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मामा की 'मनमानी' पुलिस, भांजियों की शिकायत करती है अनसुना

सागर में महिला और उसकी बच्ची के साथ हुई छेड़छाड़ और मारपीट के मामले में पुलिस की भारी लापरवाही सामने आई है, जहां मोती नगर थाना पहुंची दलित महिला की शिकायत को झूठा बताते हुए अनसुना कर दिया गया.

Moti Nagar police Sagar not register complaint of Dalit woman in molestation case
पुलिस ने दर्ज नहीं की महिला की शिकायत
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Published : Feb 4, 2021, 9:50 PM IST

सागर। महिलाओं के साथ होने वाली छेड़खानी की घटनाएं हों या फिर ज्यादती की, इन घटनाओं ने मध्य प्रदेश का सर पूरे देश में शर्मसार कर दिया है. महिलाओं को सम्मान मिले और महिला अपराध पर लगाम लगे. इसके लिए शिवराज सरकार सम्मान अभियान चला रही है, लेकिन दूसरी तरफ थानों में तैनात पुलिस बल सरकार की इस मुहिम को धता बता रहे हैं.

पुलिस ने दर्ज नहीं की महिला की शिकायत

हालात ये हैं कि सागर संभागीय मुख्यालय पर एक दलित महिला रात 3 बजे अपने साथ हुई छेड़खानी की घटना की शिकायत दर्ज कराने थाने में गुहार लगाती रही, लेकिन थाने में मौजूद पुलिस बल ने एक नहीं सुनी. सुबह जब महिला ने पुलिस अधीक्षक को आपबीती सुनाई, तब जाकर महिला को थाने भेजा गया और उसकी रिपोर्ट दर्ज की गई.

क्या है पूरा मामला

सागर के मोती नगर थाना क्षेत्र में रहने वाली दलित महिला किसी काम से पड़ोस में गई थी. उस दौरान उसकी बेटी घर पर अकेली थी. इसी बीच महिला के परिचित तीन लोग शराब के नशे में महिला के घर पहुंचे और अकेली लड़की के साथ छेड़खानी की. महिला जब घर पहुंची तो आरोपियों ने उसके साथ भी मारपीट और छेड़खानी की घटना को अंजाम दिया. विरोध में महिला द्वारा आवाज लगाए जाने पर पड़ोस के लोग पहुंचे तो आरोपियों ने उनके साथ भी मारपीट की.

बुधवार को करीब रात 9 बजे घटी इस घटना की रिपोर्ट दर्ज कराने महिला जब मोती नगर थाना पहुंची, तो पुलिस वालों ने उसकी रिपोर्ट को झूठा करार दिया, महिला थाने में रात 3 बजे तक गिड़गिड़ाती रही, लेकिन पुलिस में रिपोर्ट नहीं लिखी. मामला जब पुलिस अधीक्षक के पास पहुंचा, तब जाकर मोती नगर थाना में सुनवाई शुरू हुई.

एडिशनल एसपी के निर्देश पर शुरू हुई जांच

पुलिस अधीक्षक सागर के निर्देश पर एडिशनल एसपी विक्रम सिंह ने तत्काल मोती नगर थाना प्रभारी को निर्देश देकर महिला की शिकायत पर जांच कर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं.

सागर। महिलाओं के साथ होने वाली छेड़खानी की घटनाएं हों या फिर ज्यादती की, इन घटनाओं ने मध्य प्रदेश का सर पूरे देश में शर्मसार कर दिया है. महिलाओं को सम्मान मिले और महिला अपराध पर लगाम लगे. इसके लिए शिवराज सरकार सम्मान अभियान चला रही है, लेकिन दूसरी तरफ थानों में तैनात पुलिस बल सरकार की इस मुहिम को धता बता रहे हैं.

पुलिस ने दर्ज नहीं की महिला की शिकायत

हालात ये हैं कि सागर संभागीय मुख्यालय पर एक दलित महिला रात 3 बजे अपने साथ हुई छेड़खानी की घटना की शिकायत दर्ज कराने थाने में गुहार लगाती रही, लेकिन थाने में मौजूद पुलिस बल ने एक नहीं सुनी. सुबह जब महिला ने पुलिस अधीक्षक को आपबीती सुनाई, तब जाकर महिला को थाने भेजा गया और उसकी रिपोर्ट दर्ज की गई.

क्या है पूरा मामला

सागर के मोती नगर थाना क्षेत्र में रहने वाली दलित महिला किसी काम से पड़ोस में गई थी. उस दौरान उसकी बेटी घर पर अकेली थी. इसी बीच महिला के परिचित तीन लोग शराब के नशे में महिला के घर पहुंचे और अकेली लड़की के साथ छेड़खानी की. महिला जब घर पहुंची तो आरोपियों ने उसके साथ भी मारपीट और छेड़खानी की घटना को अंजाम दिया. विरोध में महिला द्वारा आवाज लगाए जाने पर पड़ोस के लोग पहुंचे तो आरोपियों ने उनके साथ भी मारपीट की.

बुधवार को करीब रात 9 बजे घटी इस घटना की रिपोर्ट दर्ज कराने महिला जब मोती नगर थाना पहुंची, तो पुलिस वालों ने उसकी रिपोर्ट को झूठा करार दिया, महिला थाने में रात 3 बजे तक गिड़गिड़ाती रही, लेकिन पुलिस में रिपोर्ट नहीं लिखी. मामला जब पुलिस अधीक्षक के पास पहुंचा, तब जाकर मोती नगर थाना में सुनवाई शुरू हुई.

एडिशनल एसपी के निर्देश पर शुरू हुई जांच

पुलिस अधीक्षक सागर के निर्देश पर एडिशनल एसपी विक्रम सिंह ने तत्काल मोती नगर थाना प्रभारी को निर्देश देकर महिला की शिकायत पर जांच कर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं.

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