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Pritam Lodhi VS Brahmins प्रीतम लोधी के बहाने जातीय ध्रुवीकरण और सवर्ण बनाम ओबीसी की सियासत को हवा देने की कोशिश

बीजेपी से निष्कासित नेता प्रीतम लोधी के ब्राह्मणों पर दिये विवादित बयान के बाद सियासत गर्मा गई है. इस मामले में बागेश्वर धाम के कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री भी कूद पड़े हैं. उन्होंने प्रीतम लोधी को खुली चुनौती दे डाली. इधर कथावाचक के बयान के बाद लोधी समुदाय की साधना भारती भी मैदान में आ गई हैं. उन्होंने प्रीतम लोधी के डीएनए पर उंगली उठाने के सवाल को मातृ शक्ति का अपमान बताते हुए कथावाचक से माफी मांगने की बात कही है. Pritam Lodhi VS Brahmins, Mission 2023 MP lodhi Vote Bank Politics, Pritam Lodhi Statements

Lodhi VS Brahmins
प्रीतम लोधी का बयान
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Published : Aug 25, 2022, 8:59 AM IST

Updated : Aug 25, 2022, 7:58 PM IST

सागर। कथावाचकों और ब्राह्मणों पर अभद्र टिप्पणी कर भाजपा से निष्कासित हुए प्रीतम लोधी आक्रमक राजनीति की मिसाल बन रहे हैं. इस घटनाक्रम के जरिए प्रीतम लोधी और लोधी समुदाय जातीय ध्रुवीकरण के साथ-साथ ओबीसी और सवर्ण की लड़ाई को हवा दे रहे हैं. प्रीतम लोधी के बयान के बाद पूरे प्रदेश में ब्राह्मणों की नाराजगी को देखते हुए भाजपा ने निष्कासन की कार्रवाई तो कर दी, लेकिन इसके बाद बुंदेलखंड के प्रसिद्ध कथा वाचक धीरेंद्र कुमार शास्त्री की प्रीतम लोधी पर की गई टिप्पणी को मुद्दा बनाकर लोधी और ओबीसी एकता की सियासत को हवा देने कई नेता परदे के पीछे तो कई खुलेआम सक्रिय हैं. कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री के बाद कांंग्रेस से जुड़ी लोधी समुदाय की साधना भारती ने भी आग में घी डालने का काम किया है और धीरेंद्र शास्त्री पर निशाना साधा है. हालांकि कांंग्रेस इस मामले में चुप्पी साधे हुए है और सियासी हवा का अंदाजा ले रही है. फिलहाल इस घटनाक्रम में लोधी समुदाय आक्रमक तरीके से ब्राह्मण विरोध के साथ-साथ ओबीसी एकता को हवा देकर प्रदेश की सियासी फिजा बदलने की कोशिश कर रहा है. Pritam Lodhi VS Brahmins, Mission 2023 MP lodhi Vote Bank Politics

प्रीतम लोधी का बयान

13 साल की लड़की के साथ दुष्कर्म की घटना बनी आधार: सागर जिले के बंडा थाने में 13 अगस्त को एक दुष्कर्म का मामला सामने आया था. जिसमें आरोप था कि बंडा के खजराभेड़ा गांव में एक 13 साल की लड़की के साथ 56 साल के बुजुर्ग ने दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया था. इसमें पीड़िता लोधी समुदाय की लड़की थी और जिस बुजुर्ग पर आरोप लगे थे,वह ब्राह्मण समुदाय का था. मामले की गंभीरता देखते हुए पुलिस ने तत्काल आरोपी को गिरफ्तार कर अपहरण,रेप और पाक्सो एक्ट में न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया था. लेकिन इसके बाद मामले को सियासी हवा देने बंडा में ओबीसी महासभा और भीम आर्मी ने एकजुट होकर आरोपी को फांसी देने और उसका घर ढहाए जाने की मांग को लेकर आंदोलन किया. जिस पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था.

प्रीतम लोधी ने ब्राह्मणों और कथावाचकों पर अभद्र टिप्पणी: घटनाक्रम यहीं नहीं थमा, इसके बाद भाजपा के लोधी समुदाय के नेता प्रीतम लोधी ने ब्राह्मणों और कथा भाजपा के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिए थे. इस वीडियो में कथावाचकों के साथ महिलाओं पर भी निशाना साधा गया था. बयान का वीडियो वायरल होते ही ब्राह्मण समाज पूरे प्रदेश में सड़क पर उतर आया था. जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे थे और प्रीतम लोधी पर FIR दर्ज कराई जा रही थी. प्रीतम लोधी ने अपने बयान को लेकर माफी भी मांगी थी. लेकिन प्रदेश भर में हो रहे विरोध को देखते हुए भाजपा ने प्रीतम लोधी को निष्कासित कर दिया.

निष्कासन के बाद प्रीतम लोधी ने किए जातीय ध्रुवीकरण के प्रयास: भाजपा से निष्कासन के बाद प्रीतम लोधी ने एक तरह से अपने आप को शहीद की तरह पेश किया और पार्टी से नाराजगी बताते हुए आक्रमक राजनीति पर उतर आए. उन्होंने इस सारे घटनाक्रम के जरिए जातीय ध्रुवीकरण के प्रयास तेज कर दिए. प्रीतम लोधी के निष्कासन के बाद लोधी और ब्राह्मण समुदाय आमने-सामने आ गए. इस मुद्दे को एक कदम आगे बढ़कर वर्गीय ध्रुवीकरण का भी हिस्सा बनाने की कोशिश की जा रही है. ओबीसी बनाम सवर्ण राजनीति का भी यह मुद्दा बन चुका है. ओबीसी महासभा के साथ-साथ भीम आर्मी और अन्य सामाजिक संगठन इसे मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहे हैं.

बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ प्रीतम लोधी की अभद्र टिप्पणी, सामने आने की दी चुनौती

कथावाचक शास्त्री के बयान ने आग में घी डालने का काम किया: जातीय और वर्गीय ध्रुवीकरण के प्रयास में लगे नेताओं के लिए बुंदेलखंड के बागेश्वर धाम के प्रसिद्ध कथा वाचक धीरेंद्र शास्त्री का बयान और मददगार साबित हुआ. दरअसल धीरेंद्र शास्त्री ने अपनी कथा के दौरान प्रीतम लोधी के बयान को लेकर उन पर जमकर निशाना साधा और कई आपत्तिजनक बातें कहीं. कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री ने प्रीतम लोधी का नाम लिए बिना उनके पिता पर और DNA को लेकर भी सवाल खड़े कर दिया. इस मुद्दे ने इस सियासत की आग में घी डालने का काम किया. Narrator Dhirendra Shastri statement

बागेश्वर धाम के कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री ने प्रीतम लोधी पर साधा निशाना

कथावाचक के बयान के बाद लोधी समुदाय की साधना भारती भी मैदान में: कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री का बयान सामने आने के बाद लोधी समुदाय और उग्र हो गया. कांग्रेस की स्टार प्रचारक लोधी समुदाय की साधना भारती भी मैदान में उतर आई और उन्होंने खुलकर प्रीतम लोधी का पक्ष लिया. उन्होंने प्रीतम लोधी की टिप्पणी के बाद माफी मांगने पर भी भाजपा की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए. वहीं कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री द्वारा प्रीतम लोधी के डीएनए पर उंगली उठाने के सवाल को मातृ शक्ति का अपमान बताते हुए उनसे माफी की मांग कर डाली. हालांकि कांग्रेस ने साधना भारती के बयान से पल्ला झाड़ लिया है, पार्टी ने कहा है कि इस घटनाक्रम को लेकर हम पहले ही पक्ष रख चुके हैं. मौजूदा घटनाक्रम या बयानों से पार्टी इत्तेफाक नहीं रखती.

2023 विधानसभा चुनाव की बिछाई जा रही है बिसात: पूरे घटनाक्रम को लेकर अब सिर्फ सियासी बिसात बिछाने का काम चल रहा है. अगले साल 2023 में मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. आमतौर पर भाजपा का वोट बैंक माने जाने वाले लोधी समुदाय को प्रीतम लोधी पर कार्रवाई कर भाजपा ने नाराज कर दिया है. प्रीतम लोधी निष्कासन के बाद जिस तरह आक्रमक राजनीति कर रहे हैं और उन्हें सजातीय बंधुओं का समर्थन मिल रहा है, उससे साफ है कि इस घटनाक्रम के सियासी फायदे और नुकसान का आकलन कर सियासत की जा रही है. चर्चा तो यहां तक है कि भाजपा को सबक सिखाने के लिए कई दिग्गज नेता पर्दे के पीछे सक्रिय हैं. वही कांग्रेस इंतजार की मुद्रा में है. Lodhi VS Brahmins, Mission 2023 MP lodhi Vote Bank Politics, Congress Sadhna Bharti Targets Narrator Dhirendra Shastri, Preetam Singh Lodhi

सागर। कथावाचकों और ब्राह्मणों पर अभद्र टिप्पणी कर भाजपा से निष्कासित हुए प्रीतम लोधी आक्रमक राजनीति की मिसाल बन रहे हैं. इस घटनाक्रम के जरिए प्रीतम लोधी और लोधी समुदाय जातीय ध्रुवीकरण के साथ-साथ ओबीसी और सवर्ण की लड़ाई को हवा दे रहे हैं. प्रीतम लोधी के बयान के बाद पूरे प्रदेश में ब्राह्मणों की नाराजगी को देखते हुए भाजपा ने निष्कासन की कार्रवाई तो कर दी, लेकिन इसके बाद बुंदेलखंड के प्रसिद्ध कथा वाचक धीरेंद्र कुमार शास्त्री की प्रीतम लोधी पर की गई टिप्पणी को मुद्दा बनाकर लोधी और ओबीसी एकता की सियासत को हवा देने कई नेता परदे के पीछे तो कई खुलेआम सक्रिय हैं. कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री के बाद कांंग्रेस से जुड़ी लोधी समुदाय की साधना भारती ने भी आग में घी डालने का काम किया है और धीरेंद्र शास्त्री पर निशाना साधा है. हालांकि कांंग्रेस इस मामले में चुप्पी साधे हुए है और सियासी हवा का अंदाजा ले रही है. फिलहाल इस घटनाक्रम में लोधी समुदाय आक्रमक तरीके से ब्राह्मण विरोध के साथ-साथ ओबीसी एकता को हवा देकर प्रदेश की सियासी फिजा बदलने की कोशिश कर रहा है. Pritam Lodhi VS Brahmins, Mission 2023 MP lodhi Vote Bank Politics

प्रीतम लोधी का बयान

13 साल की लड़की के साथ दुष्कर्म की घटना बनी आधार: सागर जिले के बंडा थाने में 13 अगस्त को एक दुष्कर्म का मामला सामने आया था. जिसमें आरोप था कि बंडा के खजराभेड़ा गांव में एक 13 साल की लड़की के साथ 56 साल के बुजुर्ग ने दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया था. इसमें पीड़िता लोधी समुदाय की लड़की थी और जिस बुजुर्ग पर आरोप लगे थे,वह ब्राह्मण समुदाय का था. मामले की गंभीरता देखते हुए पुलिस ने तत्काल आरोपी को गिरफ्तार कर अपहरण,रेप और पाक्सो एक्ट में न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया था. लेकिन इसके बाद मामले को सियासी हवा देने बंडा में ओबीसी महासभा और भीम आर्मी ने एकजुट होकर आरोपी को फांसी देने और उसका घर ढहाए जाने की मांग को लेकर आंदोलन किया. जिस पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था.

प्रीतम लोधी ने ब्राह्मणों और कथावाचकों पर अभद्र टिप्पणी: घटनाक्रम यहीं नहीं थमा, इसके बाद भाजपा के लोधी समुदाय के नेता प्रीतम लोधी ने ब्राह्मणों और कथा भाजपा के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिए थे. इस वीडियो में कथावाचकों के साथ महिलाओं पर भी निशाना साधा गया था. बयान का वीडियो वायरल होते ही ब्राह्मण समाज पूरे प्रदेश में सड़क पर उतर आया था. जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे थे और प्रीतम लोधी पर FIR दर्ज कराई जा रही थी. प्रीतम लोधी ने अपने बयान को लेकर माफी भी मांगी थी. लेकिन प्रदेश भर में हो रहे विरोध को देखते हुए भाजपा ने प्रीतम लोधी को निष्कासित कर दिया.

निष्कासन के बाद प्रीतम लोधी ने किए जातीय ध्रुवीकरण के प्रयास: भाजपा से निष्कासन के बाद प्रीतम लोधी ने एक तरह से अपने आप को शहीद की तरह पेश किया और पार्टी से नाराजगी बताते हुए आक्रमक राजनीति पर उतर आए. उन्होंने इस सारे घटनाक्रम के जरिए जातीय ध्रुवीकरण के प्रयास तेज कर दिए. प्रीतम लोधी के निष्कासन के बाद लोधी और ब्राह्मण समुदाय आमने-सामने आ गए. इस मुद्दे को एक कदम आगे बढ़कर वर्गीय ध्रुवीकरण का भी हिस्सा बनाने की कोशिश की जा रही है. ओबीसी बनाम सवर्ण राजनीति का भी यह मुद्दा बन चुका है. ओबीसी महासभा के साथ-साथ भीम आर्मी और अन्य सामाजिक संगठन इसे मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहे हैं.

बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ प्रीतम लोधी की अभद्र टिप्पणी, सामने आने की दी चुनौती

कथावाचक शास्त्री के बयान ने आग में घी डालने का काम किया: जातीय और वर्गीय ध्रुवीकरण के प्रयास में लगे नेताओं के लिए बुंदेलखंड के बागेश्वर धाम के प्रसिद्ध कथा वाचक धीरेंद्र शास्त्री का बयान और मददगार साबित हुआ. दरअसल धीरेंद्र शास्त्री ने अपनी कथा के दौरान प्रीतम लोधी के बयान को लेकर उन पर जमकर निशाना साधा और कई आपत्तिजनक बातें कहीं. कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री ने प्रीतम लोधी का नाम लिए बिना उनके पिता पर और DNA को लेकर भी सवाल खड़े कर दिया. इस मुद्दे ने इस सियासत की आग में घी डालने का काम किया. Narrator Dhirendra Shastri statement

बागेश्वर धाम के कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री ने प्रीतम लोधी पर साधा निशाना

कथावाचक के बयान के बाद लोधी समुदाय की साधना भारती भी मैदान में: कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री का बयान सामने आने के बाद लोधी समुदाय और उग्र हो गया. कांग्रेस की स्टार प्रचारक लोधी समुदाय की साधना भारती भी मैदान में उतर आई और उन्होंने खुलकर प्रीतम लोधी का पक्ष लिया. उन्होंने प्रीतम लोधी की टिप्पणी के बाद माफी मांगने पर भी भाजपा की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए. वहीं कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री द्वारा प्रीतम लोधी के डीएनए पर उंगली उठाने के सवाल को मातृ शक्ति का अपमान बताते हुए उनसे माफी की मांग कर डाली. हालांकि कांग्रेस ने साधना भारती के बयान से पल्ला झाड़ लिया है, पार्टी ने कहा है कि इस घटनाक्रम को लेकर हम पहले ही पक्ष रख चुके हैं. मौजूदा घटनाक्रम या बयानों से पार्टी इत्तेफाक नहीं रखती.

2023 विधानसभा चुनाव की बिछाई जा रही है बिसात: पूरे घटनाक्रम को लेकर अब सिर्फ सियासी बिसात बिछाने का काम चल रहा है. अगले साल 2023 में मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. आमतौर पर भाजपा का वोट बैंक माने जाने वाले लोधी समुदाय को प्रीतम लोधी पर कार्रवाई कर भाजपा ने नाराज कर दिया है. प्रीतम लोधी निष्कासन के बाद जिस तरह आक्रमक राजनीति कर रहे हैं और उन्हें सजातीय बंधुओं का समर्थन मिल रहा है, उससे साफ है कि इस घटनाक्रम के सियासी फायदे और नुकसान का आकलन कर सियासत की जा रही है. चर्चा तो यहां तक है कि भाजपा को सबक सिखाने के लिए कई दिग्गज नेता पर्दे के पीछे सक्रिय हैं. वही कांग्रेस इंतजार की मुद्रा में है. Lodhi VS Brahmins, Mission 2023 MP lodhi Vote Bank Politics, Congress Sadhna Bharti Targets Narrator Dhirendra Shastri, Preetam Singh Lodhi

Last Updated : Aug 25, 2022, 7:58 PM IST
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