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शिवराज के इस मंत्री से सिंधिया ने किया वादा, मरते दम तक देंगे साथ

जिले के गढ़ाकोटा के ऐतिहासिक महोत्सव में आज आयोजक मंत्री गोपाल भार्गव भावुक हो गए. दरअसल 200 साल से ज्यादा पुराने इस मेले को नया स्वरूप गोपाल भार्गव ने मंत्री बनने के बाद दिया था और पिछले 14 साल से नए स्वरूप में रहते लोक उत्सव का आयोजन होता है.(Rahas mela 2022)

Rahas Mela 2022
रहस लोकोत्सव में पहुंचे मंत्री गोपाल भार्गव और ज्योतिरादित्य सिंधिया
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Published : Mar 11, 2022, 8:34 PM IST

Updated : Mar 12, 2022, 4:02 PM IST

सागर। जिले के गढ़ाकोटा के ऐतिहासिक महोत्सव में आज आयोजक मंत्री गोपाल भार्गव भावुक हो गए. दरअसल 200 साल से ज्यादा पुराने इस मेले को नया स्वरूप गोपाल भार्गव ने मंत्री बनने के बाद दिया था और पिछले 14 साल से नए स्वरूप में रहते लोक उत्सव का आयोजन होता है. इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री गोपाल भार्गव भावुक हो गए जिन्हें सिंधिया ने संभाला. (Rahas mela 2022)

क्यों भावुक हुए गोपाल भार्गव
रहस लोकोत्सव के दूसरे दिन केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया मुख्य अतिथि के रुप में पधारे थे, जहां केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के संबोधन के पहले मंत्री गोपाल भार्गव आयोजन को संबोधित करते हुए भावुक हो गए. इस दौरान उन्होंने कहा कि, मैं रहूं या ना रहूं इस धरोहर को संभाल कर रखना है. आप लोग इस मेले को आगे बढ़ाते रहें, मेले को जीवित रखें. गोपाल भार्गव ने कहा कि, गोपाल भार्गव रहे ना रहे, लेकिन मेला रहना चाहिए. हम लोग तो ऐसे हैं कि, राजनीति में कोई भरोसा नहीं रहता है, जीवन का भी भरोसा नहीं रहता है लेकिन अपनी धरोहर अपनी परंपरा के लिए जो लोग जीते हैं, वही जिंदा रह पाते हैं. जो लोग अपना इतिहास भूल जाते हैं, इतिहास उनको भी भूल जाता है, इतिहास उनको माफ भी नहीं करता है. इसलिए आपसे कहना चाहता हूं कि, मैं रहूं ना रहूं, लेकिन यह आनंद की वर्षा होती रहना चाहिए. यह मेले लगते रहना चाहिए. यह हमारी जीवंतता का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि, मेला मिलन का प्रतीक है. साल भर से कोई नहीं मिला होगा, लेकिन रहस के मेले में मिल जाते हैं, तो आनंद की वर्षा होती है.

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गोपाल भार्गव के साथ खड़े हैं ज्योतिरादित्य सिंधिया
वहीं, गोपाल भार्गव के संबोधन के बाद जब केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सभा को संबोधित किया तो उन्होंने कहा कि, अभी मंच से गोपाल भार्गव कह रहे थे कि मैं रहूं ना रहूं, यह मेला चलते रहना चाहिए. विधि का विधान है, लेकिन मैं रहली की जनता से विश्वास लेना चाहता हूं कि जिस व्यक्ति ने अपना संपूर्ण जीवन आप को समर्पित किया है, जिस व्यक्ति ने जीवन काल और हर क्षण में आपकी आवाज उठाई है, रहली के झंडे की आवाज उठाई है, सागर के झंडे की आवाज उठाई है, उस व्यक्ति का साथ आप और हम मिलकर अंतिम सांस तक देने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि, तालियों की गड़गड़ाहट के साथ मेरी बात का समर्थन करो. ऐसी तालियां बजना चाहिए कि गोपाल भार्गव ने कभी नहीं सुनी हो और गोपाल भार्गव आपके साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया खड़ा है, मैं आपको विश्वास दिलाना चाहता हूं.

सागर। जिले के गढ़ाकोटा के ऐतिहासिक महोत्सव में आज आयोजक मंत्री गोपाल भार्गव भावुक हो गए. दरअसल 200 साल से ज्यादा पुराने इस मेले को नया स्वरूप गोपाल भार्गव ने मंत्री बनने के बाद दिया था और पिछले 14 साल से नए स्वरूप में रहते लोक उत्सव का आयोजन होता है. इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री गोपाल भार्गव भावुक हो गए जिन्हें सिंधिया ने संभाला. (Rahas mela 2022)

क्यों भावुक हुए गोपाल भार्गव
रहस लोकोत्सव के दूसरे दिन केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया मुख्य अतिथि के रुप में पधारे थे, जहां केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के संबोधन के पहले मंत्री गोपाल भार्गव आयोजन को संबोधित करते हुए भावुक हो गए. इस दौरान उन्होंने कहा कि, मैं रहूं या ना रहूं इस धरोहर को संभाल कर रखना है. आप लोग इस मेले को आगे बढ़ाते रहें, मेले को जीवित रखें. गोपाल भार्गव ने कहा कि, गोपाल भार्गव रहे ना रहे, लेकिन मेला रहना चाहिए. हम लोग तो ऐसे हैं कि, राजनीति में कोई भरोसा नहीं रहता है, जीवन का भी भरोसा नहीं रहता है लेकिन अपनी धरोहर अपनी परंपरा के लिए जो लोग जीते हैं, वही जिंदा रह पाते हैं. जो लोग अपना इतिहास भूल जाते हैं, इतिहास उनको भी भूल जाता है, इतिहास उनको माफ भी नहीं करता है. इसलिए आपसे कहना चाहता हूं कि, मैं रहूं ना रहूं, लेकिन यह आनंद की वर्षा होती रहना चाहिए. यह मेले लगते रहना चाहिए. यह हमारी जीवंतता का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि, मेला मिलन का प्रतीक है. साल भर से कोई नहीं मिला होगा, लेकिन रहस के मेले में मिल जाते हैं, तो आनंद की वर्षा होती है.

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गोपाल भार्गव के साथ खड़े हैं ज्योतिरादित्य सिंधिया
वहीं, गोपाल भार्गव के संबोधन के बाद जब केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सभा को संबोधित किया तो उन्होंने कहा कि, अभी मंच से गोपाल भार्गव कह रहे थे कि मैं रहूं ना रहूं, यह मेला चलते रहना चाहिए. विधि का विधान है, लेकिन मैं रहली की जनता से विश्वास लेना चाहता हूं कि जिस व्यक्ति ने अपना संपूर्ण जीवन आप को समर्पित किया है, जिस व्यक्ति ने जीवन काल और हर क्षण में आपकी आवाज उठाई है, रहली के झंडे की आवाज उठाई है, सागर के झंडे की आवाज उठाई है, उस व्यक्ति का साथ आप और हम मिलकर अंतिम सांस तक देने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि, तालियों की गड़गड़ाहट के साथ मेरी बात का समर्थन करो. ऐसी तालियां बजना चाहिए कि गोपाल भार्गव ने कभी नहीं सुनी हो और गोपाल भार्गव आपके साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया खड़ा है, मैं आपको विश्वास दिलाना चाहता हूं.

Last Updated : Mar 12, 2022, 4:02 PM IST
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