर में भी शामिल किया गया है. चंदेल वंश द्वारा 950 से 1050 ईसवी के बीच यहां अद्भुत मंदिरों का निर्माण किया गया था, जो ध्यान,आध्यात्मिक शिक्षा के अलावा कामसूत्र पर आधारित मूर्तियों के कारण दुनिया भर में शानदार मूर्ति कला और वास्तुकला का उदाहरण है. यहां कंदरिया महादेव, लक्ष्मण मंदिर, मंतगेश्वर मंदिर, आदि नाथ और जवारी मंदिर भी मौजूद हैं. खजुराहो के बड़ा मलहरा इलाके में भीमकुंड प्रकृति की अद्भुत रचना के कारण आकर्षण का केंद्र है. इसके अलावा जटाशंकर धार्मिक पर्यटन का केंद्र है. जैन तीर्थ नैनगिर घूमने के लिए देशभर से जैन धर्मावलंबी आते हैं. वहीं केन नदी की घड़ियाल सेंचुरी भी आकर्षण का केंद्र है. (Khajuraho World Tourist Place of Chhatarpur ) (Khajuraho Temples in UNESCO World Heritage)

Khajuraho Temple Chatarpur
खजुराहो मंदिर, छतपुर

टीकमगढ़-निवाड़ी: ओरछा का रामराजा मंदिर
धार्मिक पर्यटन और राजसी वैभव के मामले में टीकमगढ़-निवाड़ी का मुकाबला नहीं है. निवाड़ी जिले में बेतवा नदी के तट पर स्थित ओरछा की स्थापना 16 वीं शताब्दी में बुंदेला राजा रुद्र प्रताप ने की थी. ओरछा का रामराजा मंदिर देश का प्रमुख धार्मिक पर्यटन केंद्र है. इसके अलावा बुंदेली राजाओं के वैभव की कहानी कहने वाले राज महल,जहांगीर महल, सुंदर महल, शीशमहल काफी मशहूर है. यहां का चतुर्भुज मंदिर और लक्ष्मी नारायण मंदिर अपनी कला और सुंदरता के लिए जाना जाता है. ओरछा वन्य जीव अभ्यारण बनने प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र है.

Ramraja Temple of Orchha in Tikamgarh Niwari
ओरछा का रामराजा मंदिर, टीकमगढ़-निवाड़ी

(Tourism Spot in Bundelkhand of MP)

सागर। मध्य प्रदेश का बुंदेलखंड एक ऐसा इलाका है जहां आपको कला, संस्कृति, धर्म,शिक्षा, खनिज और वन संपदा का भरपूर खजाना मिलेगा.अगर आप बुंदेलखंड में घूमने का इरादा रखते हैं, तो बुंदेलखंड में आपको विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल खजुराहो की मूर्ति कला आकर्षित करेगी. दूसरी तरफ ओरछा में भगवान राम राजा के दर्शन होंगे और बुंदेली राजाओं का वैभव देखने मिलेगा. हीरा उगलने वाली पन्ना की धरती प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है. दमोह में जैन तीर्थ कुंडलपुर के साथ बांदकपुर का भगवान जागेश्वर का मंदिर अपनी तरफ आकर्षित करता है. यहां आपको शेर की दहाड़ सुनने को मिलेगी, तो यहां की संस्कृति और कला आपको अपने आकर्षण में बांध कर रख देगी.

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सागर की 400 साल पुरानी लाखा बंजारा झील
बुंदेलखंड का संभागीय मुख्यालय सागर अपने आप में आकर्षण का केंद्र है. यहां की 400 साल पुरानी लाखा बंजारा झील अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर है. वहीं दानवीर डॉ. हरिसिंह गौर द्वारा स्थापित किया गया विश्वविद्यालय अपने शानदार अतीत के 75 साल पूरे कर चुका है. सागर झांसी मार्ग पर बना गढ़पहरा किला बुंदेलखंड के वैभव की कहानी कहता है. बीना के नजदीक एरन में 5000 साल पुरानी सभ्यता के अवशेष आज भी मौजूद हैं. (400 years old Lakha Banjara Lake of Sagar)

नौरादेही अभ्यारण सागर

रहली के पास नौरादेही अभ्यारण प्रदेश का सबसे बड़ा अभ्यारण है. इसके अलावा राहतगढ़ में बाबा विश्वनाथ का मंदिर और बीना नदी के तट पर बनने वाला जलप्रपात अपनी खूबसूरती से आपको मोह लेगा. अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह में अहम भूमिका निभाने वाले बुंदेलखंड के इस इलाके में ब्रिटिश सभ्यता के कई अवशेष आज भी मौजूद हैं. (Nauradehi Wildlife Sanctuary Sagar )

दमोह के बांदकपुर का बाबा जागेश्वर शिव मंदिर
सागर का पड़ोसी जिला दमोह जहां बांदकपुर में स्थित बाबा जागेश्वर के शिव मंदिर के लिए मशहूर है,तो जिला मुख्यालय दमोह में स्थित जटाशंकर का मंदिर हमेशा आकर्षण का केंद्र रहता है. नोहटा स्थित भगवान नोहलेश्वर का मंदिर यहां के इतिहास और वैभव से रू-ब-रू कराता है. वही कुंडलपुर के जैन तीर्थ में बड़े बाबा की मूर्ति के दर्शन करने देशभर से हजारों श्रद्धालु पहुंचते हैं. यहां का सिंग्रामपुर अभ्यारण वन्यजीवों और वन्य संपदा से भरपूर है. (Baba Jageshwar Shiv Mandir of Bandakpur Damoh)

Baba Jageshwar Shiv Mandir of Bandakpur Damoh
बांदकपुर का बाबा जागेश्वर शिव मंदिर, दमोह

पन्ना टाइगर रिजर्व में टाइगर की दहाड़
देश भर में अपने हीरो के लिए मशहूर पन्ना, अपने राजशाही वैभव के साथ-साथ खनिज संपदा और प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी मशहूर है. पन्ना घाटी की हीरा की खदानें हीरे की चमक देखने के लिए आकर्षित करती हैं. पन्ना का बृहस्पति कुंड काफी मशहूर है, जहां 400 फीट ऊंचाई से झरना गिरता है. पन्ना टाइगर रिजर्व में टाइगर की दहाड़ दुनिया भर के बनने प्रेमियों का आकर्षण का केंद्र है. भगवान प्राण नाथ का मंदिर धार्मिक पर्यटन का जाना माना केंद्र है. पन्ना का रनेह जलप्रपात प्राकृतिक सौंदर्य की कहानी कहता है. (Panna Tiger Reserve)

Panna Tiger Reserve
पन्ना टाइगर रिजर्व


Satpura Tiger Reserve: सैलानियों की पहली पसंद है सतपुड़ा टाइगर रिजर्व, नये साल पर लगता है पर्यटकों का जमावड़ा


यूनेस्को विश्व धरोहर में खजुराहो के मंदिर
छतरपुर का खजुराहो विश्व पर्यटन स्थल के रूप में पूरी दुनिया में मशहूर है. इसे यूनेस्को धरोहर में भी शामिल किया गया है. चंदेल वंश द्वारा 950 से 1050 ईसवी के बीच यहां अद्भुत मंदिरों का निर्माण किया गया था, जो ध्यान,आध्यात्मिक शिक्षा के अलावा कामसूत्र पर आधारित मूर्तियों के कारण दुनिया भर में शानदार मूर्ति कला और वास्तुकला का उदाहरण है. यहां कंदरिया महादेव, लक्ष्मण मंदिर, मंतगेश्वर मंदिर, आदि नाथ और जवारी मंदिर भी मौजूद हैं. खजुराहो के बड़ा मलहरा इलाके में भीमकुंड प्रकृति की अद्भुत रचना के कारण आकर्षण का केंद्र है. इसके अलावा जटाशंकर धार्मिक पर्यटन का केंद्र है. जैन तीर्थ नैनगिर घूमने के लिए देशभर से जैन धर्मावलंबी आते हैं. वहीं केन नदी की घड़ियाल सेंचुरी भी आकर्षण का केंद्र है. (Khajuraho World Tourist Place of Chhatarpur ) (Khajuraho Temples in UNESCO World Heritage)

Khajuraho Temple Chatarpur
खजुराहो मंदिर, छतपुर

टीकमगढ़-निवाड़ी: ओरछा का रामराजा मंदिर
धार्मिक पर्यटन और राजसी वैभव के मामले में टीकमगढ़-निवाड़ी का मुकाबला नहीं है. निवाड़ी जिले में बेतवा नदी के तट पर स्थित ओरछा की स्थापना 16 वीं शताब्दी में बुंदेला राजा रुद्र प्रताप ने की थी. ओरछा का रामराजा मंदिर देश का प्रमुख धार्मिक पर्यटन केंद्र है. इसके अलावा बुंदेली राजाओं के वैभव की कहानी कहने वाले राज महल,जहांगीर महल, सुंदर महल, शीशमहल काफी मशहूर है. यहां का चतुर्भुज मंदिर और लक्ष्मी नारायण मंदिर अपनी कला और सुंदरता के लिए जाना जाता है. ओरछा वन्य जीव अभ्यारण बनने प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र है.

Ramraja Temple of Orchha in Tikamgarh Niwari
ओरछा का रामराजा मंदिर, टीकमगढ़-निवाड़ी

(Tourism Spot in Bundelkhand of MP)

Last Updated : Dec 24, 2021, 2:00 PM IST
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