सागर। बुंदेलखंड के संभागीय मुख्यालय सागर को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए स्मार्ट सिटी मिशन में शामिल किया गया था. स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत सागर शहर के स्मार्ट रोड कॉरिडोर के तहत करीब 45 किमी सड़कों का चौड़ीकरण किया जा रहा है, इन सड़कों के चौड़ीकरण कि जब शुरुआत की गई तो सड़क किनारे लगे हरे-भरे पेड़ों को काटने के हालात बने थे. इसको लेकर शहर की पर्यावरण प्रेमी जनता ने विरोध भी किया और आखिरकार तय किया गया कि ज्यादातर पेड़ों को काटा नहीं जाएगा, बल्कि ऐसी जगह शिफ्ट किया जाएगा जहां उन्हें नवजीवन मिल सके. अब करीब 2 साल बाद अपने मूल स्थान से हटाए गए पेड़ वैज्ञानिक तरीके से फिर स्थापित होकर लहलहा रहे हैं. (sagar Smart Road Corridor)
स्मार्ट रोड कारीडोर के लिए विस्थापित किए गए इतने पेड़: सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के तहत शहर में कई निर्माण कार्य चल रहे हैं. करीब 2 साल पहले जब स्मार्ट रोड कॉरिडोर का काम शुरू हुआ, तो सबसे बड़ी समस्या सड़क किनारे लगे पेड़ों को हटाने की आई. आम जनता ने भी इन पेड़ों को काटे जाने का विरोध किया, तो स्मार्ट सिटी ने तय किया कि बरसों पुराने इन वृक्षों को काटने की जगह विस्थापित किया जाएगा. उस समय करीब 200 पेड़ों को राजघाट डैम के पास शिफ्ट किया गया, इनकी देखरेख और पानी की व्यवस्था की गई क्योंकि यह प्रक्रिया पूरी तरह से वैज्ञानिक पद्धति से की गई थी. इसलिए इसका नतीजा यह रहा कि आज करीब 200 पेड़ अपने पुराने स्वरूप में लौट आए हैं. इसके बाद भी कई पेड़ों को सड़कों के किनारे से इसी स्थान पर शिफ्ट किया गया, जो अब हरे-भरे होकर लहलहा रहे हैं.
वैज्ञानिक तरीके से विस्थापन करने में सफल: स्मार्ट सिटी लिमिटेड सागर के सीईओ राहुल सिंह राजपूत का कहना है कि इतनी ट्रांसप्लांटेशन ट्री-शर्त सड़क के टेंडर में ही रखी गई थी. इनका विस्थापन वैज्ञानिक तरीके से किया गया है, इसलिए ज्यादातर वृक्षों का हम जीवन बचाने में सफल रहे हैं. पुराने वृक्षों के साथ शहर वासियों की आस्था जुड़ी थी, इसलिए इनको प्राथमिकता में रखा गया. उनका कहना है कि हम पूरे शहर में बड़े पैमाने पर पौधरोपण भी कर रहे हैं.