सागर। बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज पर नवजात बच्चे को बदले जाने का आरोप लगा है, बुधवार को सागर के केरबना के परिवार ने गोपालगंज थाने में शिकायत दर्ज कराई है कि 4 अक्टूबर को केरबना की रहने वाली प्रीति पति सुनील तिवारी ने बीएमसी में ऑपरेशन के जरिए एक बच्चे को जन्म दिया था, बीएमसी के डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ ने बताया था कि बच्चा कमजोर है, इसलिए उसे एनआईसीयू में रखा जाएगा. 4 अक्टूबर की शाम को बच्चे को एनआईसीयू ले जाया गया, इसके बाद 5 अक्टूबर को सुबह परिजनों ने बच्चे को देखने की मांग की, लेकिन उन्हें बच्चा नहीं दिखाया गया. दोपहर बाद उन्हें बताया गया कि उनका बच्चा मृत हो गया है और परिजनों को बच्चे का शव सौंप दिया गया, जिसे गोपालगंज मुक्तिधाम में दफना दिया गया. फिलहाल अब परिजनों ने आरोप लगाया है कि उनका बच्चा बदल दिया गया है. (Sagar Bundelkhand Medical College)
डीएम टेस्ट की मांग: शिकायतकर्ता परिवार का कहना है कि "प्रीति तिवारी के बच्चे ने जब जन्म लिया था. उसका वजन 2 किलो 700 ग्राम था और जो मृत बच्चा होने सौंपा गया, वह काफी ज्यादा वजन का था. इसके अलावा बच्चे के शरीर पर उसकी मां का नाम लिखा जाता है।लेकिन जो मृत बच्चा हमें सौंपा गया, उसके शरीर पर प्रीति की जगह रोशनी नाम लिखा गया है. हम चाहते हैं कि हमें मेडिकल कॉलेज के वार्ड के सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराए जाएं और बच्चे का डीएनए टेस्ट कराया जाए."
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क्या कहना है बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज का: बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज पर लगे गंभीर आरोप के बाद अब बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज सफाई देता फिर रहा है, पहले जहां पीड़ित परिवार को सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध नहीं कराए जा रहे थे. आज उन्हें सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराए गए हैं, इसके पहले भी जब बच्चे चोरी की घटना सामने आई थी, तो सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध नहीं थे. बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के मीडिया अधिकारी उमेश पटेल का कहना है कि, "कुछ सीसीटीवी कैमरे खराब हो गए हैं, जो अंडर मेंटेनेंस हैं. हालांकि जिस वार्ड में बच्चा था, वहां के सीसीटीवी फुटेज शिकायतकर्ता परिवार को उपलब्ध कराए जा रहे हैं."