सागर(Sagar)। कोरोना की तीसरी लहर (Corona Third wave) की आशंका के बीच नवरात्रि के अवसर पर गाइडलाइन के जरिए सरकार ने कमर्शियल तौर पर आयोजित होने वाले गरबा को छोड़कर अन्य गरबा आयोजन के लिए अनुमति तो दे दी गई है. लेकिन इन आयोजनों में ना तो कोरोना गाइडलाइन (Corona Guideline) का पालन किया जा रहा है, ना ही नवरात्रि की गरिमा का ध्यान रखा जा रहा है. फिल्मों के आपत्तिजनक गानों पर भी गरबा हो रहा है. जिसको लेकर हिंदूवादी संगठन पहले ही विरोध जता रहे थे, वहीं अब वह और भी ज्यादा मुखर हो गए हैं. हालांकि प्रशासन का कहना है कि गाइडलाइन का ध्यान रखा जा रहा है.
आपत्तिजनक गानों पर गरबा, शिवसेना का विरोध
सागर में प्रशासन की अनुमति के बाद गरबे का आयोजन किया गया है. स्थानीय क्रॉउन पैलेस होटल में गरबे के आयोजन के दौरान कोरोना गाइडलाइन का पालन ना होने, और फिल्मों के आपत्तिजनक गानों पर गरबा को लेकर विरोध हो रहा है. इसको लेकर शिवसेना ने फिर से आपत्ति जताई है. शिवसेना का कहना है कि गरबे की प्रैक्टिस के दौरान ही इस तरह की बातें सामने आई थी, और शिवसेना ने आंदोलन किया था.
शिवसेना की मांग थी कि गरबे में आधार कार्ड अनिवार्य किया जाए, और फिल्मी और अश्लील गानों पर गरबे का आयोजन ना हो. प्रशासन ने शिवसैनिकों को आश्वस्त किया था कि इस तरह की स्थिति नहीं बनेगी. इसके बावजूद भी स्थानीय होटल क्रॉउन पैलेस का एक वीडियो वायरल हुआ है. जिसमें आपत्तिजनक फिल्मी गानों पर गरबा हो रहा है.
क्या कहना है पुलिस-प्रशासन का
मामले में एडिशनल एसपी विक्रम कुशवाहा का कहना है कि गाइडलाइन के तहत कमर्शियल गरीबों के लिए अनुमति नहीं हैं. कॉलोनी और सोसाइटी स्तर पर गरबा का आयोजन हो सकता है. लेकिन कोरोना गाइडलाइन का पालन करना है, जिस पर हमारी अलग-अलग टीमें नजर रख रही हैं. इसके अलावा जो शिकायतें सामने आ रही हैं, उनकी जांच टीमें भेजकर करवाई जा रही है.
क्या है नवरात्रि को लेकर गाइडलाइन ?
कोरोना की वजह से इस बार भी नवरात्रि पर सरकार द्वारा अलग से गाइडलाइन जारी की गई. जिसके तहत कमर्शियल तौर पर गरबा आयोजन पर रोक है. कॉलोनी और सोसायटी में भी बिना अनुमति के गरबा नहीं हो सकेंगे. वहीं 10 बजे तक ही गरबे का आयोजन होगा, इतने बजे तक ही डीजे और बैंड बजाने की अनुमति है. इसके अलावा कोरोना गाइडलाइन की सावधानियां भी माननी होगी.