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थाई अमरूद से लखपति बनेंगी महिला किसान, बाजार में है दोगुनी कीमत, स्वसहायता समूह की देखरेख में लगे 50000 पौधे - ईटीवी भारत

बुंदेलखंड की महिला किसान अब आधुनिक कृषि की तरफ आकर्षित हो रही हैं. सागर के 11 विकासखंडों की करीब 1000 महिलाओं ने ग्रामीण इलाकों में 50 हजार थाई अमरूद के पौधे लगाए हैं. माना जा रहा है कि थाई अमरूद की खेती से ज्यादा मुनाफा कमाया जा सकता है.

थाई अमरूद
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Published : Sep 19, 2021, 5:22 PM IST

सागर। बुंदेलखंड की महिला किसान अब आधुनिक कृषि की तरफ आकर्षित हो रही हैं. इसके लिए सरकारी योजनाओं का भी उन्हें भरपूर सहारा मिल रहा है. इसी कड़ी में मध्यप्रदेश आजीविका मिशन के प्रयासों से सागर जिले में महिला किसान थाई अमरूद की खेती कर रही हैं. जिले की 11 विकासखंड की करीब 1000 महिलाओं ने ग्रामीण इलाकों में करीब 50 हजार थाई अमरूद के पौधे लगाए हैं. थाई अमरूद का पौधा डेढ़ साल में फसल देने लगता है, इसका एक फल 2 किलो तक का हो सकता है. इन थाई अमरूदों की कीमत सामान्य अमरूद से काफी ज्यादा होती है. इसकी खेती करने से अब महिलाएं ज्यादा मुनाफा कमा सकती हैं. रिपोर्ट पढ़ें

थाई अमरूद

थाई अमरूद की खेती को प्रोत्साहन

मध्य प्रदेश आजीविका मिशन की सागर जिला अधिकारी द्वारा महिला स्व सहायता समूह को थाई अमरूद की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. इसके लिए आजीविका मिशन द्वारा थाई अमरूद के 50 हजार पौधे बुलाए गए हैं. जिनका रोपड़ सभी विकासखंड में महिला स्व-सहायता समूह द्वारा किया गया है. यही महिलाएं इसकी देखरेख भी करेंगी. सभी विकासखंड की करीब 1 हजार महिलाएं थाई अमरूद की खेती कर रही हैं.

महिला स्वसहायता समूह को जिम्मेदारी
महिला स्वसहायता समूह को जिम्मेदारी

थाई अमरूद की विशेषताएं

थाई अमरूद की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि थाई अमरूद का पौधा 18 महीने में ही फल देने लगता है. इसकी खास बात ये भी है कि यह साल में दो बार फल देता है और थाई अमरूद सामान्य अमरूद से काफी बड़ा होता है. इसका वजन 1 किलो से लेकर 2 किलो तक होता है. थाई अमरूद की सामान्य अमरूद से कीमत भी काफी ज्यादा होती है. स्वास्थ्य के लिहाज से भी यह लो शुगर वाला होता है.

ऐसे करें थाई अमरूद की खेती

एक एकड़ में थाई अमरूद के 400 से 500 पेड़ लगाए जा सकते हैं. एक थाई अमरूद के बीज की दूरी 12 फीट और बगल की दूरी करीब 8 फीट होना चाहिए. थाई अमरूद की खेती में मुनाफा पाने के लिए कम से कम 1 एकड़ में फसल लगाना जरूरी है. एक एकड़ में थाई अमरूद के पौधों का रोपण करने के लिए करीब 1 लाख रुपए तक का खर्च आता है. एक पेड़ से 30-40 किलो अमरूद की फसल होती है. खास बात यह है कि इसकी कीमत बाजार में बिकने वाले सामान्य अमरूद से दोगुनी तक होती है. थाई अमरूद बाजार में डेढ़ सौ रुपए किलो तक बिक जाता है.

वजन 1 से लेकर 2 किलो तक
वजन 1 से लेकर 2 किलो तक

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फल की करनी पड़ती है विशेष देखरेख

जानकार बताते हैं कि थाई अमरूद के फल आने के बाद इसकी विशेष देखरेख करनी होती है. अगर पौधे में एक साथ कई फल आ जाते हैं, तो आसपास के फल तोड़कर केवल एक फल को बचाना होता है. इसके अलावा फलों को सुरक्षित करने के लिए बैगिंग करनी होती है. हर फल की बैगिंग पर 5 रुपए से लेकर 8 रुपए तक का खर्च आता है.

महिलाएं कमा सकेंगी ज्यादा मुनाफा

सागर जिले के सभी विकासखंडों में थाई अमरूद का पौधा रोपण किया गया है. अंदाजा लगाया जा रहा है कि डेढ़ साल बाद यह पौधे फल देना शुरू कर देंगे. मध्य प्रदेश आजीविका मिशन ने तय किया है कि महिलाओं की ज्यादा आमदनी हो और अच्छा मुनाफा हो, इसके लिए प्रदेश और राज्य के बाहर की बड़ी मंडियों में अमरूद की फसल भेजी जाएगी.

सागर। बुंदेलखंड की महिला किसान अब आधुनिक कृषि की तरफ आकर्षित हो रही हैं. इसके लिए सरकारी योजनाओं का भी उन्हें भरपूर सहारा मिल रहा है. इसी कड़ी में मध्यप्रदेश आजीविका मिशन के प्रयासों से सागर जिले में महिला किसान थाई अमरूद की खेती कर रही हैं. जिले की 11 विकासखंड की करीब 1000 महिलाओं ने ग्रामीण इलाकों में करीब 50 हजार थाई अमरूद के पौधे लगाए हैं. थाई अमरूद का पौधा डेढ़ साल में फसल देने लगता है, इसका एक फल 2 किलो तक का हो सकता है. इन थाई अमरूदों की कीमत सामान्य अमरूद से काफी ज्यादा होती है. इसकी खेती करने से अब महिलाएं ज्यादा मुनाफा कमा सकती हैं. रिपोर्ट पढ़ें

थाई अमरूद

थाई अमरूद की खेती को प्रोत्साहन

मध्य प्रदेश आजीविका मिशन की सागर जिला अधिकारी द्वारा महिला स्व सहायता समूह को थाई अमरूद की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. इसके लिए आजीविका मिशन द्वारा थाई अमरूद के 50 हजार पौधे बुलाए गए हैं. जिनका रोपड़ सभी विकासखंड में महिला स्व-सहायता समूह द्वारा किया गया है. यही महिलाएं इसकी देखरेख भी करेंगी. सभी विकासखंड की करीब 1 हजार महिलाएं थाई अमरूद की खेती कर रही हैं.

महिला स्वसहायता समूह को जिम्मेदारी
महिला स्वसहायता समूह को जिम्मेदारी

थाई अमरूद की विशेषताएं

थाई अमरूद की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि थाई अमरूद का पौधा 18 महीने में ही फल देने लगता है. इसकी खास बात ये भी है कि यह साल में दो बार फल देता है और थाई अमरूद सामान्य अमरूद से काफी बड़ा होता है. इसका वजन 1 किलो से लेकर 2 किलो तक होता है. थाई अमरूद की सामान्य अमरूद से कीमत भी काफी ज्यादा होती है. स्वास्थ्य के लिहाज से भी यह लो शुगर वाला होता है.

ऐसे करें थाई अमरूद की खेती

एक एकड़ में थाई अमरूद के 400 से 500 पेड़ लगाए जा सकते हैं. एक थाई अमरूद के बीज की दूरी 12 फीट और बगल की दूरी करीब 8 फीट होना चाहिए. थाई अमरूद की खेती में मुनाफा पाने के लिए कम से कम 1 एकड़ में फसल लगाना जरूरी है. एक एकड़ में थाई अमरूद के पौधों का रोपण करने के लिए करीब 1 लाख रुपए तक का खर्च आता है. एक पेड़ से 30-40 किलो अमरूद की फसल होती है. खास बात यह है कि इसकी कीमत बाजार में बिकने वाले सामान्य अमरूद से दोगुनी तक होती है. थाई अमरूद बाजार में डेढ़ सौ रुपए किलो तक बिक जाता है.

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फल की करनी पड़ती है विशेष देखरेख

जानकार बताते हैं कि थाई अमरूद के फल आने के बाद इसकी विशेष देखरेख करनी होती है. अगर पौधे में एक साथ कई फल आ जाते हैं, तो आसपास के फल तोड़कर केवल एक फल को बचाना होता है. इसके अलावा फलों को सुरक्षित करने के लिए बैगिंग करनी होती है. हर फल की बैगिंग पर 5 रुपए से लेकर 8 रुपए तक का खर्च आता है.

महिलाएं कमा सकेंगी ज्यादा मुनाफा

सागर जिले के सभी विकासखंडों में थाई अमरूद का पौधा रोपण किया गया है. अंदाजा लगाया जा रहा है कि डेढ़ साल बाद यह पौधे फल देना शुरू कर देंगे. मध्य प्रदेश आजीविका मिशन ने तय किया है कि महिलाओं की ज्यादा आमदनी हो और अच्छा मुनाफा हो, इसके लिए प्रदेश और राज्य के बाहर की बड़ी मंडियों में अमरूद की फसल भेजी जाएगी.

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